24 दिसम्बर : संध्या का मिस्सा

पहला पाठ

येरुसालेम के प्रति ईश्वर का प्रेम कितना गहरा है। इस बात को समझाने के लिए नबी इसायस कहते हैं कि ईश्वर येरुसालेम को उस तरह प्यार करता है जिस तरह पति अपनी पत्नी को। येरुसालेम का अर्थ है कलीसिया में एकत्र की गयी समस्त मानव जाति।

नबी इसायस का ग्रंथ 62:1-5

"प्रभु आप लोगों पर प्रसन्न है।"
मैं सियोन के विषय में तब तक चुप नहीं रहूँगा, मैं येरुसालेम के विषय में तब तक विश्राम नहीं लूँगा, जब तक उसकी धार्मिकता उषा की तरह नहीं चमकेगी, जब तक उसका उद्धार धधकती मशाल की तरह प्रकट नहीं होगा। तब राष्ट्र तेरी धार्मिकता देखेंगे, और समस्त राजा तेरी महिमा। तेरा एक नया नाम रखा जायेगा, जो प्रभु के मुख से उच्चरित होगा। तू प्रभु के हाथ में एक गौरवपूर्ण मुकुट बन जायेगी, अपने ईश्वर के हाथ में एक राजकीय किरीट। तू न तो फिर ‘परित्यक्ता' कहलायेगी और न तेरा देश ' उजाड़'। किन्तु तू 'परमप्रिय' कहलायेगी। और तेरे देश का नाम होगा – 'सुहागिन', क्योंकि प्रभु तुझ पर प्रसन्न है। तेरे देश को एक स्वामी मिल जायेगा। जिस तरह नवजवान किसी कन्या को ब्याहता है, उसी तरह तेरा निर्माता तेरा पाणिग्रहण करेगा। जिस तरह वर अपनी वधू पर रीझता है, उसी तरह तेरा ईश्वर तुझ पर प्रसन्न होगा।

प्रभु की वाणी।

भजन स्तोत्र 88:4-5,16-17,27,29

अनुवाक्य : हे प्रभु! मैं तेरी कृपा का गीत सदा गाता रहूँगा।

1. मैं अपने कृपापात्र को प्रतिज्ञा दे चुका हूँ। मैंने शपथ खा कर अपने सेवक दाऊद से कहा- मैं तुम्हारा वंश सदा-सर्वदा के लिए स्थापित करूँगा, तुम्हारा सिंहासन युग युगों तक सुदृढ़ बनाये रखूँगा।

2. धन्य है वह प्रजा, जो ऐसे राजा का स्वागत करती है, जो तेरे मुखमंडल की ज्योति में चलती है, जो तेरे नाम पर प्रतिदिन आनन्द मनाती और तेरे न्याय पर गौरव करती है।

3. वह मुझ से कहेगा, "तू ही मेरा पिता, मेरा ईश्वर और मेरा उद्धारक है"। मेरी कृपा उस पर बनी रहेगी। मेरी प्रतिज्ञा उसके लिए चिरस्थायी है।

दूसरा पाठ

ईश्वर ने इस्राएल के प्रति अपनी प्रतिज्ञा पूरी की। वह सत्यप्रतिज्ञ है। उसने अंत में अपने पुत्र को संसार में भेजा है ताकि वह सब मनुष्यों को जीवन प्रदान करें।

प्रेरित चरित 13:16-17,22-25

"दाऊद के पुत्र खीस्त के विषय में पौलुस का साक्ष्य।"

