येसु, मेरे प्रिय प्रभु, मेरे हृदय में आईये। मेरे हृदय की एकांत जगह में उतरिये। हे दिव्य चिकित्सक, मुझे चंगा कीजिये। मेरी दरिद्र आत्मा को सद्गुणों की सुगंध से भर दीजिये। हे दिव्य प्रकाश, मेरी आत्मा के अंधकार को दूर करने आईये। स्वर्गीय मन्ना, मेरी भूख मिटाने आईये। अभिलाषाओं के मित्र, मेरे हृदय के भोजन कक्ष में मेहमान बन कर आईये। हॉलाकि मैं आपकी महिमा के अनुसार आपकी सेवा नहीं कर सकती हूँ, लेकिन मेरी आत्मा आपसे लिपटी हुई रहेगी। ईश्वरीय मित्र, मैं असीम प्रेम के साथ तेरे लिये लालायित रहती हूँ। हे प्रभु, मनुष्य-जाति में सर्वाधिक मनोहर, हमेषा बहने वाली मधुर धारा के स्त्रोत, सारी खुशियों का कारण, मेरे पास अति शीघ्र आईये। इस दरिद्र पापी को इंकार मत कीजिये लेकिन इसे आपके समीप बने रहने में मदद कीजिये। मेरे स्वर्गीय दूल्हे! मेरे पास आईये और मुझे आपसे संयुक्त बने रहने की इजाजत दीजिये। मैं आपका इंतजार कर रही हूँ। प्रभु येसु आईये, अति शीघ्र आईये। आमेन।
- अनुवादक - फादर रोनाल्ड वॉन