दाऊद गया और ईश्वर की मंजूषा ओबेद-एदोम के घर से बड़े आनन्द के साथ दाऊद-नगर ले आया। जब ईश्वर की मंजूषा ढोने वाले छह कदम आगे बढ़ गये थे, तो दाऊद ने एक बैल और एक मोटे बछड़े की बलि चढ़ायी। वह छालटी का अधोवस्त्र पहने प्रभु के सामने उल्लास के साथ नाच रहा था। इस प्रकार दाऊद और सब इस्राएली जयकार करते और तुरही बजाते हुए प्रभु की मंजूषा ले आये। उन्होंने मंजूषा को ला कर उस तम्बू के मध्य में रख दिया, जिसे दाऊद ने उसके लिए खड़ा किया था। इसके बाद दाऊद ने प्रभु को होम और शांति के बलिदान चढ़ाये। होम और शांति के बलिदान चढ़ाने के बाद दाऊद ने विश्वमंडल के प्रभु के नाम पर लोगों को आशीर्वाद दिया। अन्त में उसने समस्त प्रजा, सभी एकत्र इस्नाएली पुरुषों और स्त्रियों को एक-एक रोटी, भुने हुए मांस का एक-एक टुकड़ा और किशमिश की एक-एक टिकिया दी। इसके बाद सब लोग अपने-अपने घर गये।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : हे महाप्रतापी राजा कौन है? प्रभु ही वह महाप्रतापी राजा है।
1. ऐ फाटको ! मेहराब ऊपर करो! ऐ प्राचीन द्वार! ऊँचे हो जाओ ! महाप्रतापी राजा को प्रवेश करने दो।
2. वह महाप्रतापी राजा कौन है? प्रभु ही वह महाप्रतापी राजा है - समर्थ, शक्तिशाली और पराक्रमी।
3. ऐ फाटको ! मेहराब ऊपर करो ! ऐ प्राचीन द्वारो ! ऊँचे हो जाओ ! महाप्रतापी राजा को प्रवेश करने दो !
4. वह महाप्रतापी राजा कौन है? वह महाप्रतापी राजा विश्वमंडल के प्रभु हैं।
अल्लेलूया ! हे पिता ! हे स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु ! मैं तेरी स्तुति करता हूँ, क्योंकि तूने राज्य के रहस्यों को निरे बच्चों के लिए प्रकट किया है। अल्लेलूया !
किसी दिन येसु की माता और भाई आये। उन्होंने घर के बाहर से उन्हें बुला भेजा। लोग येसु के चारों ओर बैठे हुए थे। उन्होंने उन से कहा, “देखिए, आपकी माता और आपके भाई-बहनें बाहर हैं। वे आप को खोज रहे हैं।” येसु ने उत्तर दिया, “कौन है मेरी माता, कौन हैं मेरे भाई?" उन्होंने अपने चारों ओर बैठे हुए लोगों पर दृष्टि दौड़ायी और कहा, “ये हैं मेरी माता और मेरे भाई ! जो ईश्वर की इच्छा पूरी करता है, वही है मेरा भाई, मेरी बहन और मेरी माता।”
प्रभु का सुसमाचार।