तब पौलुस उठ खड़ा हुआ और हाथ से उन्हें चुप रहने का संकेत कर यह कहने लगा, "इस्राएली भाइयो और ईश्वर भक्त सज्जनो ! सुनिए ! इस्राएली प्रजा के ईश्वर ने हमारे पूर्वजों को चुन लिया, उन्हें मिस्र देश में प्रवास के समय महान् बना दिया और इसके बाद अपने भुजबल से उन्हें वहाँ से निकाल लिया। ईश्वर ने दाऊद को उनका राजा बना दिया और इसके विषय में यह साक्ष्य दिया- मुझे अपने मन के अनुकूल एक मनुष्य, येस्से का पुत्र दाऊद, मिल गया है। वह मेरी सब इच्छाएँ पूरी करेगा। ईश्वर ने अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार उसी दाऊद के वंश में इस्राएल के लिए एक मुक्तिदाता अर्थात् येसु को उत्पन्न किया है। उनके आगमन से पहले अग्रदूत योहन ने इस्राएल की सारी प्रजा को पश्चात्ताप के बपतिस्मा का उपदेश दिया था। अपना जीवन-कार्य पूरा करते समय योहन ने कहा - तुम लोग मुझे जो समझते हो, मैं वह नहीं हूँ। किन्तु देखो - मेरे बाद वह आने वाले हैं, जिनके चरणों के जूते मैं खोलने योग्य नहीं हूँ।"

प्रभु की वाणी।

जयघोष

अल्लेलूया, अल्लेलूया ! कल पृथ्वी का अधर्म नष्ट हो जायेगा और संसार का मुक्तिदाता हम पर राज्य करेगा। अल्लेलूया !

सुसमाचार

ईश्वर मनुष्य बन गया। यह रहस्य हमारी समझ के परे है। हम सन्त यूसुफ़ की तरह इस पर दृढ़ विश्वास करें, क्योंकि ईश्वर के लिए कोई भी बात असंभव नहीं है।

मत्ती के अनुसार पवित्र सुसमाचार 1:1-25

"मरियम पुत्र को प्रसव करेंगी और आप उसका नाम येसु रखना।"

इब्राहीम की सन्तान, दाऊद के पुत्र, येसु ख्रीस्त की वंशावली : इब्राहीम से इसहाक उत्पन्न हुआ, इसहाक से याकूब, याकूब से यूदस और उसके भाई, यूदस और थामर से फ़ारेस और जारा उत्पन्न हुए। फ़ारेस से एस्रोम, एस्रोम से अराम, अराम से अमीनदाब, अमीनदाब से नास्सोन, नास्सोन से सलमोन, सलमोन और रखाब से बोज़, बोज़ और रूथ से ओबेद, ओबेद से येस्से, येस्से से राजा दाऊद उत्पन्न हुआ। दाऊद और उरियस की विधवा से सुलेमान उत्पन्न हुआ। सुलेमान से रोबोआम, रोबोआम से अबीया, अबीया से आसाफ़, आसाफ़ से योसफ़ात, योसफ़ात से योराम, योराम से ओज़ियस, ओज़ियस से योअथाम, योअथाम से अखाज, अख़ाज से एज़िकीअस, एज़िकीअस से मनस्सेस, मनस्सेस से आमोस, आमोस से योसिअस और बाबुल - निर्वासन के समय योसिअस से येखोनिअस और उसके भाई उत्पन्न हुए। बाबुल - निर्वासन के बाद येखोनिअस से सलाथिएल उत्पन्न हुआ। सलाथिएल से ज़ोरोबबेल, ज़ोरोबबेल से अबियुद, अबियुद एलियाकिम, एलियाकिम से आज़ोर, आज़ोर से सादोक, सादोक से आखिम, आखिम से एलियुद, एलियुद से एलियाज़ार एलियाज़ार से मत्थान, मत्थान से याकूब, याकूब से मरियम का पति यूसुफ़, और मरियम से येसु उत्पन्न हुए, जो ख्रीस्त कहलाते हैं। इस प्रकार इब्राहीम से दाऊद तक कुल चौदह पीढ़ियाँ हैं, दाऊद से बाबुल - निर्वासन तक चौदह पीढ़ियाँ और बाबुल - निर्वासन से मसीह तक चौदह पीढ़ियाँ।

[यहाँ से सुसमाचार लघु रूप शुरु होता है। (मत्ती 1:18-25)
]

