भाइयो ! आप लोग हमारे महिमान्वित प्रभु येसु मसीह में विश्वास करते हैं, इसलिए भेदभाव और चापलूसी से दूर रहिए। मान लीजिए कि आप लोगों की सभा में सोने की अंगूठी और कीमती वस्त्र पहने कोई व्यक्ति प्रवेश करे और साथ 'फटे-पुराने कपड़े पहने कोई कंगाल। यदि आप कीमती वस्त्र पहने वाले का विशेष ध्यान रख कर उस से कहें, “आप यहाँ इस आसन पर विराजिए'' और कंगाल से कहें, “तुम वहाँ खड़े रहो” अथवा “मेरे पाँवदान के पास बैठ जाओ'', तो क्या आपने अपने मन में भेदभाव नहीं आने दिया और गलत विचार के अनुसार निर्णय किया है? प्यारे भाइयो ! सुन लीजिए - क्या ईश्वर ने उन लोगों को नहीं चुना, जो संसार की दृष्टि में दरिद्र हैं, ताकि वे विश्वास के धनी हो जायें और उस राज्य के अधिकारी बनें, जिसे उसने अपने भक्तों को प्रदान करने की प्रतिज्ञा की है? फिर भी आपने दरिद्र का तिरस्कार किया। क्या धनी आप लोगों का शोषण नहीं करते और आप को अदालतों में घसीट कर नहीं ले जाते? क्या वे उस सुन्दर नाम की निन्दा नहीं करते, जिससे आप पुकारे जाते हैं? धर्मग्रन्थ कहता है - तुम अपने पड़ोसी को अपने समान प्यार करो। यदि आप इसके अनुसार राज्य की संहिता पूरी करते हैं, तो अच्छा ही करते हैं। किन्तु यदि आप पक्षपात करते हैं, तो पाप करते हैं और संहिता के अनुसार दोषी हैं।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : दीन-हीन ने प्रभु की दुहाई दी और प्रभु ने उसकी सुनी।
1. मैं सदा ही प्रभु को धन्य कहूँगा, मेरा कंठ निरन्तर उसकी स्तुति करता रहेगा। मेरी आत्मा प्रभु पर गौरव करेगी। विनम्र सुन कर, आनन्दित हो उठेंगे।
2. मेरे साथ प्रभु की महिमा गाओ, हम मिल कर उसके नाम की स्तुति करें। मैंने प्रभु को पुकारा। उसने मेरी सुनी और मुझे हर प्रकार के भय से मुक्त कर दिया।
3. जो प्रभु की ओर दृष्टि लगाता है, वह आनन्दित होगा - उसे कभी लज्जित नहीं होना पड़ेगा। दीन-हीन ने प्रभु की दुहाई दी। प्रभु ने उसकी सुनी और उसे हर प्रकार की विपत्ति से बचा लिया।
अल्लेलूया ! हे प्रभु ! तेरी शिक्षा आत्मा और जीवन है। तेरे ही शब्दों में अनन्त जीवन का सन्देश है। अल्लेलूया !
येसु अपने शिष्यों के साथ कैसरिया फिलिपी के गाँवों की ओर चलें गये। रास्ते में उन्होंने अपने शिष्यों से पूछा, “मैं कौन हूँ, इसके विषय में लोग क्या कहते हैं?” उन्होंने उत्तर दिया, “योहन बपतिस्ता; कुछ लोग कहते हैं - एलियस और कुछ लोग कहते हैं - नबियों में से कोई।” इस पर येसु ने पूछा, “और तुम क्या कहते हो कि मैं कौन हूँ?” पेत्रुस ने उत्तर दिया, “आप मसीह हैं।” इस पर उन्होंने अपने शिष्यों को कड़ी चेतावनी दी कि तुम लोग मेरे विषय में किसी को भी नहीं बताना। उस समय से येसु अपने शिष्यों को स्पष्ट शब्दों में यह समझाने लगे कि मानव पुत्र को बहुत दुःख उठाना होगा; नेताओं, महायाजकों और शास्त्रियों द्वारा ठुकराया जाना, मार डाला जाना और तीन दिन के बाद जी उठना होगा। पेत्रुस येसु को अलग ले जा कर समझाने लगा, किन्तु येसु ने मुड कर अपने शिष्यों की ओर देखा और पेत्रुस को डाँटते हुए कहा, “हट जाओ, शैतान! तुम ईश्वर की बातें नहीं, बल्कि मनुष्यों की बातें सोचते हो।”
प्रभु का सुसमाचार।