1) जब बाबुल का राजा नबूकदनेज़र यूदा के राजा यहोयाकीम के पुत्र यकोन्याह को यूदा के उच्च पदाधिकारियों, कारीगरों और शिल्पकारों के साथ येरूसालेम से बाबुल ले गया था, उस समय प्रभु ने मुझे एक दृश्य दिखाया थाः प्रभु के मन्दिर के सामने अंजीरों से भरी दो टोकरियाँ रखी थीं।
2) एक टोकरी में उत्तम अंजीर थे, जैसे पहले पके अंजीर होते हैं और दूसरी टोकरी में एकदम ख़राब अंजीर। वे इतने ख़राब थे कि खाये भी नहीं जा सकते थे।
3) तब प्रभु ने मुझ से पूछा, “यिरमियाह! तुम क्या देख रहे हो?“ मैंने उत्तर दिया, “अंजीर देख रहा हूँ। अच्छे अंजीर बहुत अच्छे हैं, किन्तु खराब अंजीर ऐसे बुरे हैं कि खाये नहीं जा सकते।“
4) इसके बाद मुझे प्रभु की यह वाणी सुनाई पड़ी:
5) “प्रभु, इस्राएल का ईश्वर यह कहता है, ’इन अच्छे अंजीरों की तरह ही मैं यूदा से निर्वासित लोगों पर दयादृष्टि रखूँगा, जिन्हें मैंने इस स्थान से खल्दैयियों के देश में भेजा था।
6) मैं उन पर अपनी कृपा-दृष्टि बनाये रखूँगा, और उन्हें इस देश में वापस ले आऊँगा। मैं उनकी रक्षा करूँगा, उनका विनाश नहीं करूँगा; मैं उन्हें रोपूँगा, उखाडूँगा नहीं।
7) मैं उन को ऐसी बुद्धि दूँगा कि वे समझेंगे कि मैं ही प्रभु हूँ। वे मेरी प्रजा होंगे और मैं उनका ईश्वर होऊँगा ; क्योंकि वे सारे हृदय से मेरी ओर अभिमुख हो जायेंगे।’
8) “प्रभु यह कहता हैः ’जैसा व्यवहार उन खराब अंजीरों के साथ किया जाता है, जो इतने खराब है कि खाये नहीं जा सकते, वैसा ही व्याहार मैं यूदा के राजा सिदकीया, उसके पदाधिकारियों, येरूसालेम के बचे हुए लोगों के साथ करूँगा, जो इस देश में रह गये और उन लोगों के साथ, जो मिस्र में बस गये हैं।
9) मैं उन्हें पृथ्वी के सब राज्यों के लिए आतंक का कारण बना दूँगा और मैं उन को जहाँ-जहाँ बिखेरूँगा, वहाँ-वहाँ कलंक, उपहास, निन्दा और अभिशाप का पात्र बना दूँगा।
10) जब तक मैं उस देश में, जिसे मैंने उन्हें तथा उनके पूर्वजों को दिया, उनका समूल विनाश न कर दूँगा, तब तक मैं उनके विरुद्ध तलवार, भुखमरी और महामारी भेजता रहूँगा।“