मसीह का जन्म इस प्रकार हुआ। उनकी माता मरियम की मँगनी यूसुफ़ से हुई थी, परन्तु ऐसा हुआ कि उनके एक साथ रहने से पहले ही मरियम पवित्र आत्मा से गर्भवती हो गयी थी। उसका पति यूसुफ़ उसे चुपके से त्याग देने की सोच रहा था, क्योंकि वह धर्मी था और मरियम को बदनाम नहीं करना चाहता था। वह इस पर विचार कर ही रहा था कि उसे स्वप्न में प्रभु का दूत यह कहते हुए दिखाई दिया, "हे यूसुफ़, दाऊद की सन्तान ! अपनी पत्नी मरियम को अपने यहाँ लाने से मत डरिए, क्योंकि उनके जो गर्भ है, वह पवित्र आत्मा से है। वह पुत्र को प्रसव करेंगी और आप उसका नाम येसु रखेंगे, क्योंकि वह अपने लोगों को उनके पापों से मुक्त करेगा। " यह सब इसलिए हुआ कि नबी के मुख से प्रभु ने जो कहा था, वह पूरा हो जाये - देखो, एक कुँवारी गर्भवती होगी और पुत्र को प्रसव करेगी, और उसका नाम एम्मानुएल रखा जायेगा, जिसका अर्थ है: ईश्वर हमारे साथ है। यूसुफ़ नींद से उठ कर प्रभु दूत के आज्ञानुसार अपनी पत्नी को अपने यहाँ ले आया। यूसुफ़ का उस से तब तक संसर्ग नहीं हुआ, जब तक उसने पुत्र को प्रसव नहीं किया और यूसुफ़ ने उसका नाम येसु रखा।

प्रभु का सुसमाचार।

25 दिसम्बर : ख्रीस्त जयन्ती रात्रि का मिस्सा

पहला पाठ

मनुष्य अंधकार में थे और पाप के दास थे। मसीह के जन्म से उन पर ज्योति का उदय हुआ। मसीह उन्हें पाप से मुक्त करेंगे और आनन्द प्रदान करेंगे।

नबी इसायस का ग्रंथ 9:2-4,6-7

"हम को एक पुत्र मिल गया है।"

अन्धकार में भटकने वालों ने एक महती ज्योति देखी है, अन्धकारमय प्रदेश में रहने वालों पर ज्योति का उदय हुआ तूने उन लोगों को आनन्द और उल्लास प्रदान किया है। फसल लुनते समय या लूट बाँट लेते समय जिस तरह उल्लास होता है, वे उसी तरह तेरे सामने आनन्द मना रहे हैं। उन पर रखा हुआ भारी जूआ, उनके कंधो पर लटकने वाली बहँगी, उन पर अत्याचार करने वाले का डंडा यह सब तूने तोड़ डाला है, जैसा कि मिदयान के दिन हुआ था। सैनिकों के सभी भारी जूते और समस्त रक्त-रंजित वस्त्र जला दिये गये हैं। यह इसलिए हुआ कि हमारे लिए एक बालक उत्पन्न हुआ है, हम को एक पुत्र मिला है। राज्याधिकार उसके कंधों पर रखा गया है और उसका नाम होगा - अपूर्व परामर्शदाता, शक्तिशाली ईश्वर, शाश्वत पिता, शांति प्रदान करने वाला राजा। वह दाऊद के सिंहासन पर विराजमान हो कर सदा के लिए शांति, न्याय और धार्मिकता का साम्राज्य स्थापित करेगा। विश्वमंडल के प्रभु का अनन्य प्रेम यह कार्य सम्पन्न करेगा।

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 95:1-3,11-13

अनुवाक्य : आज हमारे लिए मुक्तिदाता, प्रभु मसीह का जन्म हुआ है। (लूकस 2:11)

1. प्रभु के आदर में नया गीत गाओ। समस्त पृथ्वी प्रभु का भजन सुनाये। भजन गाते हुए प्रभु का नाम धन्य कहो।

2. दिन-प्रतिदिन उसका मुक्ति-विधान घोषित करते जाओ। सभी राष्ट्रों में उसकी महिमा का बखान करो। सभी लोगों को उसके अपूर्व कार्यों का गीत सुनाओ।

3. स्वर्ग में आनन्द हो और पृथ्वी पर उल्लास। सागर की लहरें गरज उठें, खेतों के पौधे खिल जायें और वन के सभी वृक्ष आनन्द का गीत गायें।

