आत्माओं की मुक्ति नबियों के चिन्तन तथा अनुसन्धान का विषय था; उन्होंने आप लोगों को मिलने वाले अनुग्रह की भविष्यवाणी की है। मसीह का आत्मा उन में विद्यमान था और मसीह के दुःखभोग तथा इसके बाद आने वाली महिमा की भविष्यवाणी करता था। नबी यह जानना चाहते थे कि आत्मा किस समय और किन परिस्थितियों की ओर संकेत कर रहा है; उन पर प्रकट किया गया था कि जो संदेश वे सुनाते थे, वह उनके लिए नहीं, बल्कि आप लोगों के लिए था। अब सुसमाचार के प्रचारक, स्वर्ग से भेजे हुए पवित्र आत्मा की प्रेरणा से, आप लोगों को वही संदेश सुनाते हैं। स्वर्गदूत भी इन बातों की पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए उत्सुक हैं। इसलिए आप लोग सतर्क और संयमी बने रहें और उस अनुग्रह पर पूरा भरोसा रखें, जो येसु मसीह के प्रकट होने पर आप को प्राप्त होगा। आप आज्ञाकारी सन्तान बन कर अपनी वासनाओं के अनुसार आचरण नहीं करें, जैसा कि पहले किया करते थे जब आप लोगों को ज्ञान नहीं मिला था। जिसने आप को बुलाया है, वह पवित्र है। आप भी उसके सदृश अपने समस्त आचरण में पवित्र बनें, क्योंकि लिखा है - पवित्र बनो, क्योंकि मैं पवित्र हूँ।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : प्रभु ने अपना मुक्ति-विधान प्रकट किया।
1. प्रभु के आदर में नया गीत गाओ, क्योंकि उसने अपूर्व कार्य किये हैं। उसके दाहिने हाथ और उसकी पवित्र भुजा ने हमारा उद्धार किया है।
2. प्रभु ने अपना मुक्ति-विधान प्रकट किया और सभी राष्ट्रों को अपना न्याय दिखाया है। उसने अपनी प्रतिज्ञा का ध्यान रख कर इस्राएस की सुध ली है।
3. पृथ्वी के कोने-कोने में हमारे ईश्वर का मुक्ति-विधान प्रकट हुआ है। समस्त पृथ्वी आनन्द मनाये और ईश्वर की स्तुति करे।
अल्लेलूया ! हे पिता ! हे स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु ! मैं तेरी स्तुति करता हूँ, क्योंकि- तूने राज्य के रहस्यों को निरे बच्चों के लिए प्रकट किया है। अल्लेलूया !
पेत्रुस ने येसु से यह कहा, “देखिए, हम लोग अपना सब कुछ छोड़ कर आपके अनुयायी बन गये हैं।” येसु ने कहा, “मैं तुम से कहे देता हूँ -ऐसा कोई नहीं, जिसने मेरे और सुसमाचार के लिए घर, भाई-बहनों, माता-पिता, बाल-बच्चों अथवा खेतों को छोड़ दिया हो और जो अब, इस लोक में, सौ-गुना न पाये - घर, भाई-बहनें, माताएँ, बाल-बच्चे और खेत, साथ-ही-साथ अत्याचार और परलोक में अनन्त जीवन। बहुत-से लोग जो अगले हैं, पिछले हो जायेंगे और जो पिछले हैं, अगले हो जायेंगे।”
प्रभु का सुसमाचार।