6 जनवरी प्रभु-प्रकाश (2 और 8 जनवरी के बीच का इतवार )

पहला पाठ

नबी इसायस भविष्यवाणी करते हैं कि येरुसालेम पर ज्योति का उदय होगा और वह ज्योति दुनिया का अंधकार दूर करेगी। यह मसीह के आगमन की भविष्यवाणी है।

नबी इसायस का ग्रंथ 60:1-6

“प्रभु की महिमा तुझ पर उदित हो रही है।”

येरुसालेम ! उठ कर प्रकाशमान हो जा ! क्योंकि तेरी ज्योति आ रही है और प्रभु-ईश्वर की महिमा तुझ पर उदित हो रही है। पृथ्वी पर अंधेरा छाया हुआ है और राष्ट्रों पर घोर अंधकार, किन्तु तुझ पर प्रभु उदित हो रहा है, तेरे ऊपर उसकी महिमा प्रकट हो रही है। राष्ट्र तेरी ज्योति की ओर आ रहे हैं और राजा तेरे उदीयमान प्रकाश की ओर। चारों ओर दृष्टि दौड़ा कर देख ! सब मिल कर तेरे पास आ रहे हैं। तेरे पुत्र दूर से चले आ रहे हैं; लोग तेरी पुत्रियों को गोद में उठा कर लाते हैं। यह देख कर तू प्रफल्लित हो उठेगी, तेरा हृदय आनन्द से उछलने लगेगा; क्योंकि समुद्र की सम्पत्ति और राष्ट्रों की धन-दौलत तेरे पास आ जायेगी। उँटों के कुण्ड और मिदयान तथा एफा की साँडनियाँ तुझ में उमड़ पड़ेंगी, शेबा के सब लोग, प्रभु की स्तुति करते हुए, सोने और लोबान की भेंट ले आयेंगे।

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 71:1-2,7-8,10-13

अनुवाक्य :हे प्रभु ! पृथ्वी के सभी राष्ट्र तेरी आराधना करेंगे।

1. हे ईश्वर ! राजा को अपना न्याय-अधिकार, राजपुत्र को अपनी न्यायशीलता प्रदान कर, जिससे वह तेरी प्रजा पर न्यायपूर्वक शासन करें और पद्दलितों की रक्षा करें।

2. उनके राज्यकाल में न्याय फलेगा-फूलेगा और अपार शांति सदा-सर्वदा छायी रहेगी। उनका राज्य एक समुद्र से दूसरे समुद्र तक पृथ्वी के सीमान्तों तक फैल जायेगा।

3. तरशीश और द्वीपों के राजा उन्हें उपहार देने आयेंगे। शेबा और सबा के राजा उन्हें भेंट चढ़ायेंगे। पृथ्वी के सभी राजा उन्हें दण्डवत्‌ करेंगे, सभी राष्ट्र उनके अधीन रहेंगे।

4. वह दुहाई देने वाले दरिद्रों और पद्दलितों की रक्षा करेंगे। वह निस्सहाय और दरिद्र पर तरस खा कर पद्दलितों के प्राण बचायेंगे।

दूसरा पाठ

यहूदियों के धर्मग्रंथ में मसीह की प्रतिज्ञा है। वह मसीह न केवल यहूदियों के लिए, बल्कि सभी मनुष्यों के लिए, दुनिया में आये हैं।

एफ़ेसियों के नाम सन्त पौलुस का पत्र 3:2-3, 5-6

“अब यह प्रकट किया गया है कि ग़ैर-यहूदी खीस्त-विषयक प्रतिज्ञा के सहभागी हैं।”

भाइयो ! आप लोगों ने अवश्य सुना होगा कि परमदयालु ईश्वर ने आपकी भलाई के लिए मुझे यह कार्य सौंपा है। उसने मुझ पर वह रहस्य प्रकट किया है जो पिछली पीढ़ियों में मनुष्यों को नहीं बताया गया था और अब आत्मा के द्वारा उसके पवित्र प्रेरितों और नबियों पर प्रकट किया गया है। वह रहस्य यह है कि सुसमाचार के द्वारा यहूदियों के साथ ग़ैर-यहूदी एक ही विरासत के अधिकारी हैं, एक शरीर के अंग हैं और येसु मसीह-विषयक प्रतिज्ञा के सहभागी हैं।

प्रभु की वाणी ।

जयघोष : मत्ती 2:2

अल्लेलूया, अल्लेलूया ! हमने उनका तारा उदित होते देखा है। हम उन्हें दण्डवत्‌ करने आये हैं। अल्लेलूया !

सुसमाचार

यहूदी नेता मसीह की प्रतिज्ञा के विषय में जानते थे, किन्तु उन्होंने उनका पता लगाने की कोशिश नहीं की। विदेशी ज्योतिषी धर्मग्रंथ के विषय में कुछ नहीं जानते थे, फिर भी वे मसीह को खोजने आये।

मत्ती के अनुसार पवित्र सुसमाचार 2:1-12

“हम राजा की आराधना करने के लिए पूर्व से आये हुए हैं।”

येसु का जन्म यहूदिया के बेथलेहेम में राजा हेरोद के समय में हुआ था। इसके बाद ज्योतिषी पूर्व से येरुसालेम आये और कहने लगे, 'यहूदियों के नवजात राजा कहाँ हैं? हमने उनका तारा उदित होते देखा है। हम उन्हें दण्डवत्‌ करने आये हैं।” यह सुन कर राजा हेरोद और सारा येरुसालेम घबरा गया। राजा ने सब महायाजकों और यहूदी जातिं के शास्त्रियों की सभा बुला कर उन से पूछा “मसीह कहाँ जन्म लेंगे? '' उन्होंने उत्तर दिया “यहूदिया के बेथलेहेम में, क्योंकि नबी ने इसके विषय में यह लिखा है - हे बेथलेहेम, यूदा की भूमि ! तू यूदा के प्रमुख नगरों में किसी से कम नहीं है; क्योंकि तुझ में एक नेता उत्पन्न होगा, जो मेरी प्रजा इस्त्राएल का चरवाहा बनेगा '। हेरोद ने बाद में ज्योतिषियों को चुपके से बुलाया और उन से पूछताछ कर यह पता कर लिया कि वह तारा ठीक किस समय उन्हें दिखाई दिया था। फिर उसने उन्हें बेथलेहेम भेजते हुए कहा, “जाइए, बालक का ठीक-ठीक पता लगाइए; और उसे पाने पर मुझे खबर दीजिए, जिससे मैं भी जा कर उसे दण्डवत्‌ करूँ”। वे राजा की बात मानकर चल दिये। उन्होंने जिस तारे को उदित होते देखा था, वह उनके आगे-आगे चलता रहा, और जहाँ बालक था, उस जगह के ऊपर पहुँच कर ठहर गया। वे तारा देख कर बहुत आनन्दित हुए। घर में प्रवेश कर उन्होंने बालक को उसकी माता मरियम के साथ देखा और उसे साष्टांग प्रणाम किया। फिर अपना-अपना सन्दूक खोल कर उन्होंने उसे सोना, लोबान और गंधरस की भेंट चढ़ायी। उन्हें स्वप्न में यह चेतावनी मिली कि वे हेरोद के पास नहीं लौटें। इसलिए वे दूसरे रास्ते से अपने देश चले गये।

प्रभु का सुसमाचार।