प्रभु ने कहा, “अकेला रहना मनुष्य के लिए अच्छा नहीं। इसलिए मैं उसके लिए एक उपयुक्त सहयोगी बनाऊँगा।” तब प्रभु ने मिट्टी से पृथ्वी पर के सभी पशुओं और आकाश के सभी पक्षियों को गढ़ा और यह देखने के लिए कि मनुष्य उन्हें क्या नाम देगा वह उन्हें मनुष्य के पास ले चला। क्योंकि मनुष्य ने प्रत्येक को जो नाम दिया होगा, वही उसका नाम रहेगा। मनुष्य ने सभी घरेलू पशुओं, आकाश के पक्षियों और सभी जंगली जीव-जन्तुओं का नाम रखा, किन्तु उसे अपने लिए उपयुक्त सहयोगी नहीं मिला। तब प्रभु-ईश्वर ने मनुष्य को गहरी नींद में सुला दिया और जब वह सो गया, तो प्रभु ने उसकी एक पसली निकाल ली और उसकी जगह को मांस से भर दिया। इसके बाद प्रभु ने मनुष्य से निकाली हुई पसली से एक स्त्री को गढ़ा और उसे मनुष्य के पास ले गया। इस पर मनुष्य बोल उठा, “यह तो मेरी हड्डियों की हड्डी है और मेरे मांस का मांस। इसका नाम “नारी! होगा, क्योंकि यह तो नर से निकाली गयी है।” इस कारण पुरुष अपने माता-पिता को छोड़ेगा और अपनी पत्नी के साथ रहेगा, और वे दोनों एक शरीर हो जायेंगे। वह मनुष्य और उसकी पत्नी, दोनों नंगे थे, फिर भी उन्हें एक दूसरे के सामने लज्जा का अनुभव नहीं होता था।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : प्रभु पर श्रद्धा रखने वाले धन्य हैं।
1. धन्य हो तुम, जो प्रभु पर श्रद्धा रखते हो और उसके मार्ग पर चलते हो। तुम अपने हाथ की कमाई से सुखपूर्वक जीवन बिताओगे।
2. तुम्हारी पत्नी तुम्हारे घर के आँगन में दाखलता की भाँति फलेगी-फूलेगी। तुम्हारी सन्तान जैतून की टहनियों की भाँति तुम्हारे चौके की शोभा बढायेगी।
3. जो ईश्वर पर भरोसा रखता है, उसे वही आशिष प्राप्त होगी। ईश्वर सियोन-पर्वत पर से तुम्हें जीवन भर आशीर्वाद प्रदान करता रहे, जिससे तुम येरुसालेम का कुशल-मंगल देख पाओ।
अल्लेलूया ! जो वचन आप लोगों में बोया गया है और जो आपकी आत्माओं का उद्धार कर सकता है, उसे ग्रहण कीजिए और उसके अधीन रहिए। अल्लेलूया !
वहाँ से विदा हो कर येसु तीरुस और सिदोन प्रान्त चले गये। वहाँ वह किसी घर में ठहरे और यह चाहते थे कि किसी को इसका पता न चले, किन्तु वह अज्ञात नहीं रह सके। एक स्त्री ने, जिसकी छोटी लड़की को अशुद्ध आत्मा लगा था, तुरन्त ही इसकी चरचा सुनी और वह उनके पास आ कर उनके चरणों पर गिर पड़ी। वह स्त्री गैरयहूदी थी; वह तो जन्म से सूरुफ़िनीकी थी। उसने येसु से विनती की कि वह उसकी बेटी से अपदूत को निकाल दें। येसु ने उस से कहा, “पहले बच्चों को तृप्त हो जाने दो। बच्चों की रोटी ले कर पिल्लों के सामने डालना ठीक नहीं है।" उसने उत्तर दिया, “जी हाँ, प्रभु ! फिर भी पिल्लेो मेज के नीचे बच्चों की रोटी का चूर खाते ही हैं।" इस पर येसु ने कहा, “जाओ। तुम्हारे ऐसा कहने के कारण अपदूत तुम्हारी बेटी से निकल गया है।” अपने घर लौट कर उसने देखा कि बच्ची खाट पर पड़ी हुई है और अपदूत उस में से निकल चुका है।
प्रभु का सुसमाचार।