21 दिसम्बर

पहला पाठ

श्रेष्ठ गीत 2:8-14

"मेरा प्रियतम पर्वतों पर उछलते-कूदते आ रहा है।"

मैं अपने प्रियतम की आवाज़ सुन रही हूँ - वह पर्वतों पर उछलते-कूदते, पहाड़ियों को लाँघते हुए, आ रहा है। मेरा प्रियतम चकोर के सदृश है अथवा तरुण मृग के सदृश। वह हमारी दीवाल की ओट में खड़ा है, वह खिड़की से ताक रहा है, वह जा में से झाँक रहा है। मेरा प्रियतम बोल रहा है। वह मुझ से कहता है, "प्रिये ! सुन्दरी ! उठो, मेरे साथ चलो। सुनो ! शीतकाल बीत गया है, वर्षा- ऋतु समाप्त हो रही है। पृथ्वी पर फूल खिलने लगे। गीत गाने का समय आ गया, और हमारे देश में कपोत की कूजन सुनाई दे रही है। अंजीर के पेड़ में नये फल लगे हैं और दाखलताओं के फूल महक रहे हैं।" "प्रिये ! सुन्दरी ! उठो, मेरे साथ चलो। मेरी कपोती ! चट्टानों की दरारों में, पर्वतों की गुफाओं में छिपने वाली! मुझे अपना मुख दिखाओ, अपनी आवाज़ सुनने दो, क्योंकि तुम्हारा कंठ मधुर है और तुम्हारा मुख सुन्दर है।"

प्रभु की वाणी।

वैकल्पिक पहला पाठ

नबी सफन्या का ग्रन्थ 3:14-18

"प्रभु तेरे बीच इस्राएल का राजा है।"

हे सियोन की पुत्री ! आनन्द का गीत गा। हे इस्त्राएल ! जयकार करो ! हे येरुसालेम की पुत्री ! सारे हृदय से आनन्द मना। प्रभु ने तेरा दण्डादेश रद्द किया और तेरे शत्रुओं को भगा दिया है। प्रभु तेरे बीच इस्राएल का राजा है। विपत्ति का डर तुझ से दूर हो गया है। उस दिन येरुसालेम से यह कहा जायेगा - "हे सियोन ! नहीं डरना, हिम्मत नहीं हारना। तेरा प्रभु-ईश्वर तेरे बीच है। वह विजयी योद्धा है। वह तेरे कारण आनन्द मनायेगा, वह अपने प्रेम से तुझे नवजीवन प्रदान करेगा, वह उत्सव के दिन की तरह तेरे कारण आनन्द-विभोर हो जायेगा।"

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 32:2-3,11-12,20-21

अनुवाक्य : हे धर्मियो ! प्रभु में आनन्द मनाओ। उसके आदर में नया गीत गाओ।

1. वीणा बजा कर प्रभु का धन्यवाद करो, सारंगी पर उसका स्तुतिगान करो। उसके आदर में नया गीत गाओ, मन लगा कर वीणा बजाओ।

2. प्रभु की योजनाएँ चिरस्थायी हैं, उसके उद्देश्य पीढ़ी-दर-पीढ़ी बने रहते हैं। धन्य हैं वे लोग, जिनका ईश्वर प्रभु है, जिन्हें प्रभु ने अपनी प्रजा बना लिया है।

3. हम प्रभु की राह देखते रहते हैं; वही हमारा उद्धारक और रक्षक है। हम उसकी सेवा करते हुए आनन्दित हैं और उसके पवित्र नाम पर भरोसा रखते हैं।

जयघोष

अल्लेलूया ! हे एम्मानुएल ! हमारे राजा और विधायक ! हे हमारे प्रभु ईश्वर ! हमें बचाने आने की कृपा कर। अल्लेलूया !

सुसमाचार

लूकस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 1:39-45

"मुझे यह सौभाग्य कैसे प्राप्त हुआ कि मेरे प्रभु की माता मेरे पास आयीं?"

मरियम पहाड़ी प्रदेश में यूदा के एक नगर के लिए शीघ्रता से चल पड़ी। उसने जकरियस के घर में प्रवेश कर एलीज़बेथ का अभिवादन किया। ज्यों ही एलीज़बेथ ने मरियम का अभिवादन सुना, बच्चा उसके गर्भ में उछल पड़ा और एलीज़बेथ पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो गयी। वह ऊँचे स्वर से बोल उठी, "आप नारियों में धन्य हैं और धन्य है आपके गर्भ का फल ! मुझे यह सौभाग्य कैसे प्राप्त हुआ कि मेरे प्रभु की माता मेरे पास आयीं? क्योंकि देखिए, ज्यों ही आपका प्रणाम मेरे कानों में पड़ा, बच्चा मेरे गर्भ में आनन्द के मारे उछल पड़ा। और धन्य हैं आप, जिन्होंने यह विश्वास किया कि प्रभु ने आप से जो कहा, वह पूरा हो जायेगा !”

प्रभु का सुसमाचार