प्रभु यह कहता है, "वे दिन आ रहे हैं, जब मैं दाऊद के लिए एक न्यायी वंशज उत्पन्न करूँगा। वह राजा बन कर बुद्धिमानी से शासन करेगा और अपने देश में न्याय और धार्मिकता बनाये रखेगा। "उसके राज्यकाल में यूदा का उद्धार होगा और इस्राएल सुरक्षित रहेगा। उसका यह नाम रखा जायेगा - प्रभु ही हमारी धार्मिकता है। "यह प्रभु का कहना है, 'वह समय आ रहा है, जब लोग फिर यह नहीं कहेंगे - प्रभु की जय ! वह इस्राएलियों को मिस्र देश से निकाल लाया है। वे यह कहेंगे - प्रभु की जय ! वह इस्राएल के वंशियों को उत्तरी देश से और उन सब देशों से वापस बुला कर लाया है, जहाँ उसने उन्हें विखेर दिया था। वे फिर अपनी ही भूमि में बस जायेंगे।"
प्रभु की वाणी।
1. हे ईश्वर ! राजा को अपना न्याय - अधिकार, राजपुत्र को अपनी न्यायशीलता प्रदान कर।
2. जिससे वह तेरी प्रजा का न्यायपूर्वक शासन करें और पद्दलितों की रक्षा करें। वह दुहाई देने वाले दरिद्रों और पद्दलितों की रक्षा करेंगे; वह निस्सहाय और दरिद्र पर तरस खा कर पद्दलितों के प्राण बचायेंगे।
3. प्रभु, इस्राएल का ईश्वर, धन्य है; उसने अपूर्व कार्य किये हैं। उसका महिमामय नाम सदा-सर्वदा धन्य हो। उसकी महिमा पृथ्वी भर में छायी रहे।
अल्लेलूया ! इस्राएली वंश के शासक ! तूने सिनाई पर्वत पर मूसा को संहिता दी है। तू अपना दाहिना हाथ पसार कर हमें बचाने आने की कृपा कर। अल्लेलूया !
मसीह का जन्म इस प्रकार हुआ। उनकी माता मरियम की मँगनी योसेफ से हुई थी, परन्तु ऐसा हुआ कि उनके एक साथ रहने से पहले ही मरियम पवित्र आत्मा से गर्भवती हो गयी। उसका पति योसेफ उसे चुपके से त्याग देने की सोच रहा था, क्योंकि वह धर्मी था और मरियम को बदनाम नहीं करना चाहता था। वह इस पर विचार कर ही रहा था कि उसे स्वप्न में प्रभु का दूत यह कहते हुए दिखाई दिया, "हे योसेफ, दाऊद की सन्तान! अपनी पत्नी मरियम को अपने यहाँ लाने से नहीं डरें, क्योंकि उनके जो गर्भ है वह पवित्र आत्मा से है। वह पुत्र प्रसव करेंगी और आप उसका नाम येसु रखेंगे, क्योंकि वह अपने लोगों को उनके पापों से मुक्त करेगा।" यह सब इसलिए हुआ कि नबी के मुख से प्रभु ने जो कहा था, वह पूरा हो जाये देखो, एक कुँवारी गर्भवती होगी और पुत्र प्रसव करेगी, और उसका नाम एम्मानुएल रखा जायेगा, जिसका अर्थ है : ईश्वर हमारे साथ है I योसेफ नींद से उठ कर प्रभु के दूत के आज्ञानुसार अपनी पत्नी को अपने यहाँ ले आया।
प्रभु का सुसमाचार।