📖 - अय्यूब (योब) का ग्रन्थ

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अध्याय 25

1) तब बिलदद ने उत्तर देते हुए कहा:

2) प्रभुत्व और आतंक प्रभु का है। वह आकाश की ऊँचाइयों में शांति बनाये रखता है।

3) उसकी सेनाएँ कौन गिन सकता है? उसकी ज्योति का उदय किस पर नहीं होता?

4) क्या मनुष्य ईश्वर की दृष्टि में धार्मिक हो सकता है? क्या स्त्री की संतान पवित्र होने का दावा कर सकती है?

5) जब उसकी दृष्टि में चन्द्रमा प्रकाशमान नहीं और नक्षत्र शुद्ध नहीं,

6) तो मनुष्य की बात ही क्या, जो मात्र कीड़ा है? आदम की संतान ही क्या, जो मात्र कृमि है?



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