📖 - ज़कारिया का ग्रन्थ (Zechariah)

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अध्याय 13

1) "उस दिन दाऊद के घराने और येरूसालेम के नागरिकों के पाप और अशुद्धता धोने के लिए एक नया स्रोत फूट निकलेगा।"

2) यह विश्वमण्डल के प्रभु-ईश्वर की वाणी है- उस दिन मैं देश से देवताओं के नाम इस तरह मिटा दूँगा कि उनकी याद तक नहीं रह जायेगी। मैं देश से नबियों को भगा दूँगा और व्यभिचार की भावना दूर करूँगा।

3) यदि भविय में कोई नबूवत करना चाहे, तो उसका पिता और उसकी जननी कहेंगे, "तुम्हें जीवित रहना उचित नहीं, क्योंकि तुम प्रभु-ईश्वर के नाम से झूठ बोलते हो" और उसके नबूवत करते ही उसका पिता और उसकी जननी भी उसे भाले से बेध कर मार डालेगें।

4) उस दिन प्रत्येक नबी को अपनी नबूवत और दिव्य दर्शनों पर लज्जित होना पडेगा। वे धोखेबाज रोओं का कपडा पहनना छोड देंगे,

5) किन्तु वे यह कहेंगे, "मैं तो नबी नहीं हूँ, बल्कि मैं किसान हूँ; बचपन से हल जोतना मेरा धन्धा रहा है"।

6) जब उस से यह पूछा जायेगा, "तुम्हारी छाती के ये घाव कैसे?" तो वह उत्तर देगा,"ये मुझे अपने भक्तों के घर में लग गये"।

7) विश्वमण्डल का प्रभु यह कहता है- तलवार! मेरे चरवाहे के विरुद्ध मेरे साथ काम करने वाले के विरुद्ध उठो। चरवाहे को मारों और भेडें तितर-बितर हो जायेंगी। और मैं छोटों पर हाथ उठाऊँगा।

8) प्रभु-ईश्वर यह कहता है: इस सारे प्रदेश में ऐसा होगा- दो तिहाई मार गिराये जायेंगे और नष्ट हो जायेंगे, एक तिहाई शेष रह जायेंगे।

9) मैं जीवित बच गये इस तिहाई को तपाऊँगा और चाँदी के समान शुद्ध कर दूँगा तथा सोने की तरह परख लूँगा। वे मेरा नाम पुकारेंगे और मैं सुनूँगा; तब मैं कहूँगा, "यह मेरी प्रजा है"। और प्रत्येक उत्तर देगा, "प्रभु-ईश्वर मेरा ईश्वर है"।



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