📖 - आमोस का ग्रन्थ (Amos)

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अध्याय 02

1) प्रभु-ईश्वर यह कहता हैः "मोआब के असंख्य अपराधों के कारण उसके दण्ड का निर्णय अटल है; उन्होंने तो एदोम के राजा की हड्डियाँ जला कर चूना बना दिया था।

2) इसलिए मैं मोआब पर आग बरसा दूँगा, जो करीयोत के गढ़ों को भस्म कर डालेगी। कोलाहल मचेगा और युद्धघोष तथा शोरगुल के बीच मोआब का काम तमाम हो जायेगा।

3) मैं उनके राजा को मार डालूँगा और उसके साथ उसके सभी शासकों को भी मिटा दूँगा।" यह प्रभु की वाणी है।

4) प्रभु-ईश्वर यह कहता हैः "यूदा के असंख्य अपराधों के कारण उसके दण्ड का निर्णय अटल है; उन्होंने तो प्रभु-ईश्वर की विधि को ठुकरा दिया है और उसके विधानों की अवहेलना की है। उनके पूर्वज जिन मिथ्या देवताओं की पूजा करते थे, यूदा के लोग भी उनकी पूजा कर पथभ्रष्ट हो गये हैं।

5) इसलिए मैं यूदा पर आग बरसा दूँगा, जो येरूसालेम के गढ़ों को भी भस्म कर डालेगी।"

6) प्रभु-ईश्वर यह कहता हैः "इस्राएल के असंख्य अपराधों के कारण मैं उसे अवश्य ही दण्डित करूँगा। वे चाँदी के सिक्के से निर्दोष को बेचते है और जूतों की जोडी के दाम कंगाल को।

7) वे दरिद्रों का सिर पृथ्वी की धूल में रौंदते हैं और दीनों पर अत्याचार करते हैं। पिता और पुत्र, दोनों एक ही लौण्डी के पास जाते हैं और इस प्रकार मेरे पवित्र नाम को अपवित्र करते हैं।

8) वे गिरवी रखे कपडों का बिछा कर वेदियों के पास लेट जाते हैं और अपने ईश्वर के मन्दिर में जुरमाने के पैसे से खरीदी हुई मदिरा पीते हैं।

9) मैंने ही उनकी आंखों के सामने अमोरियों का सर्वनाश किया। वे देवदार की तरह ऊँचे और बलूत की तरह तगडे थे। फिर भी मैंने ऊपर उनके फलों को और नीचे उनकी जडों को नष्ट कर डाला।

10) मैंने ही तुम को मिस्र से निकालकर चालीस बरस तक मरुभूमि में तुम्हारा पथप्रदर्शन किया और तुम्हें अमोरियों का देश प्रदान किया।

11) मैंने तुम्हारे कुछ पुत्रों को नबी बना दिया था और तुम्हारे कुछ तरूणों को नाज़ीर होने के लिए चुना था। इस्र्राएल के लोगों! क्या यह सच नहीं है?" यह प्रभु की वाणी है।

12) "परन्तु तुमने नाज़ीरों को अंगूरी पीने को बाध्य किया और नबियों को आज्ञा दी, नबूवत मत करना’।

13) देखो! पूलों से लदी हुई गाडी जिस तरह चीज़ों को रौंदती है, उसी तरह में तुम लोगों को कुचल दूँगा।

14) तब दौड़ कर भागने से कोई लाभ नहीं होगा। बलवान् की शक्ति व्यर्थ होगी। वीर योद्धा अपने प्राणों की रक्षा नहीं कर सकेगा।

15) धनुर्धारी नहीं टिकेगा, तेज दौडने वाला नहीं बच सकेगा और कोई भी घुडसवार अपनी जान बचाने में समर्थ नहीं होगा।

16) योद्धाओं में जो सब से शूरवीर है, वह उस दिन नंगा हो कर भाग जायेगा।" यह प्रभु की वाणी है।



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