प्रभु ने समूएल से कहा, “'तुम कब तक उस साऊल के कारण शोक मनाते रहोगे, जिसे मैंने इस्नाएल के राजा के रूप में अस्वीकार किया है? तुम सींग में तेल भर कर जाओ। मैं तुम्हें बेथलेहेम-निवासी येस्से के यहाँ भेजता हूँ, क्योंकि मैंने उसके पुत्रों में से एक को राजा चुना है।” समूएल ने यह उत्तर दिया, “मैं कैसे जा सकता हूँ? साऊल को इसका पता चलेगा और वह मुझे मार डालेगा।” इस पर प्रभु ने कहा, “अपने साथ एक कलोर ले जाओ और यह कहो कि मैं प्रभु को बलि चढ़ाने आया हूँ। यज्ञ के लिए येस्से को निमंत्रण दो। मैं बाद में तुम्हें बताऊँगा कि तुम्हें क्या करना है - मैं जिसे तुम्हें दिखाऊँगा, उसी का मेरी ओर से अभिषेक करोगे।” प्रभु ने जो कहा था, समूएल ने वही क्रिया। जब वह बेथलेहेम पहुँचा, तो नगर के अधिकारी घबरा कर उसके पास दौड़े आये और बोले, “कैसे पधारे? कुशल तो है?” समूएल ने कहा, “सब कुशल है। मैं प्रभु को बलि चढ़ाने आया हूँ। अपने को शुद्ध करो और मेरे साथ बलि चढ़ाने आओ।” उसने येस्से और उसके पुत्रों को शुद्ध किया और उन्हें यज्ञ के लिए निमंत्रण दिया। जब वे आये और समूएल ने एलिआब को देखा, तो वह यह सोचने लगा कि निश्चय ही यही ईश्वर का अभिषिकत है। परन्तु ईश्वर ने समूएल से कहा, “उसके रूप-रंग और लम्बे-कद का ध्यान न रखो। मैं उसे नहीं चाहता। प्रभु मनुष्य की तरह विचार नहीं करता। मनुष्य तो बाहरी रूप-रंग देखता है, किन्तु प्रभु हृदय देखता है।” येस्से ने अबीनादाब को बुला कर उसे समूएल के सामने उपस्थित किया। समूएल ने कहा, “प्रभु ने उसको भी नहीं चुना।” इस प्रकार येस्से ने अपने सात पुत्रों को समूएल के सामने उपस्थित किया। किन्तु समूएल ने येस्से से कहा, “प्रभु ने उन में से किसी को भी नहीं चुना।” उसने येस्से से पूछा, “क्या तुम्हारे पुत्र इतने ही है?” येस्से ने उत्तर दिया, “सब से छोटा यहाँ नहीं है, वह भेड़ें चरा रहा है।” तब समूएल ने येस्से से कहा, “उसे बुला भेजो। जब तक वह नहीं आयेगा, हम भोजन पर नहीं बैठेंगे।” इसलिए येस्से ने उसे बुला भेजा। लड़के का रंग गुलाबी, उसकी आँखें सुन्दर और उसका शरीर सुडौल था। ईश्वर ने समूएल से कहा, “उठो, इसी को अभिषेक दो। यह वही है।” समूएल ने तेल का सींग हाथ में ले लिया और उसके भाइयों के सामने ही उसका अभिषेक किया। ईश्वर का आत्मा दाऊद पर छा गया और उसी दिन से उसके साथ विद्यमान रहा। समूएल लौट कर रामा चल दिया।”
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : मैंने अपने सेवक दाऊद को चुन लिया।
1. तूने प्राचीन काल में दर्शन दे कर अपने भक्तों से यह कहा था, “मैंने एक पराक्रमी योद्धा को मुकुट पहनाया, मैंने जनता में से एक नवयुवक को चुन लिया।”
2. मैंने अपने सेवक दाऊद को चुन कर अपने पवित्र तेल से उसका अभिषेक किया। मेरा हाथ उसे संभालता रहेगा और मेरा बाहुबल उसे शक्ति प्रदान करेगा।
3. वह मुझे कहेगा, “तू ही मेरा पिता, मेरा ईश्वर और मेरा उद्धारक है।” मैं उसे अपना 'पहलौठा मानूँगा, और उसे पृथ्वी के राजाओं का अधिपति बनाऊँगा।
अल्लेलूया ! हमारे प्रभु येसु मसीह का पिता आप लोगों को ज्योति प्रदान करे, जिससे आप यह देख सकें कि उनके द्वारा बुलाये जाने के कारण हमारी आशा कितनी महान् है। अल्लेलूया !
येसु किसी विश्राम के दिन गेहूँ के खेतों से हो कर जा रहे थे। उनके शिष्य राह चलते बालें तोड़ने लगे। फरीसियों ने येसु से कहा, “देखिए, जो काम विश्राम के दिन मना है, वे वही क्यों कर रहे हैं?” येसु ने उन्हें उत्तर दिया, “क्या तुम लोगों ने कभी यह नहीं पढ़ा कि जब दाऊद और उसके साथी भूखे थे और खाने को उनके पास कुछ नहीं था, तो दाऊद ने क्या किया था? उसने महायाजक अबियाथार के समय ईश-मंदिर में प्रवेश कर भेंट की रोटियों को खाया और अपने साथियों को भी खिलाया। याजकों को छोड़ किसी और को उन्हें खाने की आज्ञा तो नहीं थी।” येसु ने उन से कहा, “विश्राम-दिवस मनुष्य के लिए बना है, न कि मनुष्य विश्राम-दिवस के लिए। इसलिए मानव पुत्र विश्राम-दिवस का भी स्वामी है।”
प्रभु का सुसमाचार।