सामान्य काल का चौथा सप्ताह, बृहस्पतिवार - वर्ष 2

पहला पाठ

राजाओं का पहला ग्रन्थ 2:1-4,10-12

“मैं भी दूसरे मनुष्यों की तरह मिट्टी में मिलने जा रहा हूँ। हे सुलेमान ! धीरज धरो और अपने को पुरुष प्रमाणित करो।”

जब दाऊद के मरने का समय निकट आया, तो उसने अपने पुत्र सुलेमान को ये अनुदेश दिये, “मैं भी दूसरे मनुष्यों की तरह मिट्टी में मिलने जा रहा हूँ। धीरज धरो और अपने को पुरुष प्रमाणित कर दो। तुम अपने प्रभु-ईश्वर के प्रति अपना कर्त्तव्य पूरा करो। उसके बताये हुए मार्ग पर चलो, उसकी विधियों, आदेशों, आज्ञाओं और नियमों का पालन करो, जैसा कि मूसा की संहिता में लिखा हुआ है। तब तुम अपने सब कार्यों और उद्योगों में सफलता प्राप्त करोगे और मुझे दी गयी प्रभु की यह प्रतिज्ञा पूरी हो जायेगी : यदि तुम्हारे पुत्र ईमानदार हो कर मेरे सामने सारे हदय और आत्मा से सन्मार्ग पर चलते रहेंगे, तो इस्राएल के सिंहासन पर सदा ही तुम्हारा कोई वंशज विराजमान होगा।” दाऊद ने अपने पूर्वजों के साथ विश्राम किया और वह दाऊद-नगर में कब्र में रखा गया। दाऊद ने इस्राएल पर चालीस बरस तक राज्य किया, हेब्रोन में सात वर्ष तक और येरुसालेम में तैंतीस बरस तक। सुलेमान अपने पिता दाऊद के सिंहासन पर बैठा और उसका राज्य सुदृढ़ होता गया।

प्रभु की वाणी।

भजन : इतिहास-ग्रन्थ 29:10-12

अनुवाक्य : हे प्रभु ! तू समस्त पृथ्वी का शासक है।

1. हे प्रभु! तू धन्य है! अनादिकाल से और सदा के लिए तू इस्राएल हमारे पिता का ईश्वर है।

2. हे प्रभु! तुझ में है महिमा, सामर्थ्य, प्रताप, गौरव तथा प्रभुता। स्वर्ग में तथा पृथ्वी पर जो कुछ है, तेरा ही है।

3. हे प्रभु! सर्वत्र तेरा ही साम्राज्य है। तू समस्त विश्व का अधिपति है। धन तथा सम्मान तुझ से मिलता है।

4. तू समस्त पृथ्वी का शासक है। तेरे हाथ में शक्ति है और सामर्थ्य, तेरे हाथ में महिमा है और प्रताप।

जयघोष : मारकुस 1:15

अल्लेलूया ! ईश्वर का राज्य निकट आ गया है। सुसमाचार में विश्वास करो। अल्लेलूया !

सुसमाचार

मारकुस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 6:7-13

“वह उन्हें भेजने लगे।”

येसु बारहों को अपने पास बुला कर और उन्हें अपदूतों पर अधिकार दे कर, दो-दो करके, भेजने लगे। येसु ने आदेश दिया कि वे लाठी के सिवा रास्ते के लिए कुछ भी नहीं ले जायें - न रोटी, न मोली, न फेंटे में पैसा। वे पैरों में चप्पल बाँधें और दो कुरते नहीं पहनें। उन्होंने उन से कहा, “जिस घर में ठहरने जाओ, नगर से विदा होने तक वहीं रहो। यदि किसी स्थान पर लोग तुम्हारा स्वागत न करें और तुम्हारी बातें न सुनें, तो वहाँ से निकल कर उन्हें चेतावनी देने के लिए अपने पैरों की धूल झाड़ दो।” वे चले गये। उन्होंने लोगों को पश्चात्ताप का उपदेश दिया, बहुत-से अपदूतों को निकाला और बहुत-से रोगियों पर तेल लगा कर उन्हें चंगा किया।

प्रभु का सुसमाचार।