1) योशीया की स्मृति एक सुगन्धित मिश्रण है, जिसे अत्तार की कला ने तैयार किया है।
2) उनकी स्मृति प्रत्येक के मुँह में मधु की तरह मधुर है, अंगूरी की दावत में संगीत की तरह।
3) उन्हें हमारे धर्मत्याग का दुःख था और उन्होंने हमारा घृणित आचरण समाप्त किया।
4) उन्होनें अपना हृदय प्रभु की ओर अभिमुख किया और पाप के युग में उनकी भक्ति दृढ़ बनी रही।
5) दाऊद, हिज़कीया और योशीया को छोड़ कर सब-के-सब पाप-पर-पाप करते रहे;
6) क्योंकि यूदा के सभी राजाओें ने सर्वोच्च प्रभु की संहिता का परित्याग किया।
7) उनका राज्य दूसरों के हाथ चला गया और उनकी महिमा विदेशियों को दी गयी।
8) विदेशियों ने मन्दिर का पावन नगर जलाया और यिरमियाह के कारण उसकी सड़के उजाड़ी;
9) क्योंकि उन्होंने उन पर अत्याचार किया, यद्यपि माता के गर्भ में ही उनका अभिषेक नबी के रूप में हुआ था, जिससे उन्हें उखाड़ने, गिराने एवं नष्ट करने का और इसके बाद निर्माण करने और रोपने का अधिकार मिला था।
10) एज़ेकिएल ने एक दिव्य दर्शन देखा, जिसे प्रभु ने उन्हें केरूबों के रथ पर दिखाया।
11) उन्होंने अय्यूब का स्मरण दिलाया, जो अन्त तक सन्मार्ग से नहीं भटके।
12) बारह नबियों की हड्डियाँ अपने स्थान पर खिल उठे, क्योंकि उन्होंने याकूब केा ढारस बँधाया और अपनी ईमानदारी से उसका उद्धार किया!
13) हम ज़रूबबाबेल की प्रशंसा कैसे करें? वह दाहिने हाथ की मुद्रिका-जैसे थे।
14) योसादाक के पुत्र येशूआ उनके सदृश थे। दोनों ने अपने जीवनकाल में वेदी स्थापित की और प्रभु के नाम पर वह मन्दिर बनवाया, जो उसकी अनन्त महिमा को अर्पित है।
15) नहेम्या की स्मृति भी अमिट है। उन्होनें हमारी गिरायी हुई दीवारों का पुनर्निर्माण किया, उन में फाटक एवं अर्गल लगवाये और हमारे घर फिर से बनवाये।
16) हनोक के सदृश पृथ्वी पर किसी की सृष्टि नहीं हुई; क्योंकि वह पृथ्वी पर से सशरीर उठा लिये गये।
17) यूसुफ के सदृश भी कोई मनुष्य नहीं जन्मा। वह अपने भाईयों के नेता और अपने लोगों के सहायक थे।
18) उनकी हड्डियों का सम्मान किया गया और उन्होंने उनकी मृत्यु के बाद भविष्यवाणी की।
19) सेम और सेत मनुष्यों में यशस्वी थे, किन्तु आदम सृष्टि के सभी प्राणियों में श्रेष्ठ है।