ख्रीस्त-जयन्ती के बाद दूसरा रविवार

पहला पाठ

प्रवक्ता ग्रन्थ 24:1-2, 8-16

ईश्वर की प्रज्ञा अपनी चुनी हुई प्रजा में निवास करती है।

प्रज्ञा अपनी ही प्रशंसा कर रही है, वह अपने लोगों के बीच अपना ही गुणगान करती है, वह सर्वोच्च की सभा में बोलती है और उसके सामर्थ्य के सामने अपना यश गाती है। मैंने अकेले ही आकाशमण्डल का चक्कर लगाया और महागर्त्त की गहराई का भ्रमण किया। मुझे समुद्र की लहरों पर, समस्त पृथ्वी पर, सभी प्रजातियों और राष्ट्रों पर अधिकार मिला। मैं उन सब में विश्राम का स्थान ढूँढ़ती रही : मैं किसके यहाँ निवास करूँ? तब विश्व के सृष्टा ने मुझे आदेश दिया, मेरे सृष्टिकर्ता ने मेरे रहने का स्थान निश्चित किया। उसने मुझसे कहा, याकूब में डेरा डालो, इस्राएल में निवास करो और मेरी प्रजा में जड़ पकड़ो। उसने आदि में, युगों से पहले मेरी सृष्टि की थी और मैं अनन्त काल तक बनी रहूँगी। मैं उसके सामने, पवित्र मन्दिर में सेवा करती रही और इस प्रकार सियोन मेरा निवास बन गया। मुझे परमप्रिय नगर में विश्राम मिला। येरुसालेम मेरा अधिकारक्षेत्र बन गया।

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 147:12-13, 14-15, 19-20

अनुवाक्य : शब्द ने देह धारण किया और हमारे बीच रहा। (योहन 1:14: अथवा : अल्लेलूया।

1. येरुसालेम ! प्रभु की स्तुति कर। सियोन ! अपने ईश्वर का गुणगान कर। उसने तेरे फाटकों के अर्गल सुदृढ़ बना दिये, उसने तेरे यहाँ के बच्चों को आशीर्वाद दिया।

2. वह तेरे प्रान्तों में शान्ति बनाये रखता और तुझे उत्तम गेहूँ से तृप्त करता है। वह पृथ्वी को अपना आदेश देता है, उसकी वाणी शीघ्र ही फैल जाती है।

3. वह याकूब को अपना आदेश देता और इस्राएल के लिए अपना विधान घोषित करता है। उसने किसी अन्य राष्ट्र के लिए ऐसा नहीं किया। उसने उनके लिए अपने नियम नहीं प्रकट किये। अल्लेलूया !

दूसरा पाठ

एफ़ेसियों के नाम सन्त पौलुस का पत्र 1:3-6, 15-18

हम ईसा मसीह द्वारा उसके दत्तक पुत्र बनेंगे।

धन्य है हमारे प्रभु ईसा मसीह का ईश्वर और पिता ! उसने मसीह द्वारा हम लोगों को स्वर्ग कें हर प्रकार के आध्यात्मिक वरदान प्रदान किये हैं। उसने संसार की सृष्टि से पहले मसीह में हम को चुना, जिससे हम मसीह से संयुक्त हो कर उसकी दृष्टि में पवित्र तथा निष्कलंक बनें। उसने प्रेम से प्रेरित हो कर आदि में ही निर्धारित किया कि हम ईसा मसीह द्वारा उसके दत्तक पुत्र बनेंगे। इस प्रकार, उसने अपनी मंगलमय इच्छा के अनुसार अपने अनुग्रह की महिमा प्रकट की हैं। वह अनुग्रह हमें उसके प्रिय पुत्र द्वारा मिला है। मैंने प्रभु ईसा में आप लोगों के विश्वास और सभी सन्तों के प्रति आपके भ्रातृप्रेम के विषय में सुना है। मैं आप लोगों के कारण ईश्वर को निरन्तर धन्यवाद देता और अपनी प्रार्थनाओं में आप लोगों का स्मरण करता रहता हूँ। महिमामय पिता, हमारे प्रभु ईसा मसीह का ईश्वर, आप लोगों को प्रज्ञा तथा आध्यात्मिक दृष्टि प्रदान करे, जिससे आप उसे सचमुच जान जायें। वह आप लोगों के मन की आँखों को ज्योति प्रदान करे जिससे आप यह देख सकें कि उसके द्वारा बुलाये जाने के कारण आप लोगों की आशा कितनी महान्‌ है और सन्तों के साथ आप लोगों को जो विरासत मिली है, वह कितनी वैभवपूर्ण तथा महिमामय है।

