1) जब सनबल्लट और टोबीयाह तथा अरबांे, अम्मोनियों और अशदोद के निवासियों ने यह सुना कि येरूसालेम की चारदीवारी की मरम्मत ठीक चल रही है और उसकी दरार भरी जा रही है, तो उन्हें बड़ा क्रोध हुआ।
2) उन सबों ने येरूसालेम के विरुद्ध लड़ने और वहाँ उपद्रव करने के लिए षड्यंत्र रचा।
3) परन्तु हमने अपने ईश्वर से प्रार्थना की और काम को शत्रुओं से सुरक्षित रखने के लिए दिन-रात पहरेदारों को नियुक्त किया।
4) यूदावंशी कहते थेः "बोझ ढोने वाले थक गये हैं। मलबा अधिक है। हम दीवार उठाने में असमर्थ होंगे।"
5) उधर हमारे विरोधियों ने सोचा कि "जब तक हम उनके बीच न घुसें, तब तक उन्हें न तो इसका पता लगेगा और न वे हमें देख सकेंगे। इसके बाद हम उनका वध करेंगे और उनका काम रोकेंगे।"
6) उनके पास रहने वाले यहूदी आ कर हम से दसियों बार कर चुके थे, "जहाँ-जहाँ से आप आये हुए हैं, वे वहाँ-वहाँ से आप पर आक्रमण करने आयेंगे"।
7) इसलिए मैंने नगर के निचले असुरक्षित भागों में, दीवार के भीतर लोगों को खड़ा किया। मैंने उन्हें घरानों के अनुसार तलवारें, भाले और धनुष लिये तैयार रखा ।
8) मैंने उ़ठ कर चारों ओर दृष्टि डाली और कुलीनों, पदाधिकारियों तथा अन्य लोगों से कहा, "आप उन से नहीं डरें। आप महान् और भीषण प्रभु को याद रखें और यह न भूलें कि आप अपने भाइयों, पुत्रों, पुत्रियों, पत्नियों और घरों के लिए युद्ध करते हैं।"
9) जब हमारे विरोधियों को यह पता चला कि हम उनका षड्यन्त्र जान गये हैं और ईश्वर ने उसे असफल कर दिया है, तो हम में से प्रत्येक व्यक्ति फिर दीवार पर जा कर अपने काम में लग गया।
10) उस दिन से मेरे आदमियों में से आधे लोग काम करते और आधे अपने नेताओं के साथ बरछे, ढाल और धनुष लिये तथा कवच पहने काम करने वाले यूदावंशियों के पीछे रक्षार्थ तैयार रहते थे।
11) चारदीवारी बनानेवाले और बोझा ढोने वाले एक हाथ से काम करते और दूसरे में शस्त्र लिये रहते।
12) काम करने वाले काम करते समय अपनी कमर में अपनी तलवार कसे रहते। सिंगा बजाने वाला मेरे साथ रहता।
13) मैंने कुलीनों, पदाधिकारियों और अन्य लोगों से कहा, "यह काम भारी और लम्बा-चोड़ा है। हम दीवार पर इधर-उधर फैले हुए और एक दूसरे से दूर हैं।
14) आप जिस स्थान से सिंगे की ध्वनि सुनें, वहीं आ कर हमारे पास एकत्रित हो जायें। हमारा ईश्वर हमारे लिए लड़ेगा।"
15) इस प्रकार हम काम करते रहते और इस समय हम में से आधे लोग उषाकाल से तारे दिखाई देने तक भाले लिए तैयार रहते।
16) उस समय मैंने लोगों को यह आज्ञा दी कि प्रत्येक व्यक्ति अपने नौकरों के साथ येरूसालेम में ही रात बिताये। इस तरह वे रात को पहरेदारों का काम करें और दिन में कारीगरों का।
17) मैं, मेरे भाई-बन्धु, मेरे आदमी और मेरे साथ के पहरेदार-सब ने कपड़े तक नहीं उतारे। हर व्यक्ति अपने हाथ में हथियार लिये रहा।