1) बाहरवें वर्ष के बारहवें महीने के पहले दिन मुझे प्रभु की यह वाणी सुनाई पड़ी:
2) “मानवपुत्र! मिस्र के राजा फ़िराउन के विषय में यह शोकगीत गाते हुए उस से कहोः तुम अपने को राष्ट्रों में युवा सिंह समझते हो; तुम समुद्र के पंखदार सर्प-जैसे हो। तुम अपनी ही नदियों में छपछपाते हो, अपने पैरों से जल कँपाते और उनकी नदियों को गँदला करते हो।
3) प्रभु-ईश्वर यह कहता है: विभिन्न जातियों के समूह के बीच मैं तुम पर अपना जाल फैलाऊँगा और तुम्हें फन्दे में फँसा कर खींच लूँगा।
4) मैं तुम्हें ज़मीन पर पटक दूँगा, खुले खेतों में फेंक दूँगा। मैं आकाश के सभी पक्षियों को तुम पर बैठाऊँगा और समस्त पृथ्वी के पशुओं को तुम्हें खा कर तृप्त हो जाने दूँगा।
5) मैं तुम्हारा मांस पर्वतों पर बिखेर दूँगा और तुम्हारे शव से घाटियों को भर दूँगा।
6) मैं पर्वतों के ऊपर तक की भूमि को तुम्हारे बहते हुए रक्त से सींच दूँगा और जलमार्ग तुम से भर जायेंगे।
7) तुम्हें मिटान के बाद आकाश को ढ़ँक दूँगा और उसके तारों को ज्योतिहीन बना दूँगा; मैं सूर्य को मेघों से आच्छादित करूँगा और चन्द्रमा प्रकाशहीन हो जायेगा।
8) मैं आकाश के सभी ज्येतिपिण्डों को तुम्हारे कारण धुँधला दूँगा। और तुम्हारे देश पर अन्धकार फैलाऊँगा। यह प्रभु-ईश्वर की वाणी है।
9) “जब मैं राष्ट्रों में, तुम्हारे लिए अनजान देशों में, तुम को बन्दी बना कर ले जाऊँगा, तो मैं अनेकानेक जातियों के हृदय में बेचैनी भर दूँगा
10) जब मैं उनके सामने अपनी तलवार चलाने लगूँगा, तो तुम को देख कर बहुत-सी जातियाँ डर जायेंगी और तुम्हारे कारण उनके राजा काँपने लगेंगे। तुम्हारे पतन के दिन उन में से प्रत्येक अपनी प्राणों के भय से हर क्षण काँपेगा।
11) प्रभु-ईश्वर का यह कहना है: तुम पर बाबुल के राजा की तलवार टूट पडेगी।
12) मैं उन शक्तिशाली लोगों की तलवार से, जो राष्ट्रों में सब से अधिक भयानक हैं, तुम्हारे जनसमूह का वध कराऊँगा। वे मिस्र का घमण्ड धूल में मिला देंगे और उसके सभी जनसमूह नष्ट हो जायेंगे।
13) मैं जलाश्यों के पास रहने वाले सब पशुओं का विनाश करूँगा। न तो मनुष्य के पाँव उन्हें फिर कभी हिलायेंगे और न पशुओं के खुर उन को आन्दोलित करेंगे।
14) तब मैं उनके जल को स्वच्छ बना दूँगा और उनकी नदियों को तेल की तरह बहने दूँगा। यह प्रभु-ईश्वर की वाणी है।
15) जब मैं मिस्र को उजाड़ बना दूँगा और उस में से कुछ भी हैं, उस से उस देश को ख़ाली कर दूँगा, और उस में निवास करने वालों पर आघात करूँगा, तो वे यह जान जायेंगे कि मैं ही प्रभु हूँ।
16) “यह शोकगीत है, जो गाया जायेगा। इसे राष्ट्रों की पुत्रियाँ गायेंगी। वे इसे मिस्र और इसकी विशाल प्रजा के विषय में गायेंगी यह प्रभु-ईश्वर की वाणी है।“
17) बाहरवें वर्ष के पहले महीने के पन्द्रहवें दिन मुझे प्रभु की यह वाणी सुनाई पड़ीः
18) “मानव पुत्र! मिस्र की विशाल प्रजा के लिए विलाप करो और उन को - उस को और वैभवशाली राष्ट्रों की पुत्रियों को - अधोलोक में उनके साथ उतार दो, जो गर्त्त में चले गये हैं।
