वर्ष का प्रथम सप्ताह –बृहस्पतिवार, वर्ष 1

पहला पाठ

इब्रानियों के नाम पत्र 3:7-14

“जब तक वह ‘आज' बना रहता है, आप लोग एक दूसरे को प्रोत्साहन देते जायें।’’

आप लोग पवित्र आत्मा के इस कथन पर ध्यान दें - ओह ! यदि तुम 'आज' उसकी यह वाणी सुनो, अपना हृदय कठोर न बनाओ, जैसा कि पहले, विद्रोह के समय, हुआ था। उस दिन तुम्हारे पूर्वजों ने मरुभूमि में मुझे चुनौती दी और मेरी परीक्षा ली, यद्यपि उन्होंने चालीस वर्षों तक मेरे कार्य देखे थे। इसलिए मैं उस पीढ़ी पर अप्रसन्न हो गया और मैंने कहा, “उनका हृदय भटकता रहा है। बे मेरे मार्ग जानना नहीं चाहते। मैंने क्रुद्ध हो कर यह शपथ खायी : वे मेरे विश्रामस्थान में प्रवेश नहीं करेंगे।” भाइयो ! आप सावधान रहें; आप लोगों में किसी के मन में इतनी बुराई और अविश्वास न हो कि वह जीवन्त ईश्वर से विमुख हो जाये। जब तक वह 'आज' बना रहता है, आप लोग प्रतिदिन एक दूसरे को प्रोत्साहन देते जायें जिससे कोई भी पाप के फन्दे में पड़ कर कठोर न बने। हम तो मसीह के भागीदार बन गये हैं; बशर्ते हम अपना प्रारंभिक विश्वास अन्त तक अक्षुण्ण बनाये रखें।

प्रभु की वाणी।

भजन स्तोत्र 94:6-11

अनुवाक्य : “अच्छा हो कि आज तुम उसकी यह वाणी सुन लो- अपना हृदय कठोर न बना लो।”

1. आओ ! हम दण्डवत्‌ कर प्रभु की आराधना करें, अपने सृष्टिकर्ता के सामने घुटने टेकें। वही तो हमारा ईश्वर है और हम हैं उसके चरागाह की प्रजा, उसकी अपनी भेड़ें।

2. ओह ! यदि तुम आज उसकी यह वाणी सुनो, “अपना हृदय कठोर न बनाओ, जैसा कि पहले मेरीबा और मस्सा की मरुभूमि में हुआ था। उस दिन तुम्हारे पूर्वजों ने मेरी परीक्षा ली। मेरे कार्यों को देखते हुए भी, उन्होंने मुझ पर विश्वास नहीं किया।

3. यह पीढ़ी मुझे चालीस वर्षों तक अप्रसन्न करती रही। मैंने कहा, इनका हृदय भटक गया है, ये लोग मेरा मार्ग नहीं जानते हैं। तब मैंने क्रद्ध हो कर यह शपथ खायी - ये मेरे विश्राम स्थान में प्रवेश नहीं करेंगे। "

जयघोष : मत्ती 4:23

अल्लेलूया ! येसु राज्य के सुसमाचार का प्रचार करते और लोगों की हर तरह की बीमारी दूर करते थे। अल्लेलूया।

सुसमाचार

मारकुस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 1: 40-45

“उसका कोढ़ दूर हुआ और वह शुद्ध हो गया।’’

एक कोढ़ी येसु के पास आया और घुटने टेक कर उन से गिड़्गिड़ाते हुए बोला, “आप चाहें तो मुझे शुद्ध कर सकते हैं।” येसु को तरस आया। उन्होंने हाथ बढ़ा कर यह कहते हुए उसका स्पर्श किया, “मैं यही चाहता हूँ - शुद्ध हो जाओ।” उसी क्षण उसका कोढ़ दूर हुआ और वह शुद्ध हो गया। येसु ने उसे यह कड़ी चेतावनी देते हुए तुरन्त विदा किया, “सावधान ! किसी से कुछ न कहो। जा कर अपने को याजकों को दिखाओ और अपने शुद्धीकरण के लिए मूसा द्वारा निर्धारित भेंट चढ़ाओ, जिससे तुम्हारा स्वास्थ्यलाभ प्रमाणित हो जाये।” परन्तु वह वहाँ से विदा हो कर चारों ओर खुल कर इसकी चरचा करने लगा। इस से येसु के लिए प्रकट रूप से नगरों में जाना असम्भव हो गया और वह निर्जन स्थानों में रहने लगे। फिर भी लोग चारों ओर से उनके पास आते थे।

प्रभु का सुसमाचार।