तुम्हारा ईश्वर यह कहता है, “मेरी प्रजा को सांत्वना दो, सांत्वना दो। येरुसालेम को ढारस बँधाओ और पुकार कर उस से यह कह दो कि उसके विपत्ति के दिन समाप्त हो गये हैं और उसके पाप का प्रायश्चित्त हो चुका है। प्रभु-ईश्वर के हाथ से उसे सभी अपराधों का पूरा-पूरा दण्ड मिल चुका है।” यह आवाज आ रही है, “'निर्जन प्रदेश में प्रभु का मार्ग तैयार करो। हमारे ईश्वर के लिए मैदान में रास्ता सीधा कर दो। हर एक घाटी भर दी जाये। हर एक पहाड़ और पहाड़ी समतल की जाये; खड़ी चट्टान को मैदान और कगार को घाटी बना दिया जाये। तब प्रभु-ईश्वर की महिमा प्रकट हो जायेगी और सब शरीरधारी उसे देखेंगे; क्योंकि प्रभु ने ऐसा ही कहा हैं।” सियोन को शुभ संदेश सुनाने वाले ! ऊँचे पहाड़ पर चढ़ जाओ। येरुसालेंम को शुभ संदेश सुनाने वाले ! अपनी आवाज ऊँची कर दो। निडर हो कर यूदा के नगरों से पुकार कर यह कहो : यही तुम्हारा ईश्वर है। देखो, प्रभु-ईश्वर सामर्थ्य के साथ आ रहा है और सब कुछ अपने अधीन कर लेगा। वह अपना पुरस्कार अपने साथ ला रहा है। और उसका विजयोपहार भी उसके साथ है। वह गडेरिये की तरह अपना रेवड चराता है; वह मेमने को उठा कर अपनी छाती से लगा लेता और दूध पिलाने वाली भेड़ें धीरे-धीरे ले चलता है।
प्रभु की वाणी।
1. मेरी आत्मा प्रभु का स्तुतिगान करे। हे प्रभु ! मेरे ईश्वर ! तू कितना महान् है। तू महिमा तथा प्रताप से समन्वित है। तू प्रकाश को चादर की तरह ओढे है।
2. तूने पृथ्वी को नींव पर रख दिया है, और वह युगों तक स्थिर रहती है। तूने उसे वस्त्र की तरह महासागर से ढक दिया है। पहाड़ों के ऊपर तक पानी चढ़ा हुआ था।
3. तू घाटियों में से स्रोत निकालता है और वे पहाड़ों के बीच से बहते जाते हैं। आकाश के पक्षी उनके पास बसेरा करते हैं और डालियों में चहचहाते रहते हैं।
4. हे प्रभु ! तेरे कार्य असंख्य हैं। तू जो भी करता है, अच्छा ही करता है। पृथ्वी तेरे वैभव से भरपूर है। मेरी आत्मा प्रभु का स्तुतिगान करे।
प्रियवर ! ईश्वर की कृपा सभी मनुष्यों की मुक्ति के लिए प्रकट हो गयी है। वह हमें यह शिक्षा देती है कि अधार्मिकता तथा विषय-वासना त्याग कर हम इस पृथ्वी पर संयम, न्याय तथा भक्ति का जीवन बितायें और उस दिन की प्रतीक्षा करें, जब हमारी आशाएँ पूरी हो जायेंगी और हमारे महान् ईश्वर एवं मुक्तिदाता येसु मसीह की महिमा प्रकट हो जायेगी। उन्होंने हमारे लिए अपने को बलि चढाया है। जिससे वह हमें हर प्रकार की बुराई से मुक्त करें और हमें एक ऐसा प्रजा बना दें, जो शुद्ध हो, जो उनकी अपनी हो और जो भलाई करने के लिए उत्सुक हो। हमारे प्रभु येसु मसीह के नाम पर ये बातें समझाते हुए उपदेश दीजिए। हमारे मुक्तिदाता परमेश्वर की कृपालुता तथा मनुष्यों के प्रति उसका प्रेम पृथ्वी पर प्रकट हो गया है। उसने नवजीवन के जल और पवित्र आत्मा की संजीवन शक्ति द्वारा हम को बचाया है। उसने हमारे किसी पुण्य कर्म के कारण ऐसा नहीं किया है, बल्कि इसलिए कि वह दयालु है। उसने हमारे मुक्तिदाता येसु मसीह द्वारा हमें पवित्र आत्मा का प्रचुर वरदान दे दिया है, जिससे हम उसकी कृपा की सहायता से धर्मी बन कर अनन्त जीवन के उत्तराधिकारी बनने की आशा कर सकें।
प्रभु की वाणी।
अल्लेलूया ! अल्लेलूया ! स्वर्ग खुल गया और पिता-परमेश्वर की यह वाणी सुनाई दी, “यह मेरा परमप्रिय पुत्र है। इसकी सुनो”: अल्लेलूया !
जनता में उत्सुकता बढ़ती जा रही थी और सब योहन के विषय मैं मन-ही-मन सोच रहे थे कि कहीं यही तो मसीह नहीं हैं। इसलिए योहन ने सबों से कहा, “मैं तो तुम लोगों को जल से बपतिस्मा देता हूँ; परन्तु एक आने वाले हैं, जो मुझसे अधिक शक्तिशाली हैं। मैं उनके जूते का फीता खोलने योग्य भी नहीं हूँ। वह तुम लोगों को पवित्र आत्मा और आग से बपतिस्मा देंगे।” सारी जनता को बपतिस्मा मिल जाने के बाद येसु ने भी बपतिस्मा ग्रहण किया। इसे ग्रहण कंरने के अनन्तर वह प्रार्थना कर ही रहे थे कि स्वर्ग खुल गया। पवित्र आत्मा कपोत-जैसे शरीर के रूप में उनपर उतरा और स्वर्ग से यह वाणी सुनाई दी, “तू मेरा प्रिय पुत्र है। मैं तुझ पर अत्यन्त प्रसन्न हूँ।”
प्रभु का सुसमाचार।