📖 - आमोस का ग्रन्थ (Amos)

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अध्याय 06

1) "धिक्कार उन लोगों को, जो सियोन में भोग-विलास का जीवन बितातें हैं! धिक्कार उन्हें, जो समारिया के पर्वत पर अपने को सुरक्षित समझते हैं! तुम, उत्तम राष्ट्र के गण्यमान्य नेताओ! तुम्हारे ही पास इस्त्राएली जनता न्याय के लिए आती है।

2) कलने जा कर देखो तो सही, और फिर वहाँ से महानगर हमात भी चले जाओ; उसके बाद फिलिस्तियों के गत नगर भी जा कर देखो। क्या तुम इन राज्यों से श्रेष्ठतर हो? क्या तुम्हारा देश इनके देश के बड़ा है?

3) अरे, तुम दुर्दिन टालना चाहते हो; टालना तो दूर रहे, तुम हिंसा का शासन समीप ला रहे हो।

4) वे हाथीदांत के पलंगो पर सोते और आराम-कुर्सियों पर पैर फैलाये पडे रहते हैं। वे झुण्ड के मेमरे और बाड़े के बछड़े चट कर जाते हैं।

5) वे सारंगी की ध्वनि पर ऊँचे स्वर में गाते और दाऊद की तरह नये वाद्यों का आविष्कार करते हैं।

6) वे प्याले-पर-प्याला मदिरा पीते और उत्तम सुगन्धित तेल से अपने शरीर का विलेपन करते हैं; किन्तु उन्हें यूसुफ़ के विनाश की चिंता नहीं है।

7) इसलिए उन्हें सब से पहले निर्वासित किया जायेगा।" और उनके भोग-विलास का अन्त हो जायेगा।"

8) यह स्वयं प्रभु-ईश्वर की शपथ, यह विश्वमण्डल के ईश्वर का कहना हैः "मैं याकूब के घमण्ड से घृणा करता हूँ, मैं उनके गढ़ों से नफ़रत करता हूँ; इसलिए मैं नगर और उसके सब निवासियों को त्याग दूँगा।"

9) यदि किसी घर में दस आदमी जीवित रह गये, तो वे भी मार जायेंगे।

10) घर से शवों को उठाने के लिए बहुत कम लोग बच जायेंगे और यदि घर के आखिरी कोने में बैठे हुए व्यक्ति से कोई पूछेगा कि क्या तुम्हारे साथ और कोई है, तो वह उत्तर देगा, "कोई नहीं"। वह यह भी बोलेगा, "चुप रहो, प्रभु-ईश्वर का नाम न लेना"।

11) सावधान! प्रभु की आज्ञा यह हैः बड़ घर टुकडे-टुकडे हो जायेगा। और छोटा घर चूर-चूर कर दिया जायेगा।

12) क्या घोडे चट्टानों पर दौड सकते हैं? बैलों से कहीं समुद्र पर हल जोता जाता हैं? किन्तु तुमने न्याय को विषाक्त बना दिया है और धर्म को चिरायता-सा कडुआ बना दिया है।

13) तुम व्यर्थ ही हर्ष मना रहे हो कि हमने अपने ही बल से अपनी शक्ति बढायी है।

14) "इस्राएली! मैं तुम्हारे विरुद्ध एक ऐसा शक्तिशाली राष्ट्र भडका दूँगा, जो हमात के दर्रें से अराबा के नाले तक तुम्हें तंग करेगा।" यह प्रभु विश्वमण्डल के ईश्वर की वाणी है।



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