1) समस्त जातियों! प्रभु की स्तुति करो समस्त राष्ट्रों! उसकी महिमा गाओ;
2) क्योंकि हमारे प्रति उसका प्रेम समर्थ है। उसकी सत्यप्रतिज्ञता सदा-सर्वदा बनी रहती है। अल्लेलूया!