1) बेथलेहेम एफ्राता! तू यूदा के वंशों में छोटा है। जो इस्राएल का शासन करेगा, वह मेरे लिए तुझ में उत्पन्न होग। उसकी उत्पत्ति सुदूर अतीत में, अत्यन्त प्राचीन काल में हुई है।
2) इसलिए प्रभु उन्हें तब तक त्याग देगा, जब तक उसकी माता प्रसव न करे। तब उसके बचे हुए भाई इस्राएल के लोगों से मिल जायेंगे।
3) वह उठ खडा हो जायेगा, वह प्रभु के सामर्थ्य से तथा अपने ईश्वर के नाम प्रताप से अपना झुण्ड चरायेगा। वे सुरक्षा में जीवन बितायेंगे, क्योंकि वह देश के सीमान्तों तक अपना शासन फैलायेगा
4) और शांति बनाये रखेगा। जब अस्सूरी लोग हमारे देश पर आक्रमण करेंगे और हमारी भूमि में घुसपैठ करेंगे, तब हम उनके विरुद्ध सात चरवाहों और आठ शासकों को नियुक्त करेंगे।
5) वे तलवार से अस्सूर को और निभ्रोद को हाथ में तलवार लिये हाँक देंगे। अतः जब अस्सूर वाले हमारे देश पर आक्रमण करेंगे और हमारी सीमाओं को पार कर हमारी भूमि में घुसेंगे, तब वे ही हमारा उद्धार करेंगे।
6) जीवित बच गये याकूबवंशी राष्ट्रों के बीच वैसे ही विद्यमान होंगे, जैसे प्रभु ईश्वर से उतरे हुए ओस-कण अथवा घास को सींचती वर्षा, जिन को न मनुष्यों की आज्ञा आवश्यक है, न मनुष्यों से पुरस्कार की अपेक्षा रहती है।
7) जीवित बच गये याकूबवंशी राष्ट्रों के बीच वैसे ही विद्यमान होंगे, जैसे जंगली जानवरों के बीच सिंह या रेवड में शिकार खेलते सिंह का शावक, जो मनमाने ढंग से भेड़ों को कुचलता और चीर-फाड डालता है- उसे किसी से डर नहीं
8) तू अपने विरोधियों पर हाथ उठायेगा और तेरे सब शत्रु परास्त हो जायेंगे।
9) प्रभु यह कहता हैः उस दिन मैं तेरे सब घोड़ों को नष्ट करूँगा और तेरे रथों को चूर-चूर करूँगाः
10) मैं तेरे देश के सब नगरों को ध्वस्त कर दूँगा और तेरे सारे गढों को ढा दूँगा;
11) मैं तुझ से किया जा रहा जादू-टोना समाप्त कर दूँगा और शकुन विचारना बन्द कर दूँगा;
12) मैं तेरी दूवमूर्तियाँ ध्वस्त कर दूँगा और तरे पूजास्थान भी; तब तू अपने हाथ की बनायी वस्तुओं की पूजा नहीं कर सकेगा;
13) मैं तेरे यहाँ की अशेरा-देवी की मूर्तियाँ उखाड दूँगा और तेरे नगरों का विनाश करूँगा। जो राष्ट्र मेरे विधान का पालन नहीं करते, मैं उन से भयंकर क्रोध से बदला लूँगा।