📖 - टोबीत का ग्रन्थ

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अध्याय 09

1) टोबीयाह ने रफ़ाएल को बुला कर उस से कहा,

2) "भाई अज़र्या! यहाँ के चार सेवक और दो ऊँट ले कर रागै के लिए प्रस्थान करो। गबाएल के यहाँ जाओ और उसे परचा दो। अपने साथ धन ले कर विवाहोत्सव में पधारों।

3) मैं जानता हूँ कि मेरे पिताजी दिन गिन रहे हैं और यदि मैं लौटने में एक दिन की भी देर करूँगा, तो उन्हें बहुत दुःख होगा।

4) तुमने रागुएल की शपथ सुनी है, मैं उसका तिरस्कार नहीं कर सकता।"

5) इस पर एफ़ाएल ने चार सेवकों और दो ऊँटों के साथ मोदिया के रागै के लिए प्रस्थान किया, जहाँ वे गबाएल के यहाँ ठहरे। रफ़ाएल ने उसे उसका परचा दिया और बताया कि टोबीत के पुत्र टोबीयाह ने रागुएल की पुत्री से विवाह किया और उसे विवाहोत्सव में निमन्त्रित करता है। गबाएल ने उठ कर मुहर-लगी थैलियाँ निकाली और रुपया गिन कर ऊँटों पर रखवाया।

6) उन्होंने बहुत सबेरे उठ कर विवाहोत्सव में सम्मिलित होने के लिए प्रस्थान किया। जब वे रागुएल के यहाँ पहुँचे, तो टोबीयाह लेट रहा था। उसने उठ कर गबाएल को नमस्कार किया गबाएल रो पड़ा और उसने यह कहते हुए टोबीयाह को आशीर्वाद दिया, "प्रभु धन्य है! उसने तुम्हें शान्ति प्रदान की, क्योंकि तुम एक अत्युत्त्म, धार्मिक और परोपकारी मनुष्य के पुत्र हो। स्वर्ग का ईश्वर तुम्हें और तुम्हारी पत्नी को, तुम्हारे माता-पिता और तुम्हारे सास-ससुर को आशीर्वाद प्रदान करे। ईश्वर धन्य है, क्योंकि मैं ने अपने भतीजे टोबीयाह को देखा, जो अपने पिता के सदृश्य है।"



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