संहिता भावी कल्याण का वास्तविक रूप नहीं, उसकी छाया मात्र दिखाती है; उसके नियमों के अनुसार प्रतिवर्ष एक ही प्रकार के बलिदान चढ़ाये जाते हैं। संहिता उन बलिदानों के द्वारा उपासकों को पूर्णता तक पहुँचाने में असमर्थ है। यदि वह इस में समर्थ होती, तो बलिदान समाप्त किये जाते, क्योंकि तब उपासक सदा के लिए शुद्ध हो जाते और उन में पाप का बोध नहीं रहता। किन्तु अब तो उन बलिदानों द्वारा प्रतिवर्ष पापों का स्मरण दिलाया जाता है। साँडों तथा बकरों का रक्त पाप नहीं हर सकता, इसलिए मसीह ने, संसार में आ कर, यह कहा, “तूने न तो यज्ञ चाहा और न चढ़ावा, किन्तु तूने मेरे लिए एक शरीर तैयार किया है। तू न तो होम से प्रसन्न हुआ और न प्रायश्चित्त के बलिदान से, इसलिए मैंने कहा - हे ईश्वर ! मैं तेरी इच्छा पूरी करने आया हूँ, जैसा कि थर्मग्रन्थ में मेरे विषय में लिखा हुआ है।” मसीह ने पहले कहा, “तूने यज्ञ, चढ़ावा, होम अथवा प्रायश्चित्त का बलिदान नहीं चाहा, तू उन से प्रसन्न नहीं हुआ”, यद्यपि ये सब संहिता के अनुसार ही चढ़ाये जाते हैं। तब उन्होंने कहा, “देख, मैं तेरी इच्छा पूरी करने आया हूँ।” इस प्रकार वह पहली व्यवस्था को रद्द करते और दूसरी का प्रवर्त्तन करते हैं। येसु मसीह के शरीर के एक ही बार बलि चढ़ाये जाने के कारण, हम ईश्वर की इच्छा के अनुसार पवित्र किये गये हैं।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : हे मेरे ईश्वर ! मैं तेरी इच्छा पूरी करने आया हूँ।
1. मैं कब से प्रभु पर भरोसा रखता आ रहा हूँ? अभी उसने झुक कर मेरी पुकार सुनी है। उसने मुझे एक नया गीत, हमारे ईश्वर का स्तुतिगान सिखाया है।
2. तूने न तो यज्ञ चाहा और न चढ़ावा, किन्तु तूने मुझे सुनने के कान दिये। तूने न तो होम माँगा और न बलिदान, इसलिए मैंने कहा - देख, मैं आ रहा हूँ।
3. मैंने सबों के सामने तेरे न्याय का बखान किया। हे प्रभु ! तू जानता है कि मैंने अपना मुँह बन्द नहीं रखा।
4. मैंने तेरी न्यायप्रियता को अपने हृदय में नहीं छिपाया, मैंने तेरी सत्यप्रतिज्ञता का बखान किया। मैंने तेरा प्रेम और तेरा सत्य नहीं छिपाया, बल्कि सबों के सामने उनका बखान किया।
अल्लेलूया ! हे पिता ! हे स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु ! मैं तेरी स्तुति करता हूँ, क्योंकि तूने राज्य के रहस्यों को निरे बच्चों के लिए प्रकट किया है। अल्लेलूया !
किसी दिन येसु की माता और भाई आये। उन्होंने घर के बाहर से उन्हें बुला भेजा। लोग येसु के चारों ओर बैठे हुए थे। उन्होंने उन से कहा, “देखिए, आपकी माता और आपके भाई-बहनें बाहर हैं। वे आप को खोज रहे हैं।” येसु ने उत्तर दिया, “कौन है मेरी माता, कौन हैं मेरे भाई?" उन्होंने अपने चारों ओर बैठे हुए लोगों पर दृष्टि दौड़ायी और कहा, “ये हैं मेरी माता और मेरे भाई ! जो ईश्वर की इच्छा पूरी करता है, वही है मेरा भाई, मेरी बहन और मेरी माता।”
प्रभु का सुसमाचार।