📖 - अय्यूब (योब) का ग्रन्थ

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अध्याय 10

1) मैं अपने जीवन से घृणा करता हूँ मैं अपने कष्टों के विषय में मौन नहीं रहूँगा, मैं कटुता भरे शब्दों में शिकायत करूँगा।

2) मैं ईश्वर से कहूँगाः मुझे दोषी समझ कर मेरे साथ व्यवहार न कर; मुझे बता कि तू मुझ पर कौन-सा अभियोग लगाता है।

3) तू मुझे सताता है, अपने हाथों की इस कृति का तिरस्कार करता है। और दुष्टों की योजनाओं को प्रोत्साहन देता है- क्या तुझे इस में आनंद मिलता है?

4) क्या तेरी आँखें हमारी-जैसी हैं? क्या तू हम मनुष्यों की तरह देखता है?

5) क्या तेरे दिन हमारे-जैसे बीतते हैं, क्या तू मनुष्यों की तरह अल्पायु है,

6) जो तू मेरे अपराधों की खोज करता और मेरे पाप की जाँच करता है-

7) जब कि तू जानता है कि मैं निर्दोष हूँ और तेरे हाथों से मुझे कोई नहीं छुड़ा सकता?

8) तूने अपने हाथों से मुझे बनाया। क्या तू अब विमुख हो कर मेरा विनाश करेगा?

9) याद कर- तूने मुझे मिट्टी में गढ़ा। क्या तू अब मुझे फिर धूल में मिला देगा?

10) क्या तूने मुझे दूध की तरह नहीं उँड़ेला और दही की तरह नहीं जमाया?

11) तूने मुझे चमड़े और मांस का आवरण दिया, हड्डियों और स्नायुओं से गूंथा,

12) मुझे प्राण और स्फूर्ति प्रदान की, तेरे संरक्षण में मेरा जीवन सुरक्षित था।

13) फिर भी तूने अपने मन में ये बातें छिपा रखीं। मैं जान गया कि ये तेरा उद्देश्य था।

14) यदि मैं पाप करता, तो तू मुझे देखता और मेरा एक भी अपराध क्षमा नहीं करता।

15) यदि मैं दोषी हूँ, तो धिक्कार मुझे! यदि मैं निर्दोष हूँ, तो भी मैं सिर उठा नहीं सकता; क्योंकि अपमानित और दुःख से अभिभूत हूँ।

16) यदि मैं अपना सिर उठाता हूँ, तो तू सिंह की तरह मेरा शिकार करता और मेरे विरुद्ध अपने सामर्थ्य का प्रदर्शन करता।

17) तू फिर मुझ पर आक्रमण करता, मुझ पर अपना क्रोध दुगुना कर देता और तेरी भेजी विपत्तियों की सेना मुझे घेर लेती।

18) तूने मुझे गर्भ से क्यों निकाला? अच्छा यही होता कि मैं मर जाता और मुझे कोई न देखता।

19) तब ऐसा होता, मानों मैं कभी था ही नहीं और मैं गर्भ से सीधे कब्र लाया जाता।

20) मेरे दिनों की संख्या थोड़ी ही है। मुझे छोड़ दे, जिससे मुझे कुछ सुख मिले-

21) इससे पहले कि मैं वहाँ जाऊँ, जहाँ से कोई नहीं लौटता, अंधकार और मृत्यु की छाया के देश में,

22) उस देश में जहाँ उषा घोर रात्रि-जैसी है, अराजकता और तिमिर के देश में, उस देश में, जहाँ प्रकाश भी अंधकार जैसा है।



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