प्रभु की वाणी।

जयघोष : 1 तिमथी 35:16

अल्लेलूया ! अल्लेलूया। मसीह मनुष्य के रूप में प्रकट हुए, आत्मा के द्वारा सत्य प्रमाणित हुए, स्वर्गदूतों को दिखाई पड़े, गैर-यहूदियों में प्रचारित हुए, संसार भर में उन पर विश्वास किया गया और वह महिमा में आरोहित कर लिये गये। अल्लेलूया।

सुसमाचार

योहन के अनुसार पवित्र सुसमाचार 1:1-18

शब्द ने देह धारण किया और हमारे बीच रहा।

आदि में शब्द था, शब्द ईश्वर के साथ था और शब्द ईश्वर था। वह आदि में ईश्वर के साथ था। उसके द्वारा सब कुछ उत्पन्न हुआ और उसके बिना कुछ भी उत्पन्न नहीं हुआ। उस में जीवन था, और वह जीवन मनुष्यों की ज्योति था। वह ज्योति अन्धकार में चमकती रहती है - अन्धकार ने उसे नहीं बुझाया। ईश्वर का भेजा हुआ योहन नामक मनुष्य प्रकट हुआ। वह साक्षी के रूप में आया, जिससे वह ज्योति के विषय में साक्ष्य दे और सब लोग उसके द्वारा विश्वास करें। वह स्वयं ज्योति नहीं था; उसे ज्योति के विषय में साक्ष्य देना था। शब्द वह सच्ची ज्योति था, जो प्रत्येक मनुष्य का अन्धकार दूर करती है। वह संसार में आ रहा था। वह संसार में था, संसार उसके द्वारा उत्पन्न हुआ; किन्तु संसार ने उसे नहीं पहचाना। वह अपने यहाँ आया और उसके अपने लोगों ने उसे नहीं अपनाया। जितनों ने उसे अपनाया, और जो उसके नाम में विश्वास करते हैं, उन सबों को उसने ईश्वर की सन्तति बनने का अधिकार दिया। वे न तो रक्त से, न शरीर की वासना से, और न मनुष्य की इच्छा से, बल्कि ईश्वर से उत्पन्न हुए हैं। शब्द ने शरीर धारण कर हमारे बीच निवास किया। हमने उसकी महिमा देखी। वह पिता के एकलौते की महिमा जैसी है - अनुग्रह और सत्य से परिपूर्ण। योहन ने पुंकार-पुकार कर उनके विषय में यह साक्ष्य दिया, “यह वही हैं जिनके विषय में मैंने कहा - जो मेरे बाद आने वाले हैं, वह मुझ से बढ़ कर हैं; क्योंकि वह मुझ से पहले विद्यमान थे।” उनकी परिपूर्णता से हम सबों को अनुग्रह पर अनुग्रह मिला है। संहिता तो मूसा के द्वारा दी गयी है, किन्तु अनुग्रह और सत्य ईसा मसीह द्वार मिला है। किसी ने कभी इंश्वर को नहीं देखा; पिता की गोद में रहने वाले एकलौते, ईश्वर ने उसे प्रकट किया है।

प्रभु का सुसमाचार।