19) तुम सौन्दर्य में किस से बढ़ कर हो? नीचे जा कर बेख़तना लोगों के बीच पड़े रहो।’
20) वे उन लोगों के बीच रहेंगे, जो तलवार से मारे गये है और उसके सभी लोग उसके साथ गिर जायेंगे।
21) शक्तिशाली योद्धा और उनके सहायक अधोलोक के भीतर से उनके विषय में यह बोलेंगे, ’वे नीचे आ गये हैं; तलवार से मारे हुए बेख़तना लोग मृत पड़े हैं’।
22) “वहाँ अस्सूर और उसके सभी साथी पड़े हैं; उसके चारों ओर उनकी क़ब्रें हैं, जो तलवार के घाट उतारे जा कर मृत पड़े हैं।
23) जिनकी कब्रें गर्त्त के सुदूर भागों में बनायी गयी हैं और उसके साथी उसकी क़ब्र के चारों ओर रहते हैं। उन में सब-के-सब तलवार के घाट उतारे जा कर मृत पड़े हैं, जो जीवलोक में आतंक मचाये हुए थे।
24) “उसकी कब्र के चारों ओर एलाम और उसकी प्रजा हैं। उन में सब-के-सब तलवार के घाट उतारे जा कर मृत पड़े हैं। वे बेख़तना हो कर अधोलोक जा चुके हैं। वे जीवलोक में आतंक मचाने और गर्त में प्रवेश करने वालों के साथ उपयक्ष भोग रहे हैं।
25) उन्होंने उस को वध किये हुए लोगों के बीच लिटा दिया है, उसके प्रजाजनों के बीच, जिनकी कब्रें उसके चारों ओर हैं। वे सभी बेख़तना हैं और तलवार से मारे गये हैं, क्योंकि उन्होंने जीवलोक में आतंक मचा रखा था। वे उन लोगों के साथ अपयश भोग रहे है,
26) वहाँ मेशक और तूबल अपने सभी लोगों के साथ विद्यमान हैं। उनकी कब्रें उनके चारों ओर हैं। वे सब-के-सब बेख़तने हैं, जो तलवार से मारे गये हैं। वे जीवितों के देश में आतंक मचाते थे।
27) उन्हें प्राचीन काल के मृत महाबली लोगों के बीच स्थान नहीं मिला है, जो अपने अस्त्र-शस्त्रों के साथ अधोलोक गये थे, जिनकी तलवारें उनके मस्तक के नीचे रखी गयी थीं और जिनकी ढालें उनकी अस्थियों के ऊपर रखी हुई हैं; क्योंकि उन महाबली लोगों ने जीवलोक में आतंक मचा रखा था।
28) किन्तु तुम बेखतने लोगों के बीच टुकड़े-टुकड़े किये जाओगे और तलवार से वध किये लोगें के साथ पड़े रहोगे।
29) वहाँ एदोम, उसके राजा और उसके सभी पदाधिकारी हैं, जो अपनी समस्त वीरता के बावजूद उन लोगों के साथ पड़े हैं, जो तलवार से मारे गये थे। वे बेख़तना लोगों के साथ, उन लोगों के साथ पड़े हैं, जो गर्त्त में जाते हैं।
30) “वहाँ उत्तर के सभी पदाधिकारी हैं और सभी सीदोनवासी भी, जो वध किये गये लोगों के साथ अपनी शक्ति द्वारा फैलाये गये आंतक के कारण नीचे गये हैं। वे तलवार से मारे गये लोगों के साथ बेखतना पड़े हैं और उनका अपयश भोगते हैं, जो गर्त्त में जाते हैं।
31) “फिराउन उन्हें देखेगा, तो उसे अपने सभी लोगों के विषय में सान्त्वना मिलेगी - फ़िराउन और उसकी सभी सैनिक तलवार से मारे जायेंगे। यह प्रभु-ईश्वर की वाणी है।
32) उसने जीवलोक में अपना आंतक फैला रखा था, इसलिए वह-अपने सभी सैनिकों-सहित फिराउन-बेख़तना और तलवार से मारे गये लोगों के बीच डाल दिया जायेगा। यह प्रभु ईश्वर की वाणी है।“