7 जनवरी (या प्रभु-प्रकाश के बाद का सोमवार )

पहला पाठ

सन्त योहन का पहला पत्र 3:22-4:6

“आत्माओं की परीक्षा कर देखो कि वे ईश्वर के हैं या नहीं।”

जो कुछ हम उस से माँगेंगे, वह हमें वही प्रदान करेगा; क्योंकि हम उसकी आज्ञाओं का पालन करते हैं और वही करते हैं, जो उसे पसन्द है। और उसकी आज्ञा यह है कि हम उसके पुत्र येसु मसीह के नाम में विश्वास करें और एक दूसरे को प्यार करें, जैसा कि उसने हमें आदेश दिया है। जो ईश्वर की आज्ञाओं का पालन करता है, वह ईश्वर में निवास करता है और ईश्वर उस में। और हम जानते हैं कि वह हम में निवास करता है, क्योंकि उसने हम को अपना आत्मा प्रदान किया है। प्रिय भाइयों ! प्रत्येक आत्मा पर विश्वास मत करो। आत्माओं की परीक्षा कर देखो कि वे ईश्वर के हैं या नहीं; क्योंकि जो आत्मा संसार में आये हैं, उन में बहुत-से झूठे नबी हैं। इंश्वर की आत्मा की पहचान इस में है - प्रत्येक आत्मा, जो यह स्वीकार करता है कि येसु मसीह सचमुच मनुष्य बन गये हैं, वह ईश्वर का है। और प्रत्येक आत्मा जो इस प्रकार येसु को नहीं स्वीकार करता, वह ईश्वर का नहीं है और वहीं मसीह-विरोधी है। तुमने सुना है कि वह संसार में आने वाला है और अब तो वह संसार में आ चुका है। बच्चो ! तुम ईश्वर के हो और तुम ने उन लोगों पर विजय पायी है; क्योंकि जो तुम में है, वह उस से महान्‌ है, जो संसार में है। वे संसार के हैं और इसलिए वे संसार की बात करते हैं और संसार उनकी सुनता है। किन्तु हम ईश्वर के हैं और जो ईश्वर को पहचानता है, वह हमारी सुनता है। जो ईश्वर का नहीं है, वह हमारी बात सुनना नहीं चाहता। हम इसके द्वारा सच्चाई के आत्मा और भ्रांति के आत्मा की पहचान कर सकते हैं।

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 1:7-8.10-11

अनुवाक्य : मैं तुम्हें सभी राष्ट्रों का अधिपति बना दूँगा।

1. मैं ईश्वर की राजाज्ञा घोषित करूँगा। प्रभु ने मुझ से कहा, “तुम मेरा पुत्र हो, आज मैंने तुम को उत्पन्न किया है। मुझ से माँगो और मैं तुम्हें सभी राष्ट्रों का अधिपति तथा समस्त पृथ्वी का स्वामी बना दूँगा।”

2. हे राजाओ ! अब भी समझो ! हे पृथ्वी के शासकों ! शिक्षा ग्रहण करो ! डरते-काँपते हुए प्रभु की सेवा करो और उसकी आज्ञाओं का पालन करो।

जयघोष : मत्ती 4:23

अल्लेलूया ! येसु राज्य के सुसमाचार का प्रचार करते और लोगों की हर तरह की बीमारी दूर करते थे। अल्लेलूया !

सुसमाचार

मत्ती के अनुसार पवित्र सुसमाचार 4:12-17, 23-25

“स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है।''

येसु ने जब यह सुना कि योहन गिरफ़्तार हो गया है, तो वह गलीलिया चले गये। वह नाज़रेत नगर छोड़ कर, ज़बुलोन और नेफ़ताली के प्रान्त में, समुद्र के किनारे पर बसे हुए कफ़रनाहूम नगर में रहने लगे। इस तरह नबी इसायस का यह कथन पूरा हुआ - ज़बुलोन प्रान्त ! नेफ़ताली प्रान्त ! समुद्र के पथ पर, यर्दन के उस पार, ग़ैरयहूदियों की गलीलिया ! अंधकार में - रहने वाले लोगों ने एक महती ज्योति देखी है। मृत्यु के अंधकारमय प्रदेश में रहने वालों पर ज्योति का उदय हुआ है। उस समय से येसु यह कह कर उपदेश देने लगे, “पश्चात्ताप करो। स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है।” येसु उनके सभायृहों में शिक्षा देते, राज्य के सुसमाचार का प्रचार करते और लोगों की हर तरह की बीमारी और निर्बलता दूर करते, सारी गलीलिया में घूमते रहते थे। उनका नाम सारी सीरिया में फैल गया। लोग मिरगी, लकवा आदि नाना प्रकार की बीमारियों और कष्टों से पीड़ित सब रोगियों को और अपदूतग्रस्तों को येसु के पास ले आते थे और वह उन्हें चंगा करते थे। गलीलिया, देकापोलिस, येरुसालेम, यहूदिया और यर्दन के उस पार से आया हुआ एक विशाल जनसमूह उनके पीछे-पीछे चलता था।

प्रभु का सुसमाचार।