📖 - गणना ग्रन्थ

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अध्याय 25

1) इस्राएली शिट्टीम में अपने पड़ाव डाले हुए थे। उस समय वे मोआबी स्त्रियों के साथ व्यभिचार करने लगे।

2) उन स्त्रियों ने उन को अपने देवताओं की पूजा में आमन्त्रित किया। इस्राएलियों ने उनके देव प्रसाद खाये और उनके देवताओं को दण्डवत किया।

3) इस प्रकार इस्राएली बाल-देवता की पूजा करने लगे और उनके विरुद्ध प्रभु का कोप भड़क उठा।

4) प्रभु ने मूसा से कहा, ''उनके सब नेताओं को पकड़ कर प्रभु के सामने धूप में खूँटों पर लटका दो, जिससे प्रभु की क्रोधाग्नि इस्राएल पर से दूर हो।''

5) इस पर मूसा ने इस्राएलियों के न्यायाधीशों को यह आदेश दिया, ''तुम में प्रत्येक उन लोगों को मार डाले, जिन्होंने बाल-देवता, की पूजा की है।''

6) जब मूसा और इस्राएल का सारा समुदाय दर्शन-कक्ष के द्वार पर विलाप कर रहा था, तो लोगों के देखते ही एक इस्राएली पुरुष एक मिदयानी स्त्री को अपने घर ले गया।

7) याजक हारून के पुत्र एलआजार के बेटे पीनहास ने उसे देखा। वह उठा और सभा छोड़ कर, हाथ में एक बल्लम लिये, उस इस्राएली पुरुष के पीछे-पीछे उसके घर के भीतरी भाग तक घुस आया। वहाँ उसने उन दोनों के - उस पुरुष और उस स्त्री के - शरीर में बल्लम भोंक दिया।

8) इसके बाद इस्राएलियों के बीच फैली हुई महामारी दूर हो गयी।

9) उस महामारी के कारण चौबीस हज़ार लोगों की मृत्यु हुई।

10) प्रभु ने मूसा से कहा,

11) ''याजक हारून के पुत्र एलआज़र के पुत्र पीनहास ने इस्राएलियों पर से मेरा कोप दूर कर दिया, क्योंकि उसने इस्राएलियों के बीच मेरे लिए उत्साह का प्रदर्शन किया। इसलिए मैंने क्रुद्व होकर इस्राएलियों का सर्वनाश नहीं किया।

12) उस से यह कहो कि मैं उसके साथ शान्ति-विधान निर्धारित करता हूँ।

13) उस विधान के अनुसार उसे तथा उसके बाद उसके वंशजों को सदा याजक-पद प्राप्त होता रहेगा। उसने अपने ईश्वर के लिए उत्साह का प्रदर्शन किया और इस्राएलियों के लिए प्रायश्चित किया।''

14) मिदयानी स्त्री के साथ मारे गये इस्राएली पुरुष का नाम जिम्री था। वह सिमओन कुल के किसी घराने के मुखिया सालू का पुत्र था।

15) मारी गयी मिदयानी स्त्री का नाम कोज़वी था। वह सूर की बेटी थी, जो मिदयानी के किसी कुल के एक घराने का मुखिया था।

16) प्रभु ने मूसा से कहा,

17) ''मिदयानियों पर आक्रमण कर उन्हें मार दो,

18) क्योंकि उन्होंने तुम्हारे साथ शत्रुओं का-सा व्यवहार किया, तुम्हारे विरुद्ध षड्यंत्र रचा और पओर की घटना और अपनी बहन कोज़बी के मामले में तुम को बहकाया। कोज़बी एक मिदयानी नेता की पुत्री थी, जिसका उस समय वध किया गया, जब पओर की घटना के कारण महामारी फैल गयी थी।''



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