जब दाऊद साऊल के पास लाया गया, तो उसने साऊल से कहा, “उस फिलिस्ती के कारण कोई भी हिम्मत न हारे। आपका यह सेवक उस से लड़ने जायेगा।” इस पर साऊल ने यह उत्तर दिया, ' तुम उस फिलिस्ती से लड़ने नहीं जा सकते। तुम तो अभी किशोर हो और वह लड़कपन से ही वीर योद्धा है। ' दाऊद ने कहा, “प्रभु ने मुझे सिंह और भालू के पंजे से बचा लिया; वह मुझे उस फलिस्ती के हाथ से भी बचायेगा।” इस पर साऊल ने दाऊद से कहा, “जाओ। प्रभु तुम्हारे साथ हो।” दाऊद ने अपनी लाठी हाथ में ली और नाले से पाँच चिकने पत्थर चुन कर अपनी चरवाहे की झोली के जेब में रख लिये। तब वह हाथ में ढेलवाँस लिये फिलिस्ती की ओर बढ़ा। फिलिस्ती भी धीरे-धीरे दाऊद की ओर बढ़ा। उसका ढाल-वाहक उसके आगे-आगे चलता था। फिलिस्ती ने दाऊद को देखा और उस पर आँखें दौड़ा कर उसका तिरस्कार किया, क्योंकि वह किशोर था। उसका रंग गुलाबी और शरीर सुडौल था; फिलिस्ती ने दाऊद से कहा, “क्या तुम मुझे कुत्ता समझते हो, जो लाठी लिये मुझ से लड़ने आये?'' और वह अपने देवताओं का नाम ले कर दाऊद को कोसने लगा। इसके बाद उसने दाऊद से कहा, : “मेरे पास आओ और मैं आकाश के पक्षियों और जंगल के जानवरों को तुम्हारा मांस खिलाऊँगा।” दाऊद ने फिलिस्ती को यह उत्तर दिया, “तुम तलवार, भाला और कटार लिये मुझ से लड़ने आ रहे हो। मैं तो विश्वमंडल के प्रभु, इस्राएली सेनाओं के ईश्वर के नाम पर तुम से, लड़ने आ रहा हूँ, जिसे तुमने चुनौती दी है। ईश्वर आज तुम को मेरे हवाले कर देगा। मैं तुम को पछाड़ कर तुम्हारा सिर काट डालूँगा और आज ही आकाश के पक्षियों और जंगल के जानवरों को फिलिस्तियों की लाशें खिलाऊँगा, जिससे सारी दुनिया यह जान ले कि इस्राएल का अपना ईश्वर है। और यहाँ का सारा समुदाय यह जान जायेगा कि प्रभु तलवार या भाले द्वारा नहीं बचाता। प्रभु ही युद्ध का निर्णय करता है और वह तुम लोगों को हमारे हवाले कर देगा।” जब फिलिस्ती फिर आगे बढ़ने लगा, तो दाऊद उसका सामना करने के लिए दौड़ पड़ा। दाऊद ने झोली में हाथ डाल कर एक पत्थर निकाल लिया, उसे ढेलवांस में लगाया और फिलिस्ती के माथे पर मार दिया। वह पत्थर उसके माथे में गड़ गया और वह मुँह के बल भूमि पर गिर पड़ा। इस प्रकार दाऊद ढेलवाँस और पत्थर द्वारा फिलिस्ती पर विजयी हुआ। उसने फिलिस्ती को पछाड़ा और मार डाला यद्यपि उसके हाथ में तलवार नहीं थी। तब दाऊद फिलिस्ती के पास दौड़ा आया। उसने फिलिस्ती की तलवार म्यान से निकाली और उस से उसका सिर काट कर उसे मार डाला।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : प्रभु, मेरी चट्टान, धन्य है।
p>1. प्रभु, मेरी चट्टान, धन्य है। वह मेरे हाथों को युद्ध का और मेरी उंगलियों को समर का प्रशिक्षण देता है।2. वह मुझे प्यार करता और सुरक्षित रखता है। वह मेरा गढ़ है, मेरा मुक्तिदाता, मेरी ढाल और मेरा शरणस्थान। वह अन्य राष्ट्रों को मेरे अधीन करता है।
3. हे ईश्वर ! मैं तेरे लिए एक नया गीत गाऊँगा, मैं वीणा बजाते हुए तेरी स्तुति करूँगा। तू राजाओं को विजय दिलाता और अपने दास दाऊद की रक्षा करता है।
अल्लेलूया ! येसु राज्य के सुसमाचार का प्रचार करते और लोगों की हर तरह की बीमारी दूर करते थे। अल्लेलूया !
किसी दूसरे अवसर पर येसु ने सभागृह में प्रवेश किया। वहाँ एक मनुष्य था, जिसका हाथ सूख गया था। वे इस बात की ताक में थे कि येसु कहीं विश्राम के दिन उसे चंगा करें, और हम उन पर दोष लगायें। येसु ने सूखे हाथ वाले से कहा, “बीच में खडे हो जाओ।” तब येसु ने उन से पूछा, “विश्राम के दिन भलाई करना उचित है या बुराई, जान बचाना या मार डालना?” वे मौन रहे। उनके हृदय की कठोरता देख कर येसु को दुःख हुआ और वह उन पर क्रोधभरी दृष्टि दौड़ा कर उस मनुष्य से बोले, “अपना हाथ बढ़ाओ।” उसने ऐसा ही किया और उसका हाथ चंगा हो गया। इस पर 'फरीसी बाहर निकल कर तुरन्त हेरोदियों के साथ येसु के विरुद्ध परामर्श करने लगे कि हम किस तरह उनका सर्वनाश करें।
प्रभु का सुसमाचार।