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किसने किससे कहा? - “मेरे पास न तो चाँदी है और न सोना; बल्कि मेरे पास जो है, वही तुम्हें देता हूँ – ईसा नाज़री के नाम पर चलो”।
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किसने किससे कहा? - “गलीलियों, आप लोग आकाश की ओर क्यों देखते रहते हो”?
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किसने किससे कहा? - “आप लोग स्वयं निर्णय करें; क्या, ईश्वर की दृष्टि मे यह उचित होगा कि हम ईश्वर की नहीं बल्कि आप लोगों की बात माने।"
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किसने किससे कहा? - ''मनुष्यों की अपेक्षा ईश्वर की आज्ञा का पालन करना कहीं अधिक उचित है।“
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किसने किससे कहा? - “आप इनके काम में दखल न दें और इन्हें अपनी राह चलने दें। यदि यह योजना या आन्दोलन मनुष्यों का है, तो यह अपने आप नष्ट हो जायेगा। परन्तु यदि यह ईश्वर का है, तो आप इन्हें नहीं मिटा सकेंगे और ईश्वर के विरोधी प्रमाणित होंगे।''
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किसने किससे कहा? - ‘‘यह उचित नहीं है कि हम भोजन परोसने के लिए ईश्वर का वचन छोड़ दे।“
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किसने किससे कहा? - ''नरक में जाये तुम्हारा रुपया! और तुम भी! क्योंकि तुमने ईश्वर का वरदान रुपये से प्राप्त करने का विचार किया।“
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किसने किससे कहा? - “यहाँ पानी है। मेरे बपतिस्मा में क्या बाधा है?”
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किसने किससे कहा? - “मैं ईसा हूँ, जिस पर तुम अत्याचार करते हो।“
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किसने किससे कहा? - “'प्रभु! मैंने अनेक लोगों से सुना है कि इस व्यक्ति ने येरुसालेम में आपके सन्तों पर कितना अत्याचार किया है।“