1) प्रभु ने मूसा से कहा,
2) ''इस्राएलियों को यह आदेश दो - जब तुम कनान देश पहुँचोगे, तब सारा कनान देश दायभाग के रूप में तुम्हारे अधिकार में आ जायेगा।
3) तुम्हारे दक्षिणी सीमान्त में सिन के उजाड़खण्ड का वह कुछ भाग रहेगा, जो एदोम की सीमा पर है। तुम्हारी दक्षिणी सीमा पूर्व में लवण समुद्र के छोर से प्रारम्भ होगी।
4) तब वह अऋब्बीस की घाटी के दक्षिण से हो कर सिन की ओर जायेगी और कादेश-बरनेअ के दक्षिण तक पहुँचेगी।
5) वह वहाँ से हसर-अद्दार होते हुए असमोन तक जायेगी, जहाँ वह मुड़ कर मिस्र की बरसाती नदी से मिल जायेगी और समुद्र में समाप्त हो जायेगी।
6) महासमुद्र का तट तुम्हारी पष्चिमी सीमा होगा। यही तुम्हारे देश की पष्चिमी सीमा होगी।
7) तुम्हारे उत्तरी सीमा समुद्र से होर पर्वत तक,
8) होर पर्वत से लेबो-हमात तक, वहाँ से ज़दाद और
9) जिफ्रोम तक जायेगी और हसर-एनान में समाप्त होगी। यही तुम्हारी उत्तरी सीमा होगी।
10) ''तुम्हारी पूर्वी सीमा हसर-एनान से शफाम तक और
11) वहाँ से अयीन के पूर्व में रिबला तक जायेगी। फिर वह सीमा आगे जा कर किन्नेरेत के सागर के पूर्व की पर्वत-श्रेणी तक जायेगी।
12) यर्दन नदी के किनारे-किनारे हो कर लवण समुद्र पर इस सीमा का अन्त हो जायेगा। तुम्हारे देश के चारों ओर की सीमाएँ यही रहेगी।''
13) मूसा ने इस्राएलियों को यह आदेश दिया, ''तुम यह देश चिट्ठी डाल कर विरासत के रूप में बाँट लो। प्रभु ने उसे साढ़े नौ वंशों को देने कहा।
14) रूबेन के वंश, गाद के वंश और मनस्से के आधे वंश के घरानों ने अपना दायभाग प्राप्त किया है।
15) इन ढाई वंशों ने अपना-अपना दायभाग येरीख़ों के पास यर्दन के पूर्व, सूर्योदय की दिषा में, प्राप्त कर लिया है।''
16) प्रभु ने मूसा से कहा,
17) ''तुम्हारे लिए देश को दायभाग के रूप में बाँटने वालों के नाम ये हैं : याजक एलआज़ार और नून का पुत्र योशुआ।
18) फिर देश को दायभागों में बाँटने के लिए प्रत्येक वंश से एक-एक नेता लो।
19) उन पुरुषों के नाम ये है : यूदा के वंश से यफ़ुन्ने का पुत्र कालेब;
20) सिमओन के वंश से अम्मीहूद का पुत्र शमूएल;
21) बेनयामीन के वंश से किसलोन का पुत्र एलादाद;
22) दान के वंश से योग्ली का पुत्र बुक्की;
23) यूसुफ़ के पुत्र मनस्से के वंश से एफ़ोद का पुत्र हन्नीएल;
24) यूसुफ़ के पुत्र एफ्रईम के वंश से शिपटान का पुत्र कमूएल;
25) ज़बुलोन के वंश से परनाक का पुत्र एलीसाफान;
26) इस्साकार के वंश से अज्जान का पुत्र पल्टीएल;
27) आषेर के वंश से शलोमी का पुत्र अहीहूद;
28) नपताली के वंश से अम्मीहूद का पुत्र पदएल।''
29) यही वे पुरुष हैं, जिन्हें प्रभु ने कनान देश को इस्राएलियों के बीच विरासत के रूप में बाँटने का आदेश दिया था।