4. क्योंकि प्रभु का आगमन निश्चित है। वह पृथ्वी का न्याय करने आ रहा है। वह धर्म और सच्चाई से संसार के राष्ट्रों का शासन करेगा।

दूसरा पाठ

मसीह इसलिए आये कि वह मनुष्यों के विचार दुनिया से हटा कर उन्हें ईश्वर के पास जाने के योग्य बना दें।
तीतुस के नाम सन्त पौलुस का पत्र 2:11-14
"ईश्वर की कृपा सभी मनुष्यों के लिए प्रकट हो गयी है।"

प्रियवर ! ईश्वर की कृपा सभी मनुष्यों की मुक्ति के लिए प्रकट हो गयी है। वह हमें यह शिक्षा देती है कि अधार्मिकता तथा विषय-वासना त्याग कर हम इस पृथ्वी पर संयम, न्याय तथा भक्ति का जीवन बितायें और उस दिन की प्रतीक्षा करें, जब हमारी आशाएँ पूरी हो जायेंगी और हमारे महान् ईश्वर एवं मुक्तिदाता येसु मसीह की महिमा प्रकट हो जायेगी। उन्होंने हमारे लिए अपने को बलि चढ़ाया है। जिससे वह हमें हर प्रकार की बुराई से मुक्त करें और हमें एक ऐसा प्रजा बना दें, जो शुद्ध हो, जो उनकी अपनी हो और जो भलाई करने के लिए उत्सुक हो। हमारे प्रभु येसु मसीह के नाम पर ये बातें समझाते हुए उपदेश दीजिए।

प्रभु की वाणी।

जयघोष : लूकस 2:10-11

अल्लेलूया, अल्लेलूया ! मैं तुम्हें बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूँ : आज हमारे मुक्तिदाता प्रभु मसीह का जन्म हुआ है। अल्लेलूया !

सुसमाचार

जब मसीह का जन्म हुआ था, तो इसकी खबर सब से पहले गरीबों को मिली। जो अपने को दीन-हीन समझता है, वह ईश्वर के राज्य में प्रवेश करने के योग्य है।

लूकस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 2:1-14

उन दिनों कैसर अगस्तुस ने समस्त जगत् की जनगणना की राजाज्ञा निकाली। यह पहली जनगणना थी और उस समय क्विरिनियस सीरिया का राज्यपाल था। सब लोग नाम लिखवाने के लिए अपने-अपने नगर जाते थे। यूसुफ दाऊद के घराने और वंश का था; इसलिए वह गलीलिया के नाजरेत नगर से यहूदिया में दाऊद के बेथलेहेम नगर गया जिससे वह अपनी गर्भवती पत्नी मरियम के साथ नाम लिखवाये। वे वहीं थे जब मरियम के गर्भ के दिन पूरे हो गये, और उसने अपने एकलौठे पुत्र को जन्म दिया और उसे कपड़ों में लपेट कर चरनी में लिटा दिया; क्योंकि उनके लिए सराय में जगह नहीं थी। उस प्रांत में चरवाहे खेतों में रहा करते थे। वे रात को बारी-बारी से जाग कर अपने झुंड की रखवाली करते थे। प्रभु का दूत अचानक उनके पास आ कर खड़ा हो गया। ईश्वर की महिमा उनके चारों ओर चमक उठी और वे बहुत अधिक डर गये। स्वर्गदूत ने उन से कहा "डरो मत, देखो, मैं तुम्हें सभी लोगों के लिए बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूँ। आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिए एक मुक्तिदाता, प्रभु मसीह का जन्म हुआ है। तुम उन्हें इस चिह्न से पहचान लोगे : तुम एक बालक को कपड़ों में लपेटा और चरनी में लेटा हुआ पाओगे। " एकाएक उस स्वर्गदूत साथ स्वर्गीय सेना का समूह दिखाई दिया जो यह कह कर ईश्वर की स्तुति करने लगा, “सर्वोच्च स्वर्ग में ईश्वर की महिमा प्रकट हो और पृथ्वी पर उसके कृपापात्रों को शांति मिले। "

