अध्याय ➤
01-
02-
03-
04-
05-
06-
07-
08-
09-
10-
11-
12-
13-
14-
15-
16-
17-
18-
19-
20-
21-
22-
23-
24-
25-
26-
27-
मुख्य पृष्ठ
अध्याय - 01
1) प्रभु ने मूसा को बुलाया और दर्शन-कक्ष से उस से यह कहा, इस्राएलियों से यह कहो -
2) जब तुम में कोई प्रभु को चढ़ावा अर्पित करना चाहे, तो वह ढोरों या भेड़-बकरियों के झुण्डों से कोई पशु ले आ सकता है।
3) जब कोई होम-बलि के रूप में ढोरों से एक पशु चढ़ाना चाहे, तो उसे एक अदोष नर ही चढ़ाना चाहिए। वह उसे दर्शन-कक्ष के द्वार पर ला कर चढ़ाये, जिससे वह प्रभु को ग्राह्य हो। वह बलि पशु पर अपना हाथ रखे।
4) इस प्रकार वह उसके पापों का प्रायश्चित के लिए प्रभु को ग्राह् होगा।
5) तब वह प्रभु के सामने बछड़े का वध करे और याजक, हारून के पुत्र उसका रक्त चढ़ायें। वे उसका रक्त दर्शन-कक्ष के द्वार पर वेदी के चारों ओर छिड़कें।
6) फिर वह उस बलि-पशु की खाल निकाले और उसे टुकड़े-टुकड़े कर दे।
7) याजक, हारून के पुत्र वेदी पर अग्नि लायें और उस अग्नि पर लकड़ी रखें।
8) इसके बाद याजक, हारून के पुत्र वे टुकड़े, सिर और चरबी के साथ वेदी पर जलती लकड़ी पर रखें।
9) चढ़ाने वाला अँतड़ियों और टाँगों को जल से धो दे और याजक सब कुछ वेदी पर जलाये। यह होम-बलि सुगन्धयुक्त चढ़ावा है, जो प्रभु को प्रिय है।
10) जब कोई होम बलि के रूप में भेड़-बकरियों में से एक पशु चढ़ाना चाहे, तो वह उसी प्रकार एक अदोष नर ले आये।
11) वह वेदी के उत्तर में प्रभु के सामने उसका वध करे और याजक, हारून के पुत्र वेदी के चारों ओर उसका रक्त छिड़के।
12) वह उसके टुकड़े-टुकड़े कर दे और याजक वे टुकड़े, सिर और चरबी के साथ वेदी पर जलती लकड़ी पर रखे।
13) वह अँतड़ियों और टाँगों को जल से धो दे और याजक सब कुछ वेदी पर जलाये। यह होम-बलि सुगन्धयुक्त चढ़ावा है, जो प्रभु को प्रिय है।
14) जब कोई होम-बलि के रूप में प्रभु को एक पक्षी चढ़ाना, तो पण्डुकों या कबूतरों में से एक ले आये।
15) याजक उसे वेदी पर ला कर उसका सिर काटे और उसे वेदी पर जलाये। उसका रक्त वेदी की बगल से बह जायेगा।
16) याजक उसकी गलथैली काट कर, उसे और उसमें जो कुछ है, वेदी के पूर्व में, जहाँ राख डाली जाती है, फेंक दे।
17) फिर वह उसे पंखों के बीच से फाड़ दे, पर पंखों को अलग नहीं करे। इसके बाद याजक उसे वेदी पर जलती लकड़ी में भस्म कर दे। यह होम-बलि सुगन्धयुक्त चढ़वा है, जो प्रभु को प्रिय है।