संहिता के अनुसार आचरण बहुत-सी बलियों के बराबर है। जो आज्ञाओं का पालन करता है, वह शांति का बलिदान चढ़ाता है। परोपकार अन्न-बलि लगाने के बराबर है। जो भिक्षादान करता है, वह धन्यवाद का बलिदान चढ़ाता है। बुराई का त्याग प्रभु को प्रिय होता है और अधर्म से दूर रहना प्रायश्चित्त के बलिदान के बराबर है। फिर भी खाली हाथ प्रभु के सामने मत आओ, क्योंकि ये सब बलिदान आदेश के अनुकूल हैं। धर्मी का चढ़ावा वेदी की शोभा बढ़ाता है और उसकी सुगंध सर्वोच्च ईश्वर तक पहुँचती है। धर्मी का बलिदान सुग्राह्य होता है, उसकी स्मृति सदा बनी रहेगी। उदारतापूर्वक प्रभु की स्तुति करते रहो। प्रथम फलों के चढ़ावे में कमी मत करो। प्रसन्नमुख हो कर दान चढ़ाया करो और खुशी से दशमांश दो। जिस प्रकार सर्वोच्च ईश्वर ने तुम्हें दिया है, उसी प्रकार तुम भी उसे सामर्थ्य के अनुसार उदारतापूर्वक दो। क्योंकि प्रभु प्रतिदान करता है, वह तुम्हें सातगुना लौटा देगा। उसे घूस मत दो, वह उसे स्वीकार नहीं करता। पाप की कमाई के चढ़ावे पर भरोसा मत रखो। क्योंकि प्रभु वह न्यायाधीश है जो पक्ष-पात नहीं करता।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य सदाचारी ही ईश्वर के मुक्ति-विधान के दर्शन करेगा।
1. “मेरी प्रजा को मेरे सामने एकत्र करो, जिसने यज्ञ चढ़ा कर मेरा विधान स्वीकार किया है।” आकाश प्रभु की न्यायप्रियता घोषित करता है। ईश्वर स्वयं हमारा न्याय करने वाला है।
2. हे मेरी प्रजा इस्राएल ! मैं बोलूँगा और तुम्हारे विरुद्ध साक्ष्य दूँगा; क्योंकि मैं ईश्वर तुम्हारा ईश्वर हूँ। मैं यज्ञों के कारण तुम पर दोष नहीं लगाता - तुम्हारे बलिदान तो सदा मेरे सामने हैं।
3. ईश्वर को धन्यवाद का बलिदान चढ़ाओ और उसके लिए अपनी मन्नतें पूरी करो। जो धन्यवाद का बलिदान चढ़ाता है, वही मेरा सम्मान करता है। सदाचारी ही ईश्वर के मुक्ति-विधान के दर्शन करेगा।
अल्लेलूया ! हे पिता ! हे स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु ! मैं तेरी स्तुति करता हूँ, क्योंकि- तूने राज्य के रहस्यों को निरे बच्चों के लिए प्रकट किया है। अल्लेलूया !
पेत्रुस ने येसु से यह कहा, “देखिए, हम लोग अपना सब कुछ छोड़ कर आपके अनुयायी बन गये हैं।” येसु ने कहा, “मैं तुम से कहे देता हूँ -ऐसा कोई नहीं, जिसने मेरे और सुसमाचार के लिए घर, भाई-बहनों, माता-पिता, बाल-बच्चों अथवा खेतों को छोड़ दिया हो और जो अब, इस लोक में, सौ-गुना न पाये - घर, भाई-बहनें, माताएँ, बाल-बच्चे और खेत, साथ-ही-साथ अत्याचार और परलोक में अनन्त जीवन। बहुत-से लोग जो अगले हैं, पिछले हो जायेंगे और जो पिछले हैं, अगले हो जायेंगे।”
प्रभु का सुसमाचार।