प्रभु का सुसमाचार।

25 दिसम्बर : ख्रीस्त जयन्ती - भोर का मिस्सा

पहला पाठ

मसीह के आगमन से दुनिया बदल गयी है। उस में नव-जीवन आ गया है। इस तरह इसायस का यह कथन पूरा हो गया है कि ईश्वर की प्रजा का एक नया नाम रखा जायेगा।

नबी इसायस का ग्रंथ 62:11-12

"देखिए ! आपके मुक्तिदाता आ रहे हैं।"

यह है समस्त पृथ्वी के लिए ईश्वर का संदेश। सियोन की पुत्री से यह कहो : देख ! तेरे मुक्तिदाता आ रहे हैं। वह अपना पुरस्कार अपने साथ ला रहे हैं। और उनका विजयोपहार भी उनके साथ है। वे 'पवित्र प्रजा' और 'प्रभु के मुक्ति प्राप्त लोग' कहलायेंगे और तेरा नाम 'परमप्रिय' तथा 'अपरित्यक्त नगरी' रखा जायेगा।

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 96:1,6,11-12

अनुवाक्य : आज हम पर ज्योति चमकने लगेगी, क्योंकि प्रभु ने हमारे लिए जन्म लिया है।

1. प्रभु राज्य करता है। पृथ्वी प्रफुल्लित हो उठे, असंख्य द्वीप आनन्द मनायें। आकाश प्रभु का न्याय घोषित करता है। सभी राष्ट्र उसकी महिमा देखते हैं।

2. धर्मी और निष्कपट लोगों के लिए ज्योति और आनन्द का उदय हुआ है। हे धर्मियो ! प्रभु में आनन्द मनाओ और उसके पवित्र नाम की स्तुति करो।

दूसरा पाठ

ईश्वर मनुष्य बन गया ताकि वह बपतिस्मा द्वारा मनुष्यों को ईश्वरीय जीवन का भागी बना सके। यह हमारे किसी पुण्य कर्म के कारण नहीं हुआ, बल्कि इसलिए हुआ कि ईश्वर परमदयालु हैं।

तीतुस के नाम सन्त पौलुस का पत्र 3:4-7

"परमदयालु प्रभु ने हमें मुक्ति प्रदान की है।"

हमारे मुक्तिदाता परमेश्वर की कृपालुता तथा मनुष्यों के प्रति उसका प्रेम पृथ्वी पर प्रकट हो गया है। उसने नवजीवन के जल और पवित्र आत्मा की संजीवन शक्ति द्वारा हम को बचाया है। उसने हमारे किसी पुण्य कर्म के कारण ऐसा नहीं किया है, बल्कि इसलिए कि वह दयालु है। उसने हमारे मुक्तिदाता येसु मसीह द्वारा हमें पवित्र आत्मा का प्रचुर वरदान दे दिया है, जिससे हम उसकी कृपा की सहायता से धर्मी बन कर अनन्त जीवन के उत्तराधिकारी बनने की आशा कर सकें।

प्रभु की वाणी।

जयघोष : लूकस 2:14

अल्लेलूया, अल्लेलूया ! सर्वोच्च स्वर्ग में ईश्वर की महिमा प्रकट हो और पृथ्वी पर उसके कृपापात्रों को शांति मिले। अल्लेलूया !

सुसमाचार

जो सब से पहले मसीह के पास पहुँचते हैं, वे भोले-भाले अशिक्षित चरवाहे हैं, जिन्होंने निष्कपट हृदय से स्वर्गदूतों के संदेश पर विश्वास किया।

लूकस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 2:15-20

"चरवाहों ने मरियम, यूसुफ़ तथा बालक को पाया।"

जब स्वर्गदूत उन से विदा हो कर स्वर्ग चले गये, तो चरवाहे एक दूसरे से यह कहने लगे, "चलो, हम बेथलेहेम जा कर इस घटना को देखें, जिसे प्रभु ने हम पर प्रकट किया है। " वे शीघ्र ही चल पड़े और उन्होंने मरियम, यूसुफ तथा चरनी में लेटे हुए बालक को पाया। उसे देखने के बाद उन्होंने यह बताया कि इस बालक के विषय में उन से क्या-क्या कहा गया है। सभी सुनने वाले चरवाहों की बातों पर चकित हो जाते थे। मरियम उन सब बातों को अपने हृदय में रख कर उन पर विचार किया करती थी। जैसा चरवाहों से कहा गया था, वैसा ही उन्होंने सब कुछ देखा और सुना; इसलिए वे ईश्वर का गुणगान और स्तुति करते हुए लौट गये।

