1) अल्लेलूया! प्रभु के आदर में नया गीत गाओ, भक्तों की सभा में उसकी स्तुति करो।
2) इस्राएल अपने सृष्टिकर्ता में आनन्द मनाये। सियोन के पुत्र अपने राजा का जयकार करें।
3) वे नृत्य करते हुए उसका नाम धन्य कहें, डफली और सितार बजाते हुए प्रभु का भजन गायें;
4) क्योंकि प्रभु अपनी प्रजा को प्यार करता और पददलितों का उद्धार करता है।
5) प्रभु के भक्त विजय के गीत सुनायें और अपने शिविर में आनन्द मनायें।
6) उनका कण्ठ ईश्वर का गुणगान करे। उनके हाथ में दुधारी तलवार हो,
7) जिससे वे अन्य जातियों से बदला चुकायें, राष्ट्रों को दण्डित करें,
8) उनके राजाओं को बेड़ियाँ पहना दें, उनके नेताओं को लोहे की श्रृंखलाओं से बाँध लें
9) और उनके विरुद्ध दिया हुआ दण्ड पूरा करें। इस में सभी भक्तों का गौरव है। अल्लेलूया!