जब इब्राहीम राजाओं को हरा कर लौट रहा था, तो सालेम का राजा और सर्वोच्च ईश्वर का पुरोहित, वही मेलकौसेदेक उस से मिलने आया और उसने इब्राहीम को आशीर्वाद दिया। इब्राहीम ने उसे सब चीजों का दशमांश दिया। ‘मेलकीसेदेक' का अर्थ है - धार्मिकता का राजा। वह ‘सालेम' का राजा’ भी है, जिसका अर्थ है - 'शांति' का राजा। उसके न तो पिता है, न माता और न कोई वंशावली। उसके जीवन का न तो आरंभ है और न अन्त। वह ईश्वर के पुत्र के सदृश है और वह सदा ही पुरोहित बना रहता है। यह सब और भी स्पष्ट हो जाता है यदि हम इस पर विचार करें कि एक अन्य पुरोहित प्रकट हुआ, जो मेलकीसेदेक के सदृश है, जो वंश-परम्परा पर आधारित किसी नियम के अनुसार नहीं, बल्कि अविनाशी जीवन के सामर्थ्य से पुरोहित बन गया है। उसी के विषय में धर्मग्रंथ यह साक्ष्य देता है - तुम मेलकीसेदेक की तरह सदा ही पुरोहित बने रहोगे।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : तुम मेलकीसेदेक की तरह सदा ही पुरोहित बने रहोगे।
1. ईश्वर ने मेरे प्रभु से कहा - तुम मेरे दाहिने बैठ जाओ, मैं तुम्हारे शत्रुओं को तुम्हारे पैरों तले डालूँगा।
2. ईश्वर तुम्हें सियोन में महान् राज्याधिकार प्रदान करेगा, तुम अपने शत्रुओं पर शासन करोगे।
3. जिस दिन तुम्हारा जन्म हुआ था, उस दिन से तुझे पवित्र पर्वत, सियोन पर, राज्याधिकार प्राप्त है।
4. ईश्वर की यह शपथ अपरिवर्त्तनीय है - तुम मेलकीसेदेक की तरह सदा ही पुरोहित बने रहोगे।
अल्लेलूया ! येसु राज्य के सुसमाचार का प्रचार करते और लोगों की हर तरह की बीमारी दूर करते थे। अल्लेलूया !
किसी दूसरे अवसर पर येसु ने सभागृह में प्रवेश किया। वहाँ एक मनुष्य था, जिसका हाथ सूख गया था। वे इस बात की ताक में थे कि येसु कहीं विश्राम के दिन उसे चंगा करें, और हम उन पर दोष लगायें। येसु ने सूखे हाथ वाले से कहा, “बीच में खडे हो जाओ।” तब येसु ने उन से पूछा, “विश्राम के दिन भलाई करना उचित है या बुराई, जान बचाना या मार डालना?” वे मौन रहे। उनके हृदय की कठोरता देख कर येसु को दुःख हुआ और वह उन पर क्रोधभरी दृष्टि दौड़ा कर उस मनुष्य से बोले, “अपना हाथ बढ़ाओ।” उसने ऐसा ही किया और उसका हाथ चंगा हो गया। इस पर 'फरीसी बाहर निकल कर तुरन्त हेरोदियों के साथ येसु के विरुद्ध परामर्श करने लगे कि हम किस तरह उनका सर्वनाश करें।
प्रभु का सुसमाचार।