घर की आशिष

(पास्का अवधि में)


The Priest vested in surplice (or Alb) and white stole, greets the assembled faithful.

याजक : इस घर को शांति।
सब : इसके सब निवासियों को भी।

The Priest explains the meaning of this blessing.
Mt 7:24-27 or Lk 19:1-10 may be read

याजक : मैं ने मंदिर की दाहिनी ओर से जल निकलता हुआ देखा। अल्लेलूया। और जिनके पास यह जल पहुँचा उनकी मुक्ति हुई। वे कहते रहेंगे : अल्लेलूया, अल्लेलूया। प्रभु का गुणगान करो क्योंकि वह दयालू है और उसकी करुणा अनन्त काल तक बनी रहती है। पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।
सब : जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक सदा रहेगी। आमेन।
याजक : मैंने मंदिर की दाहिनी ओर से जल निकलता हुआ देखा। अल्लेलूया। और जिनके पास यह जल पहुँचा उनकी मुक्ति हुई। वे कहते रहेंगे : अल्लेलूया, अल्लेलूया।

The Priest concludes with these prayers.
याजक : हे प्रभु, हम पर अपनी दया प्रदर्शित कर। अल्लेलूया।
सब : और हमें अपनी मुक्ति प्रदान कर। अल्लेलूया।
याजक : हे प्रभु, मेरी प्रार्थना सुन ले।
सब : मेरी प्रार्थना तेरे पास पहुँचे।
याजक : प्राभु आप लोगों के साथ हो।
सब : और आप के साथ भी।
याजक : हम प्रार्थना करें। हे पूज्य प्रभु सर्वशक्तिमान पिता, शाश्वत ईश्वर, हमारी यह प्रार्थना पूर्ण कर। जब इब्रानी लोग मिस्र देश से निकलने पर थे, तब तूने मेमने के रक्त से पुते इब्रानी घरों को दूत की तलवार से बचाया था। यह हमारे पास्का का चिन्ह था जब ख्रीस्त क्रूस पर चढ़ाये गये थे। इसी तरह कृपा कर के स्वर्ग से अपने पवित्र दूत को भेज दे। वह इस घर के सब निवासियों की शरण हो, उनका पालन-पोषण करे, उनको संभाले, उनके साथ रहे और उनकी रक्षा करे। उन्हीं प्रभु ख्रीस्त के द्वारा।
सब : आमेन।