उन दिनों फिलिस्ती इस्राएल पर आक्रमण करने के लिए एकत्र हो गये और इस्राएली उनका सामना करने निकले। उन्होंने एबेन-एजेर के पास पड़ाव डाला और फिलिस्तियों ने अफेक में। फिलिस्ती इस्राएलियों के सामने पंक्तिवद्ध हो गये। घमासान युद्ध हुआ और इस्राएली हार गये। फिलिस्तियों ने रणक्षेत्र में लगभग चार हजार सैनिकों को मार डाला। जब सेना पड़ाव में लौट आयी, तो इस्नाएली नेताओं ने कहा, ''प्रभु ने आज हमें फिलिस्तियों से क्यों हारने दिया? हम शिलो जा कर प्रभु की मंजूषा ले आयें। वह हमारे साथ चले और हमें हमारे शत्रुओं के पंजे से छुड़ाये।” उन्होंने मंजूषा ले आने, कुछ लोगों को शिलो भेजा। यह विश्वमंडल के प्रभु के विधान की मंजूषा है, जो केरुबीन पर विराजमान है। एली के दोनों पुत्र होफ्नी और पीनहास ईश्वर के विधान की मंजूषा के साथ आये। जब प्रभु के विधान की मंजूषा पड़ाव में पहुँची, तो सब इस्राएली इतने जोर से जयकार करने लगे कि पृथ्वी गूँज उठी। फिलिस्तियों ने जयकार का वह नाद सुन कर कहा, “इब्रानियों के पड़ाव में इस महान् जयकार का क्या अर्थ है?” जब उन्हें यह पता चला कि प्रभु की मंजूषा पड़ाव में आ गयी है, तो वे डरने लगे। उन्होंने कहा, “ईश्वर पड़ाव में आ गया है। हाय ! हम हार गये ! यह पहले कभी नहीं हुआ। हाय ! हम हार गये ! उस शक्तिशाली ईश्वर के हाथ से हमें कौन बचा सकता है? यह तो वही ईश्वर है, जिसने मिस्त्रियों को मरुभूमि में नाना प्रकार की विपत्तियों से मारा। हे फिलिस्तियो ! हिम्मत बाँधो और शूरवीरों की तरह लड़ो ! नहीं तो तुम इब्रानियों के दास बनोगे, जैसे कि वे तुम्हारे दास थे। शूरवीरों की तरह लड़ो !” फिलिस्तियों ने आक्रमण किया। इस्राएली हार कर अपने तम्बुओं में भाग गये। यह उनकी करारी हार थी - इस्राएलियों के तीस हजार प्यादे मारे गये, ईश्वर की मंजूषा छीन ली गयी और एली के दोनों पुत्र होफनी और पीनहास भी मांर दिये गये।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : हे प्रभु ! तू हमें प्यार करता है, हमारा उद्धार करने की कृपा कर।
1. अब तूने हमें त्यागा और अपमानित होने दिया। अब तू हमारी सेनाओं का साथ नहीं देता। हम अपने शत्रुओं के सामने हट जाते हैं और वे, जब चाहें हम पर छापा मारते हैं।
2. हमारे पड़ोसी हम पर ताना मारते हैं, आसपास रहने वाले हमारा उपहास करते हैं। ग़ैरयहूदी राष्ट्रों में हमारी निन्दा होती है, लोग सिर हिलाते हुए हम पर हँसते हैं।
3. हे प्रभु ! जाग! तू सोता क्यों है? उठ ! हमें सदा के लिए न त्याग। तू हम से अपना मुँह क्यों फेरता और हमारी दयनीय दशा क्यों् भुला देता है?
अल्लेलूया ! येसु राज्य के सुसमाचार का प्रचार करते और लोगों की हर तरह की बीमारी दूर करते थे। अल्लेलूया।
एक कोढ़ी येसु के पास आया और घुटने टेक कर उन से गिड़्गिड़ाते हुए बोला, “आप चाहें तो मुझे शुद्ध कर सकते हैं।” येसु को तरस आया। उन्होंने हाथ बढ़ा कर यह कहते हुए उसका स्पर्श किया, “मैं यही चाहता हूँ - शुद्ध हो जाओ।” उसी क्षण उसका कोढ़ दूर हुआ और वह शुद्ध हो गया। येसु ने उसे यह कड़ी चेतावनी देते हुए तुरन्त विदा किया, “सावधान ! किसी से कुछ न कहो। जा कर अपने को याजकों को दिखाओ और अपने शुद्धीकरण के लिए मूसा द्वारा निर्धारित भेंट चढ़ाओ, जिससे तुम्हारा स्वास्थ्यलाभ प्रमाणित हो जाये।” परन्तु वह वहाँ से विदा हो कर चारों ओर खुल कर इसकी चरचा करने लगा। इस से येसु के लिए प्रकट रूप से नगरों में जाना असम्भव हो गया और वह निर्जन स्थानों में रहने लगे। फिर भी लोग चारों ओर से उनके पास आते थे।
प्रभु का सुसमाचार।