प्रभु का सुसमाचार।

25 दिसम्बर : ख्रीस्त जयन्ती - दिन का मिस्सा

पहला पाठ

नबी इसायस निर्वासित यहूदियों को यह शुभ संदेश देते हैं कि येरुसालेम का उद्धार हो जायेगा और वे फिर अपने देश लौट जायेंगे। येरुसालेम का उद्धार मसीह द्वारा हमारे उद्धार का प्रतीक है।

नबी इसायस का ग्रंथ 52:7-10

"पृथ्वी के कोने-कोने में हमारे ईश्वर का मुक्ति - विधान प्रकट हुआ है।"

जो शांति घोषित करता है, सुसमाचार सुनाता है, कल्याण का संदेश ले आता और सियोन से कहता है, "तेरा ईश्वर राज्य करता है" - इस प्रकार शुभ संदेश सुनाने वाले के चरण पर्वतों पर कितने सुन्दर लगते हैं। येरुसालेम ! तेरे पहरेदार एक साथ ऊँचे स्वर से आनन्द के गीत गाते हैं। वे अपनी आँखों से देख रहे हैं कि प्रभु ईश्वर सियोन की ओर वापस आ रहा है। येरुसालेम के खंडहर आनन्द-विभोर हो कर जयकार करें। प्रभु ईश्वर ने अपनी प्रजा को सान्त्वना दी है और येरुसालेम का उद्धार किया है। प्रभु ईश्वर ने समस्त राष्ट्रों के देखते-देखते अपना पावन सामर्थ्य प्रदर्शित किया है। पृथ्वी के कोने-कोने में हमारे ईश्वर का मुक्ति-विधान प्रकट हुआ है।

प्रभु की वाणी।

भजन स्तोत्र 97:1-6

अनुवाक्य : पृथ्वी के कोने-कोने में हमारे ईश्वर का मुक्ति - विधान प्रकट हुआ है।

1. प्रभु के आदर में नया गीत गाओ, क्योंकि उसने अपूर्व कार्य किये हैं। उसके दाहिने हाथ और पवित्र भुजा ने हमारा उद्धार किया है।

2. प्रभु ने अपना मुक्ति-विधान प्रकट किया और सभी राष्ट्रों को अपना न्याय दिखाया है। उसने अपनी प्रतिज्ञा का ध्यान रख कर इस्राएल के घराने की सुध ली है।

3. पृथ्वी के कोने-कोने में हमारे ईश्वर का मुक्ति-विधान प्रकट हुआ है। समस्त पृथ्वी आनन्द मनाये और ईश्वर का गुणगान करे।

4. वीणा बजा कर प्रभु के आदर में भजन गा कर सुनाओ। तुरही और नरसिंघे बजा कर अपने प्रभु ईश्वर का जयकार करो।

दूसरा पाठ

ईश्वर शताब्दियों तक नबियों द्वारा हमें शिक्षा देता रहा। अंत में उसने अपने पुत्र को हमारे पास भेजा। उस पुत्र ने हमारे पापों के लिए प्रायश्चित्त किया और अब वह ईश्वर के दाहिने विराजमान है।

इब्रानियों के नाम पत्र 1:1-6

"ईश्वर हम से पुत्र के मुख से बोला है।"

