सामान्य काल का तीसरा सप्ताह, बृहस्पतिवार - वर्ष 1

पहला पाठ

इब्रानियों के नाम पत्र 10:19-25

“हम अपने भरोसे का साक्ष्य देने में अटल एवं दृढ़ बने रहें और परोपकार के लिए एक दूसरे को प्रोत्साहित करें।”

भाइयो। येसु का रक्त हमें निर्भय हो कर मंदिर-गर्भ में प्रवेश करने का आश्वासन देता है। उन्होंने हमारे लिए एक नवीन तथा जीवन्त मार्ग खोल दिया, जो उनके शरीर रूपी परदे से हो कर जाता है। अब हमें एक महान्‌ पुरोहित प्राप्त हैं, जो ईश्वर के घंराने पर नियुक्त किये गये हैं। इसलिए हम अपने हृदय को पाप के दोष से मुक्त कर और अपने शरीर को स्वच्छ जल से धो कर, निष्कपट हृदय से तथा परिपूर्ण विश्वास के साथ ईश्वर के पास चलें। हम अपने भरोसे का साक्ष्य देने में अटल एवं दृढ़ बने रहें, क्योंकि जिसने हमें वचन दिया है, वह सत्यप्रतिज्ञ है। हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हम किस प्रकार भातृ-प्रेम तथा परोपकार के लिए एक दूसरे को प्रोत्साहित कर सकते हैं। हम भाइयों की सभा से अलग न रहें - जैसा कि कुछ लोग किया करते हैं - बल्कि हम एक दूसरे को ढारस बँधायें। जब हम उस दिन को निकट आते देखते हैं, तो ऐसा करना और भी आवश्यक हो जाता है।

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 23:1-6

अनुवाक्य : हे प्रभु ! जो लोग तेरे दर्शनों के लिए तरसते हैं, वे ऐसे ही हैं।

1. पृथ्वी और जो कुछ उस में है, संसार और उसके निवासी - यह सब प्रभु का है। क्योंकि उसी ने समुद्र पर उसकी नींव डाली है, प्रभु ने जल पर उसे स्थापित किया है।

2. प्रभु के पर्वत पर कौन चढ़ेगा? उसके मंदिर में कौन रह पायेगा? वही, जिसके हाथ निर्दोष हैं, जिसका हृदय निर्मल है, जिसका मन असार संसार में नहीं रमता।

3. उसी को प्रभु की आशिष प्राप्त होगी, वही अपने मुक्तिदाता ईश्वर से पुरस्कार पायेगा। वह उन लोगों के सदृश है, जो प्रभु की खोज में लगे रहते हैं, जो याकूब के ईश्वर के दर्शनों के लिए तरसते हैं।

जयघोष स्तोत्र 118:105

अल्लेलूया ! तेरी शिक्षा मुझे ज्योति प्रदान करती और मेरा पथ आलोकित करती है। अल्लेलूया !

सुसमाचार

मारकुस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 4:21-25

“दीवट पर रखने के लिए दीपक जलाया जाता है। जिस नाप से तुम नापते हो, उसी से तुम्हारे लिए भी नापा जायेगा।”

येसु ने लोगों से कहा, “क्या लोग दीपक इसीलिए जलाते हैं कि उसे पैमाने अथवा पलंग के नीचे रखें? क्याग वे उसे दीवट पर नहीं रखते? ऐसा कुछ भी छिपा हुआ नहीं है, जो प्रकट नहीं किया जायेगा और कुछ भी गुप्त नहीं है, जो प्रकाश में नहीं लाया जायेगा। जिसके सुनने के कान हों, वह सुन ले।” येसु ने उन से कहा, “ध्यान से मेरी बात सुनो। जिस नाप से तुम नापते हो, उसी से तुम्हारे लिए भी नापा जायेगा और सच पूछो, तो तुम्हें उस से भी अधिक दिया जायेगा। क्योंकि जिसके पास कुछ है, उसी को और दिया जायेगा और जिसके पास कुछ नहीं है, उस से वह भी ले लिया जायेगा, जो उसके पास है।”

प्रभु का सुसमाचार।