पुत्र ! यदि तुम प्रभु की सेवा करना चाहते हो, तो विपत्ति का सामना करने को तैयार हो जाओ। तुम्हारा हृदय निष्कपट हो, तुम दृढसंकल्प बने रहो, विपत्ति के समय तुम्हारा जी घबराये नहीं। ईश्वर से लिपटे रहो, उसे मत त्यागो, जिससे अन्त में तुम्हारा कल्याण हो। जो कुछ तुम पर बीतेगा, उसे स्वीकार करो, तुम दुःख और विपत्ति में धीर बने रहो। क्योंकि अग्नि में स्वर्ण की परख होती है और दीन-हीनता की घरिया में ईश्वर के कृपापात्रों की। ईश्वर पर निर्भर रहो और वह तुम्हारी सहायता करेगा। प्रभु के भरोसे सन्मार्ग पर आगे बढ़ते जाओ। प्रभु के श्रद्धालु भक्तो ! उसकी दया पर भरोसा रखो। मार्ग से मत भटको; कहीं पतित न हो जाओ। प्रभु के श्रद्धालु भक्तो ! उस पर भरोसा रखो, और तुम्हें निश्चय ही पुरस्कार मिलेगा। प्रभु के श्रद्धालु भक्तो ! उसके उपकारों की, चिरस्थायी आनन्द और दया की प्रतीक्षा करो। पिछली पीढ़ियों पर विचार कर देखो - किसने ईश्वर पर भरोसा रखा और वह निराश हुआ? किसने ईश्वर पर श्रद्धा रखी और वह परित्यक्त हुआ? किसने ईश्वर से प्रार्थना की और वह उपेक्षित रहा? क्योंकि ईश्वर अनुकम्पा और दया से परिपूर्ण है। वह पापों को क्षमा करता है और संकट के दिन हमें बचाता है।
प्रभु की वाणी ।
अनुवाक्य : प्रभु पर भरोसा रखो और वह तुम्हारी रक्षा करेगा।
1. यदि तुम प्रभु पर भरोसा रख कर भला करोगे, तो स्वदेश में सुरक्षित रह सकोगे। यदि तुम प्रभु में अपना आनन्द पाओगे, तो वह तुम्हारा मनोरथ पूरा करेगा।
2. प्रभु धर्मियों की रक्षा करता है। वे अनन्तकाल तक सुरक्षित रहेंगे, उन्हें संकट के समय निराश नहीं होना पड़ेगा और अकाल के समय वे तृप्त किये जायेंगे।
3. बुराई से बचते रहो, भलाई करते रहो और तुम सदा ही सुरक्षित रहोगे, क्योंकि प्रभु को धार्मिकता प्रिय है; वह अपने मित्रों को कभी नहीं त्यागता। विधर्मी सदा के लिए नष्ट हो जायेंगे, दुष्टों का वंश नहीं बना रहेगा।
4. प्रभु धर्मियों का उद्धार करता और संकट के समय उनकी रक्षा करता है। प्रभु उनकी सहायता करता और उन्हें बचाता है। वे प्रभु का आश्रय पा कर सुरक्षित रहते हैं।
अल्लेलूया ! मैं केवल हमारे प्रभु येसु मसीह के क्रूस पर गौरव करता हूँ। उन्हीं के कारण संसार मेरी दृष्टि में मर गया है और मैं संसार की दृष्टि में। अल्लेलूया !
येसु और उनके शिष्य पहाड़ से चल कर गलीलिया पार कर रहे थे। येसु नहीं चाहते थे कि किसी को इसका पता चले क्योंकि वह अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहे थे। येसु ने उन से कहा, “मानव पुत्र मनुष्यों के हवाले कर दिया जायगा। वे उसे मार डालेंगे और मार डाले जाने के बाद वह तीसरे दिन जी उठेगा।” शिष्य यह बात नहीं समझ पाते थे, किन्तु येसु से प्रश्न करने में उन्हंम संकोच होता था । वे कफरनाहुम आये। घर पहुँच कर येसु ने शिष्यों से पूछा, “तुम लोग रास्ते में किस विषय पर विवाद कर रहे थे?” वे चुप रह गये, क्योंकि उन्होंने रास्ते में इस पर वाद-विवाद किया था कि हम में सब से बड़ा कौन है। येसु बैठ गये और बारहों को बुला कर उन्होंने उन से कहा, “यदि कोई पहला होना चाहे, तो वह सब से पिछला और सब का सेवक. बने।" उन्होंने एक बालक को शिष्यों के बीच खड़ा कर दिया और उसे गले लगा कर उन से कहा, “जो मेरे नाम पर इन बालकों में से किसी एक का भी स्वागत करता है, वह मेरा स्वागत करता है और जो मेरा स्वागत करता है, वह मेरा नहीं, बल्कि उसका स्वागत करता है, जिसने मुझे भेजा है।”
प्रभु का सुसमाचार।