1) प्रभु ने मूसा से कहा,
2) ''इस्राएलियों को यह आदेश दो : इसका ध्यान रखो कि तुम निर्धारित समय पर मुझे होम-बलियों के साथ अन्न-बलि चढ़ाया करो। वह एक सुगन्धयुक्त चढ़ावा है, जो मुझे प्रिय है।
3) ''उन से यह कहो : तुम प्रभु को नित्य प्रति होम-बलि के रूप में एक-एक वर्ष के दो अदोष मेमने चढ़ाओगे।
4) एक मेमना सबेरे चढ़ाओगे और दूसरा शाम को,
5) उसके साथ अन्न-बलि के रूप में एक सेर जैतून के तेल से सना हुआ एक सेर मैदा।
6) यह नित्यप्रति प्रभु को अर्पित होम-बलि है, जो सीनई पर्वत पर निश्चित की गयी है। यह एक सुगन्धयुक्त चढ़ावा है, जो प्रभु को प्रिय है।
7) प्रत्येक मेमने के साथ एक सेर अंगूरी का अर्घ अर्पित किया जाये।
8) दूसरा मेमना शाम को चढ़ाओगे और उसके साथ सबेरे की तरह वही अन्न-बलि और अर्घ। यह होम-बलि है, एक सुगन्धयुक्त चढ़ावा, जो प्रभु को प्रिय है।
9) तुम विश्राम दिवस पर एक-एक वर्ष के दो अदोष मेमने चढ़ाओगे - उनके साथ अन्न-बलि के रूप में तेल से सना हुआ चार सेर मैदा और अर्घ।
10) यह दैनिक होम-बलि और अर्घ के अतिरिक्त प्रत्येक विश्राम-दिवस की होम-बलि है।
11) तुम हर अमावस प्रभु को यह होम-बलि चढ़ाओगे : दो बछड़े, एक मेढा और एक-एक वर्ष के सात अदोष मेमने,
12) और प्रत्येक बछड़े के साथ अन्न-बलि के रूप में तेल से सना हुआ छः सेर मैदा; मेढे के साथ अन्न-बलि के रूप में तेल से सना हुआ चार सेर मैदा;
13) प्रत्येक मेमने के साथ अन्न-बलि के रूप में तेल से सना हुआ दो सेर मैदा। यह होम-बलि है, एक सुगनधयुक्त चढ़ावा, जो प्रभु को प्रिय है।
14) बछड़े के साथ अर्घ के रूप में दो सेर अंगूरी अर्पित की जाये, मेढे के साथ सवा सेर और मेमने के साथ एक सेर। यह मासिक होम-बलि है, जो वर्ष के प्रत्येक महीने के पहले दिन अर्पित की जाये।
15) दैनिक होम-बलि और अर्घ के अतिरिक्त प्रायश्चित-बलि के रूप में प्रभु को एक बकरा चढ़ाया जाये।
16) ''पहले महीने के चौदहवें दिन प्रभु के लिए पास्का-पर्व मनाया जाये।
17) इसी महीने के पन्द्रहवें दिन भी पर्व मनाया जाये, जिसमें सात दिन तक बेख़मीर रोटियाँ खायी जायें।
18) पहले दिन तुम्हारे लिए धर्मसभा का आयोजन किया जाये और तुम उस दिन कोई काम मत करो।
19) उस दिन होम-बलि के रूप में प्रभु को यह चढ़ाओं : दो बछड़े, एक मेढा और एक-एक वर्ष के सात अदोष मेमने।
20) उसके साथ तेल से सने हुए मैदे की अन्न-बलियाँ - प्रत्येक बछड़े के साथ छः सेर, मेढ़े के साथ चार सेर
21) और प्रत्येक मेमने के साथ दो सेर।
22) फिर प्रायश्चित-बलि के रूप में एक बकरा, जिससे तुम्हारे लिए प्रायश्चित-विधि सम्पन्न की जाये।
23) यह सब सबेरे की होम-बलि के अतिरिक्त चढ़ाया जाये।
24) इसी तरह तुम्हें सात दिन तक प्रतिदिन ये अन्न-बलियाँ अर्पित करनी हैं। यह सुगन्धयुक्त चढ़ावा है, जो प्रभु को प्रिय है। इन्हें दैनिक होम-बलि और अर्घ के अतिरिक्त चढ़ाना है।
25) सातवें दिन फिर धर्मसभा का आयोजन किया जाये और तुम उस दिन कोई काम मत करो।
26) ''प्रथम फल के दिन, जब तुम सप्ताहों का उत्सव मनाते हुए प्रभु की नयी फसल का चढ़ावा अर्पित करो, तो धर्मसभा का आयोजन करो और कोई काम नहीं करो।
27) तुम होम-बलि के रूप में दो बछड़े, एक मेढ़ा और एक-एक वर्ष के सात मेमने अर्पित करोगे। यह एक सुगन्धयुक्त चढ़ावा है, जो प्रभु को प्रिय है।
28) हर बछड़े के साथ अन्न-बलि के रूप में तेल से सना हुआ छः सेर मैदा चढ़ाना है;
29) मेढ़े के साथ चार सेर और हर एक मेमने के साथ दो सेर।
30) इसके अतिरिक्त प्रायश्चित-बलि के रूप में एक बकरा।
31) दैनिक होम-बलि और अन्न-बलि के अतिरिक्त इन्हें अपने अर्घ के साथ चढ़ाना है। इसका ध्यान रखों कि पशु अदोष हो।