1){2:28} "इसके बाद मैं सब शरीरधारियों पर अपना आत्मा उतारूँगा। तुम्हारे पुत्र और पुत्रियाँ भवियवाणी करेंगे, तुम्हारे बडे-बूढे स्वप्न दखेंगे और तुम तुम्हारे नवयुवकों को दिव्य दर्शन होंगे।
2){2:29} उन दिनों में मैं दास-दासियों पर भी अपना आत्मा उतारूँगा।
3){2:30} मैं आकाश में और पृथ्वी पर ये चिह्न प्रकट करूँगा- रक्त, अग्नि और धुएँ के खम्भे।
4){2:31} प्रभु के महान् तथा भयंकर दिन के आगमन के पहले सूर्य अंधकारमय और चन्द्रमा रक्तमय हो जायेगा।
5){2:32} जो प्रभु के नाम की दुहाई देंगे, वे बच जायेंगे। प्रभु-ईश्वर ने तो कहा है, ’सियोन पर्वत पर’ कुछ लोग बच जायेंगे’ और यूरूसालेम में प्रभु-ईश्वर के चुनिन्दे लोगों का उद्धार होगा।