हे सर्वेश्वर प्रभु ! हम पर दयादृष्टि कर। सब राष्ट्रों में अपने प्रति भय उत्पन्न कर। हे प्रभु ! वे तुझे उसी प्रकार जान जायें, जिस प्रकार हम जान गये कि तुझे छोड़ कर और कोई ईश्वर नहीं। नये चिह्न प्रकट कर और नये चमत्कार दिखा। याकूब के समस्त वंशियों को एकत्र कर और उन्हें पहले की तरह उनकी विरासत लौटा। हे प्रभु ! उस प्रजा पर दया कर जो तेरी ही कहलाती है, इस्राएल पर, जिसे तूने अपना पहलौठा माना है। अपने पवित्र नगर, अपने निवासस्थान येरुसालेम पर दया कर। अपने स्तुतिगान से सियोन को भर दे और अपनी प्रजा को अपनी महिमा से। अपने पहले किये हुए कार्यों को याद कर और अपने नाम पर घोषित भविष्यवाणियाँ पूरी कर। जो तुझ पर भरोसा रखते हैं, वे निराश न हों और तेरे नबियों की वाणी सत्य निकले। हे प्रभु ! हारून ने तेरी प्रजा को जो आशीर्वाद दिया था, उसी के अनुसार अपने सेवकों की प्रार्थना पूरी कर। पृथ्वी पर के सभी लोग यह स्वीकार करें कि तू ही प्रभु और शाश्वत ईश्वर है।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : हे प्रभु ! हम पर दयादृष्टि कर
1. हमारे पूर्वजों के पापों के कारण हम पर अप्रसन्न न हो। शीघ्र ही हम पर दया कर, क्योंकि हम घोर संकट में पड़ गये हैं।
2. हे ईश्वर ! हमारे मुक्तिदाता ! अपने नाम की महिमा के हेतु हमारी सहायता कर। हे प्रभु ! अपने नाम के हेतु हमारे पाप क्षमा कर।
3. बंदियों की कराह तेरे पास पहुँचे। अपने भुजबल द्वारा मरने वालों को बचा।
4. हम तेरी प्रजा हैं, तेरे चरागाह की भेड़ें, हम सदा तुझे धन्यवाद देते रहेंगे और युग-युगों तक तेरी स्तुति करेंगे।
अल्लेलूया ! मानव पुत्र सेवा करने और बहुतों के उद्धार के लिए अपना प्राण देने आया है। अल्लेलूया !
शिष्य येरुसालेम के मार्ग पर आगे बढ़ रहे थे। येसु शिष्यों के आगे-आगे चलते थे। शिष्य बहुत घबराये हुए थे और पीछे आने वाले लोग भयभीत थे। येसु बारहों को फिर अलग ले जा कर उन्हें बताने लगे कि मुझ पर क्या-क्या बीतेगी, “देखो, हम येरुसालेम जा रहे हैं। मानव पुत्र महायाजकों और शास्त्रियों के हवाले कर दिया जायेगा। वे उसे प्राणदण्ड की आज्ञा सुना कर गैरयहूदियों के हवाले कर देंगे, उसका उपहास करेंगे, उस पर थूकेंगे, उसे कोड़े लगायेंगे और मार डालेंगे; लेकिन तीसरे दिन वह जी उठेगा।” जेबेदी के पुत्र याकूब और योहन येसु के पास आ कर बोले, “गुरुवर ! हम अपने लिए एक निवेदन कर रहे हैं। आप उसे पूरा करें।” येसु ने उत्तर दिया, “क्या चाहते हो? मैं तुम्हारे लिए क्या करूँ?” उन्होंने कहा, “अपने राज्य की महिमा में हम दोनों को अपने साथ बैठने दीजिए, एक को अपने दायें और एक को अपने बायें।” येसु ने उन से कहा, “तुम नहीं जानते कि क्या माँग रहे हो। जो प्याला मुझे पीना है, कया तुम उसे पी सकते हो और जो बपतिस्मा मुझे लेना है, कया तुम उसे ले सकते हो?” उन्होंने उत्तर दिया, “हम यह कर सकते हैं।” इस पर येसु ने कहा, “जो प्याला मुझे पीना है, उसे तुम पियोगे और जो बपतिस्मा मुझे लेना है, उसे तुम लोगे; किन्तु तुम्हें अपने दायें या बायें बैठने देने का अधिकार मेरा नहीं है। वे स्थान उन लोगों के लिए हैं, जिनके लिए वे तैयार किये गये हैं।” जब दस प्रेरितों को यह मालूम हुआ, तो वे याकूब और योहन पर क्रुद्ध हो गये। येसु ने उन्हें अपने पास बुला कर कहा, “तुम जानते हो कि जो संसार के अधिपति माने जाते हैं, वे अपनी प्रजा पर निरंकुश शासन करते हैं और सत्ताधारी लोगों पर अधिकार जताते हैं। तुम में ऐसी बात नहीं होगी। जो तुम लोगों में बड़ा होना चाहे, वह तुम्हारा सेवक बने और जो तुम में प्रधान होना चाहे, वह सब का दास बने। क्योंकि मानव पुत्र भी अपनी सेवा कराने नहीं, बल्कि सेवा करने और बहुतों के उद्धार के लिए अपने प्राण देने आया है।”
प्रभु का सुसमाचार।