अब, जो धर्मसेवा मसीह को मिली है, वह कहीं अधिक ऊँची है; क्योंकि वह एक ऐसे विधान के मध्यस्थ हैं, जो श्रेष्ठतर है और श्रेष्ठतर प्रतिज्ञाओं पर आधारित है। यदि पहला विधान परिपूर्ण होता, तो उसके स्थान पर दूसरे की क्या आवश्यकता थी? ईश्वर उन लोगों की निन्दा करते हुए कहता है - प्रभु यह कहता है - वे दिन आ रहे हैं, जब मैं इस्राएल के घराने के लिए एक नया विधान निर्धारित करूँगा। यह उस विधान की तरह नहीं होगा जिसे मैंने उनके पूर्वजों के लिए उस समय निर्धारित किया था, जब मैंने उन्हें मिस्र से निकालने के लिए हाथ से पकड़ लिया था। प्रभु यह कहता है - उन्होंने मेरे विधान का पालन नहीं किया, इसलिए मैंने भी उनकी सुध नहीं ली। प्रभु यह कहता है, वह समय बीत जाने के बाद मैं इस्राएल के लिए यह विधान निर्धारित करूँगा - मैं अपने नियम उनके मन में रख दूँगा, मैं उन्हें उनके हृदय पर अंकित करूँगा। मैं उनका ईश्वर होऊँगा और वे मेरी प्रजा होंगे। इसकी जरूरत नहीं रहेगी कि वे एक दूसरे को शिक्षा दें और अपने भाइयों से कहें - प्रभु का ज्ञान प्राप्त कीजिए, क्योंकि छोटे और बड़े, सब के सब मुझे जानेंगे। मैं उनके अपराध क्षमा कर दूँगा और उनके पापों को याद भी नहीं रखूँगा। ईश्वर यह विधान 'नया' कह कर पुकारता है, इसलिए उसने पहला विधान रद्द कर दिया। जो पुराना और जराग्रस्त हो गया है, वह लुप्त होने को है।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : दया और सच्चाई एक दूसरे से मिल गयी हैं।
1. हे प्रभु ! हम पर दया प्रदर्शित कर और हमें अपनी मुक्ति प्रदान कर। जो उस पर श्रद्धा रखते हैं, उनके लिए मुक्ति निकट है। उसकी महिमा हमारे देश में निवास करेगी।
2. दया और सच्चाई, न्याय और शांति - ये एक दूसरे से मिल जायेंगे। सच्चाई पृथ्वी पर पनपने लगेगी और न्याय स्वर्ग से हम पर दयादृष्टि करेगा।
3. प्रभु हमें सुख-शांति प्रदान करेगा और पृथ्वी फल उत्पन्न करेगी। न्याय उसके आगे-आगे चलेगा और शांति उसके पीछे-पीछे आती रहेगी।
अल्लेलूया ! ईश्वर ने मसीह के द्वारा अपने से संसार का मेल कराया। और इस मेल-मिलाप का सेवा-कार्य हमें सौंपा है। अल्लेलूया !
येसु पहाड़ी पर चढ़े। वह जिन को चाहते थे, उन को उन्होंने अपने पास बुला लिया। वे उनके पास आये और येसु ने उन में से बारह को नियुक्त किया, जिससे वे लोग उनके साथ रहें और वह उन्हें अपदूतों को निकालने का अधिकार दे कर सुसमाचार का प्रचार करने भेज सकें। येसु ने इन बारहों को नियुक्त किया - सिमोन को, जिसका नाम उन्होंने पेत्रुस रखा; जेबेदी के पुत्र याकूब और उसके भाई योहन को, जिनका नाम उन्होंने बोआनेर्गेस अर्थात् गर्जन के पुत्र रखा; अंद्रेयस, फिलिप, बरथोलोमी, मत्ती, थोमस, अलफाई के पुत्र याकूब, थद्देयूस और सिमोन को, जो उत्साही कहलाता है; और यूदस इसकारियोती को, जिसने येसु को पकड़वाया।
प्रभु का सुसमाचार।