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मुख्य पृष्ठ
अध्याय - 09
1) आठवें दिन मूसा ने हारून, उसके पुत्रों और इस्राएलियों के नेताओं को बुलाया और उसने हारून से कहा,
2) ''प्रायश्चित-बलि के लिए एक बछड़ा और होम-बलि के लिए एक मेमना ले आओ। वे दोनों अदोष हों। उन्हें प्रभु के सामने अर्पित करो।
3) इस्राएलियों से कहा प्रायश्चित-बलि के लिए एक बकरा और होम बलि के लिए एक बछड़ा और एक भेड़ ले आओ। दोनों एक वर्ष के और अदोष हों।
4) प्रभु को शान्ति-बलि चढ़ाने के लिए एक बछड़ा और एक मेढ़ा और तेल-मिश्रित एक अन्न-बलि ले आओ; क्योंकि तुम लोगों को आज प्रभु के सामने उपस्थित होना है।
5) मूसा के आदेश के अनुसार इस्राएली यह सब दर्शन-कक्ष के द्वार पर ले आये। समस्त समुदाय एकत्र हो कर प्रभु के सामने उपस्थित हुआ।
6) तब मूसा ने कहा, प्रभु ने तुम लोगों को यह आदेश दिया, जिससे तुम्हें प्रभु की महिमा दिखाई दे।
7) उसने हारून से कहा, ''वेदी के पास जा कर अपनी प्रायश्चित-बलि और अपनी होम-बलि चढ़ाओ। अपने लिए और समुदाय के लिए प्रायश्चित की विधि सम्पन्न करो। जैसा कि प्रभु ने आदेश दिया है, तुम समुदाय का चढ़ावा भी अर्पित करो और उसके लिए प्रायश्चित की विधि सम्पन्न करो।''
8) तब हारून वेदी के पास गया और अपने लिए प्रायश्चित-बलि के रूप में बलि-पशु का वध किया।
9) हारून के पुत्र उसका रक्त उसके पास ले आये, उसने उस में उँगली रख कर उसे वेदी के सींगों पर लगाया और शेष रक्त वेदी के निचले भाग पर उँड़ेला।
10) उसने बलि पशु की चरबी, गुरदे और जिगल की झिल्ली वेदी पर जलायी, जैसा कि प्रभु ने मूसा को आदेश दिया था।
11) उसने उसका मांस और उसकी चरबी शिविर के बाहर जलायी।
12) इसके बाद उसने होम-बलि के पशु का वध किया। हारून के पुत्र उसका रक्त उसके पास आये और उसने उसे वेदी के चारों ओर छिड़का।
13) इसके बाद उन्होंने उसे बलि-पशु के मांस के टुकड़े और सिर दिया और उसने उन्हें वेदी पर जलाया।
14) उसने उसकी अँतड़ियाँ और टाँगें पानी से धो कर उन्हें भी वेदी पर जलाया।
15) इसके बाद उसने समुदाय का चढ़ावा अर्पित किया। उसने समुदाय के लिए प्रायश्चित का मेढ़ा ले आने का, उसका वध किया और उसे पहले पशु की तरह प्रायश्चित-बलि के रूप में चढ़ाया।
16) उसने होम-बलि को भी निर्धारित विधि के अनुसार सम्पन्न किया।
17) इसके बाद उसने प्रातःकाल की होम-बलि के अतिरिक्त अन्न-बलि चढ़ायी और उसमें से मुट्ठी भर वेदी पर जलाया।
18) उसने समुदाय के लिए शान्ति-बलि के रूप में बछड़े और मेढ़े का वध किया। उसके पुत्रों ने उसे उसका रक्त दिया और उसने उसे वेदी के चारों ओर छिड़का।
19) उन्होंने बछड़े और मेढ़े की चरबी - मोटी पूँछ, अँतड़ियों के आसपास की चरबी, गुरदे और जिगर की झिल्ली-
20) यह सब वेदी पर सीने के ऊपर रखा और इसके बाद हारून ने चरबी को वेदी पर जलाया।
21) हारून ने सीना और दाहिनी जाँघ को प्रभु के सामने हिला-हिला कर अर्पित किया, जैसा कि मूसा ने आदेश दिया था।
22) हारून ने इस प्रकार प्रायश्चित-बलि, होम-बलि और शान्ति-बलि की विधि सम्पन्न करने के बाद अपने हाथ समुदाय की ओर फैला कर लोगों को आशीर्वाद दिया। तब वह नीचे उतरा
23) और उसने मूसा के साथ दर्शन-कक्ष में प्रवेश किया। बाद में दोनों ने बाहर निकल कर लोगों को आशीर्वाद दिया। उस समय प्रभु की महिमा सारे समुदाय को दिखाई दी।
24) प्रभु के सामने से अग्नि निकली और उसने वेदी पर रखी होम-बलि और चरबी को भस्म कर दिया। लोगों ने यह देख कर जयकार किया और मुँह के बल गिर कर प्रणाम किया।