जब नातान ने दाऊद से बातचीत की थी, तो दाऊद प्रभु के तम्बू में जा कर बैठ गया और उसने कहा, “हे प्रभु-ईश्वर ! मैं क्या हूँ और मेरा वंश क्या है, जो तूने मुझे यहाँ तक ले आया है? प्रभु-ईश्वर ! यह तेरी दृष्टि में पर्याप्त नहीं हुआ। तू अपने सेवक के वंश के सुदूर भविष्य की प्रतिज्ञा करता है। प्रभु-ईश्वर ! क्या वह निरे मनुष्य का भाग्य है?” “तूने अपनी प्रजा इस्नाएल को चुन लिया; जिससे 'वह सदा के लिए तेरी प्रजा हो और तू, हे प्रभु, उसका अपना ईश्वर। हे प्रभु-ईश्वर ! तूने अपने सेवक और उसके वंश के विषय में जो वचन दिया है, उसे सदा के लिए बनाये रख और अपनी प्रतिज्ञा पूरी कर। तब तेरा नाम सदा के लिए महान् होगा। तब लोग कहेंगे कि विश्वमंडल का प्रभु-ईश्वर इस्राएल का ईश्वर है और तेरे सेवक दाऊद का वंश तेरे सामने सुदृढ़ रहेगा। हे विश्वमंडल के प्रभु-ईश्वर ! इस्राएल के ईश्वर ! तूने अपने सेवक से कहा, 'मैं तेरा वंश बनाये रखूँगा। ' इसलिए तेरे सेवक को तुम से यह प्रार्थना करने का साहस हुआ। हे प्रभु-ईश्वर ! तू ईश्वर है और तेरे शब्द विश्वसनीय हैं। तूने अपने सेवक से कल्याण की यह प्रतिज्ञा की है। अब अपने सेवक के वंश को आशीर्वाद प्रदान कर, जिससे वह सदा तेरे सामने बना रहे। हे प्रभु-ईश्वर ! तूने यह प्रतिज्ञा की है। तेरे आशीर्वाद के फलस्वरूप तेरे सेवक का वंश सदा ही फलता-फूलता रहेगा।”
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : प्रभु-ईश्वर उन्हें उनके पिता दाऊद का सिंहासन प्रदान करेगा। (लूकस 1:32)
1. हे प्रभु! दाऊद को याद कर, और उसके समस्त कष्टों को, प्रभु के सामने उसकी शपथ को और याकूब के शक्तिमान् ईश्वर के प्रति उसकी मन्नत को।
2. मैं अपने घर में प्रवेश नहीं करूँगा, अपनी शय्या पर विश्राम नहीं लूँगा, अपनी आँखों में नींद नहीं आने दूँगा और अपनी पलकों को झपकी नहीं लेने दूँगा, जब तक कि मैं ईश्वर के लिए स्थान न पा लूँ, याकूब के शक्तिमान् प्रभु के लिए निवास।
3. प्रभु ने शपथ खा कर दाऊद से प्रतिज्ञा की है; वह अपने वचन से नहीं मुकरेगा। “मैं तुम्हारे वंशजों में से एक को तुम्हारे सिंहासन पर बैठाऊँगा।”
4. “यदि तुम्हारे पुत्र मेरे विधान का पालन करेंगे और मेरे दिये हुए नियमों पर चलेंगे, तो उनके पुत्र भी युग युगों तक तुम्हारे सिंहासन पर बैठेंगे।”
5. क्योंकि प्रभु ने सियोन को चुना और अपने निवास के लिए चाहा। “यह मेरा चिरस्थायी निवास है। मेरी इच्छा यह हे कि मैं यहीं रहूँ !”
अल्लेलूया ! तेरी शिक्षा मुझे ज्योति प्रदान करती और मेरा पथ आलोकित करती है। अल्लेलूया !
येसु ने लोगों से कहा, “क्या लोग दीपक इसीलिए जलाते हैं कि उसे पैमाने अथवा पलंग के नीचे रखें? क्याग वे उसे दीवट पर नहीं रखते? ऐसा कुछ भी छिपा हुआ नहीं है, जो प्रकट नहीं किया जायेगा और कुछ भी गुप्त नहीं है, जो प्रकाश में नहीं लाया जायेगा। जिसके सुनने के कान हों, वह सुन ले।” येसु ने उन से कहा, “ध्यान से मेरी बात सुनो। जिस नाप से तुम नापते हो, उसी से तुम्हारे लिए भी नापा जायेगा और सच पूछो, तो तुम्हें उस से भी अधिक दिया जायेगा। क्योंकि जिसके पास कुछ है, उसी को और दिया जायेगा और जिसके पास कुछ नहीं है, उस से वह भी ले लिया जायेगा, जो उसके पास है।”
प्रभु का सुसमाचार।