प्राचीन काल में ईश्वर बारम्बार और विविध रूपों में हमारे पुरखों से नबियों द्वारा बोला था। अब अंत में वह हम से पुत्र द्वारा बोला है। उसने उस पुत्र के द्वारा समस्त विश्व की सृष्टि की है और उसी को सब कुछ का उत्तराधिकारी नियुक्त किया। वह पुत्र अपने पिता की महिमा का प्रतिबिम्ब और उसके तत्त्व का पूरा प्रतिरूप है। वह पुत्र अपने शक्तिशाली शब्द द्वारा समस्त सृष्टि की रक्षा करता है। उसने हमारे पापों का प्रायश्चित्त किया और अब वह सर्वशक्तिमान् ईश्वर के दाहिने विराजमान है। उसका स्थान स्वर्गदूतों से ऊँचा है, क्योंकि जो नाम उसे उत्तराधिकार में मिला है, वह उनके नाम से कहीं अधिक श्रेष्ठ है। क्या ईश्वर ने कभी किसी स्वर्गदूत से यह कहा, "तुम मेरे पुत्र हो, आज मैंने तुम्हें उत्पन्न किया है" और "मैं उसके लिए पिता बन जाऊँगा और वह मेरा पुत्र होगा"? फिर वह अपने पहलौठे को संसार के सामने प्रस्तुत करते हुए कहता है, "ईश्वर के सभी स्वर्गदूत उसकी आराधना करें। '

प्रभु की वाणी।

जयघोष

अल्लेलूया, अल्लेलूया ! हमारे लिए एक पुण्य दिवस का उदय हुआ है। सभी राष्ट्र आ कर प्रभु की आराधना करें, क्योंकि आज एक महती ज्योति पृथ्वी पर उतर आयी है। अल्लेलूया !

सुसमाचार

सन्त योहन अपने सुसमाचार के प्रारंभ में यह स्पष्ट कर देते हैं कि मसीह ईश्वर हैं। वह हमारा अंधकार दूर करने और हमें ईश्वर की सन्तान बनाने आये थे।

योहन के अनुसार पवित्र सुसमाचार 1:1-18

[ कोष्ठक में रखा अंश छोड़ दिया जा सकता है ]
"शब्द ने शरीर धारण कर हमारे बीच निवास किया।"

आदि में शब्द था, शब्द ईश्वर के साथ था और शब्द ईश्वर था। वह आदि में ईश्वर के साथ था। उसके द्वारा सब कुछ उत्पन्न हुआ और उसके बिना कुछ भी उत्पन्न नहीं हुआ। उस में जीवन था, और वह जीवन मनुष्यों की ज्योति था। वह ज्योति अंधकार में चमकती रहती है - अंधकार ने उसे नहीं बुझाया।

[ ईश्वर का भेजा हुआ योहन नामक एक मनुष्य प्रकट हुआ। वह साक्षी के रूप में आया, जिससे वह ज्योति के विषय में साक्ष्य दे और सब लोग उसके द्वारा विश्वास करें। वह स्वयं ज्योति नहीं था; उसे ज्योति के विषय में साक्ष्य देना था।]

शब्द वह सच्ची ज्योति था, जो प्रत्येक मनुष्य का अंधकार दूर करती है; वह संसार में आ रहा था। वह संसार में था, संसार उसके द्वारा उत्पन्न हुआ; किन्तु संसार ने उसे नहीं पहचाना। वह अपने यहाँ आया और उसके अपने लोगों ने उसे नहीं अपनाया। जितनों ने उसे अपनाया, और जो उसके नाम में विश्वास करते हैं, उन सबों को उसने ईश्वर की संतति बनने का अधिकार दिया है। वे न तो रक्त से, न शरीर की वासना से और न मनुष्य की इच्छा से, बल्कि ईश्वर से उत्पन्न हुए हैं। शब्द ने शरीर धारण कर हमारे बीच निवास किया। हम ने उसकी महिमा देखी; वह पिता के एकलौते पुत्र की महिमा जैसी है – अनुग्रह और सत्य से परिपूर्ण।

[ योहन ने पुकार -पुकार कर उनके विषय में यह साक्ष्य दिया, "यह वही हैं जिनके विषय में मैंने कहा - जो मेरे बाद आने वाले हैं, वह मुझ से बढ़कर हैं, क्योंकि वह मुझ से पहले थे"। उनकी परिपूर्णता से सबों को अनुग्रह पर अनुग्रह मिला है। संहिता तो मूसा के द्वारा दी गयी है, किन्तु अनुग्रह और सत्य येसु ख्रीस्त द्वारा मिला है। किसी ने कभी ईश्वर को देखा नहीं; पिता की गोद में रहने वाले एकलौते ईश्वर ने उसे प्रकट किया है।]

प्रभु का सुसमाचार।