धन्य है ईश्वर, हमारे प्रभु येसु मसीह का पिता ! मृतकों में से येसु मसीह के पुनरुत्थान द्वारा उसने अपनी महती दया से हमें जीवन्त आशा से परिपूर्ण नवजीवन प्रदान किया। जो विरासत आप लोगों के लिए स्वर्ग में रखी हुई है, वह अक्षय, अदूषित तथा अविनाशी है। आपके विश्वास के कारण ईश्वर का सामर्थ्य आप को उस मुक्ति के लिए सुरक्षित रखता है, जो अभी से प्रस्तुत है और समय के अन्त में प्रकट होने वाली हैं। यह आप लोगों के लिए बड़े आनन्द का विषय है। हालाँकि अब, थोड़े समय के लिए, आप को अनेक प्रकार के कष्ट सहने पड़ते हैं। यह इस लिए होता है कि आपका विश्वास परीक्षा में खरा निकले - सोना भी तो आग में तपाया जाता हैं और आपका विश्वास नश्वर सोने से कहीं अधिक मूल्यवान् है। इस प्रकार येसु हा प्रकट होने के दिन, आप लोगों को प्रशंसा, सम्मान तथा महिमा प्राप्त होगी। आपने उन्हें कभी देखा नहीं, फिर भी आप उन्हें प्यार करते हैं और उन्हें देखे बिना आप अब उन में विश्वास करते हैं। जब आप अपने विश्वास का प्रतिफल अर्थात् अपनी आत्मा की मुक्ति प्राप्त करेंगे, तो एक अकथनीय तथा दिव्य उल्लास से आनन्दित हो उठेंगे।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : प्रभु अपने विधान का सदा स्मरण करता है। (अथवा अल्लेलूया !)।
1. धर्मियों की गोष्ठी और उनकी सभा में मैं सारे हदय से प्रभु की स्तुति करूँगा। प्रभु के कार्य महान् हैं, भक्त जन उनका मनन करें।
2. वह अपने भक्तों को तृप्त करता और अपने विधान का सदा स्मरण करता है। उसने अपनी प्रजा को राष्ट्रों की भूमि दिला कर अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया।
3. उसने अपनी प्रजा का उद्धार किया और सदा के लिए अपना विधान निर्धारित किया है। उसका नाम पवित्र और पूज्य है।
अल्लेलूया ! येसु धनी थे किन्तु आप लोगों के कारण निर्धन बने, जिससे आप लोग उनकी निर्धनता द्वारा धनी बन जायें। अल्लेलूया !
येसु किसी दिन प्रस्थान कर ही रहे थे कि एक मनुष्य दौड़ता हुआ आया और उनके सामने घुटने टेक कर उसने यह पूछा, “भले गुरु ! अनन्त जीवन प्राप्त करने के लिए मुझे क्या करना चाहिए?” येसु ने उस से कहा, “मुझे भला क्यों कहते हो? ईश्वर को छोड़ कोई भला नहीं। तुम आज्ञाओं को जानते हो, हत्या मत करो, व्यभिचार मत करो, चोरी मत करो, झूठी गवाही मत दो, किसी को मत ठगो, अपने माता-पिता का आदर करो।”' उसने उत्तर दिया, “गुरुवर ! इन सब का पालन तो मैं अपने बचपन से करता आया हूँ।” येसु ने उसे ध्यानपूर्वक देखा और उनके हृदय में प्रेम उमड़ पड़ा। उन्होंने उस से कहा, “तुम में एक बात की कमी है। जाओ, अपना सब कुछ बेच कर गरीबों को दे दो और स्वर्ग में तुम्हारे लिए पूँजी रखी रहेगी। तब आ कर मेरा अनुसरण करो।” यह सुन कर उसका चेहरा उतर गया और वह बहुत उदास हो कर चला गया, क्योंकि वह बहुत धनी था। येसु ने चारों ओर दृष्टि दौड़ायी और अपने शिष्यों से कहा, “धनियों के लिए ईश्वर के राज्य में प्रवेश करना कितना कठिन होगा !” शिष्य यह बात सुन कर चकित रह गये। येसु ने उन से फिर कहा, “बच्चो ! ईश्वर के राज्य में प्रवेश करना कितना कठिन है ! सूई के नाके से हो कर ऊँट का निकलना अधिक सहज है, किन्तु धनी का ईश्वर के राज्य में प्रवेश करना कठिन है।” शिष्य और भी विस्मित हो गये और आपस में कहने लगे, “तो फिर कौन बच सकता है? ” उन्हें स्थिर दृष्टि से देखते हुए येसु ने कहा, “मनुष्यों के लिए यह तो असम्भव है, ईश्वर के लिए नहीं; क्योंकि ईश्वर के लिए सब कुछ सम्भव है।”
प्रभु का सुसमाचार।