ईश्वर ने उस भावी संसार को, जिसकी चरचा हम कर रहे हैं, स्वर्गदूतों के अधीन नहीं किया। इसके सम्बन्ध में कोई धर्मग्रन्थ में यह साक्ष्य देता है - मनुष्य कया है, जो तू उसकी सुधि ले? मनुष्य का पुत्र क्या है, जो तू उसकी देख-भाल करे? तूने उसे कुछ ही समय तक स्वर्गदूतों से छोटा बनाया और उसे महिमा तथा सम्मान का मुकुट पहनाया। तूने सब-कुछ उसके पैरों तले डाल दिया। जब ईश्वर ने सब-कुछ उसके अधीन कर दिया, तो उसने कुछ भी ऐसा नहीं छोड़ा जो उसके अधीन न हो। परन्तु हम अब तक यह नहीं देखते कि सब-कुछ येसु के अधीन है। येसु को कुछ ही समय तक स्वर्गदूतों से छोटा बना दिया गया था, जिससे वह ईश्वर की कृपा से प्रत्येक मनुष्य के लिए मर जायें। अब हम देखते हैं कि मृत्यु की यंत्रणा सहने के कारण उन्हें महिमा और सम्मान का मुकुट पहना दिया गया है। ईश्वर, जिसके कारण और जिसके द्वारा सब कुछ होता है, बहुत-से पुत्रों को महिमा तक ले जाना चाहता था। इसलिए यह उचित था कि वह उन सबों की मुक्ति के प्रवर्त्क को, अर्थात् येसु को दुःखभोग द्वारा पूर्णता तक पहुँचा दे। जो पवित्र करता है और जो पवित्र किये जाते हैं, उन सबों का पिता एक ही है; इसलिए येसु उन्हें अपने भाई मानने में नहीं लजाते और कहते हैं - मैं अपने भाइयों के सामने तेरे नाम का बखान करूँगा, मैं सभाओं में तेरा गुणणान करूँगा।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : तूने अपने पुत्र को अपनी सृष्टि पर अधिकार दिया है।
1. हे प्रभु ! हमारे ईश्वर ! तेरा नाम समस्त पृथ्वी पर कितना महान् है। मनुष्य क्या है, जो तू उसकी सुध ले? आदम का पुत्र क्या है, जो तू उसकी देखभाल करे?
2. तूने उसे स्वर्गदूत से कुछ ही कम बनाया और उसे महिमा तथा सम्मान का मुकुट पहनाया। तूने उसे अपनी सृष्टि पर अधिकार दिया।
3. तूने सब-कुछ उसके पैरों तले डाल दिया - सब भेड्-बकरियों, गाय-बैलों और जंगल के बनैले पशुओं को; आकाश के पक्षियों, समुद्र की मछलियों, और सारे जलचारी जन्तुओं को।
अल्लेलूया ! आप ईश्वर का संदेश मनुष्यों का नहीं, बल्कि जैसा कि वह वास्तव में है - ईश्वर का वचन समझ कर स्वीकार करें। अल्लेलूया !
वे कफरनाहुम आये। जब विश्रामदिवस आया, तो येसु सभागृह गये और शिक्षा देने लगे। लोग उनकी शिक्षा सुन कर अचंभे में पड़ गये; क्योंकि वह शास्त्रियों की तरह नहीं, बल्कि अधिकार के साथ शिक्षा देते थे। सभागृह में एक मनुष्य था, जो अशुद्ध आत्मा के वश में था। वह ऊँचे स्वर से चिल्लाया, “येसु नाजरी ! हम से आप को क्या्? क्या आप हमारा सर्वनाश करने आये हैं? मैं जानता हूँ कि आप कौन हैं - ईश्वर के भेजे हुए परमपावन पुरुष।” येसु ने यह कह कर उसे डाँटा, “चुप रह ! इस मनुष्य से बाहर निकल जा।” अपदूत उस मनुष्य को झकझोरते हुए ऊँचे स्वर से चिल्ला कर उस में से निकल गया। सब चकित रह गये और आपस में कहने लगे, “यह क्या है? यह तो नये प्रकार की शिक्षा है। वह अधिकार के साथ बोलते हैं। वह अशुद्ध आत्माओं को भी आदेश देते हैं और वे उनकी आज्ञा मानते हैं।” इसके बाद येसु की चरचा शीघ्र ही गलीलिया प्रांत के कोने-कोने में फैल गयी।
प्रभु का सुसमाचार।