इश्वर की सेविका रानी मरिया

शहीद घोषित करने की प्रक्रिया

सिस्टर रानी मरिया की मृत्यु पर इन्दौर के धर्माध्यक्ष डॉ. जार्ज अनाथिल ने लिखा, “स्त्रियों को स्वतन्त्र बनाने तथा गरिबों, शोषितों तथा पीड़ितों को ऊपर उठाने हेतु सिस्टर रानी मरिया ने एक शहीद की मृत्यु को अपनाया। वे गरीब लोगों के हृदयों में अमर रहेंगी। उदयनगर में उनकी कब्र उनके प्रेम तथा अनमोल सेवा तथा बलिदान का प्रतीक बनी रहेगी।” यह एक भविष्यवाणी थी।
25 फरवरी 2003 को सिस्टर रानी मरिया को ईश्वर की सेविका घोषित किया गया।
18 नवंबर 2016 को इन्दौर के धर्माध्यक्ष चाको थोट्टुमरिकल की निगरानी में ईश्वर की सेविका रानी मरिया की कब्र खोली गयी और उनके पार्थिव अवशेष को उदयनगर के गिरजा घर में बनी नयी कब्र में स्थानान्तरित किया गया।
23 मार्च 2017, गुरुवार को संत पिता फ्रांसिस ने कोन्ग्रिगेशन फ़ॉर द कॉस ऑफ़ द सेन्ट्स के अधीक्षक कार्डिनल अमातो को ईश्वर की सेविका रानी मरिया को शहीद घोषित करने के आदेश को घोषित करने का अधिकार दिया।


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