आगमन का चौथा इतवार - वर्ष B

पहला पाठ

दाऊद कल्पना भी नहीं कर सकते थे कि किस प्रकार उनका राज्य अनन्तकाल तक बना रहने वाला था। इस प्रकार हम भी नहीं समझते कि ईश्वर हमारे लिए क्या-क्या तैयार कर रहा है।

समूएल का दूसरा ग्रंथ 7:1-5,8-11,16

"दाऊद का राज्य ईश्वर के समान अनन्तकाल तक बना रहेगा।"

जब दाऊद अपने महल में रहने लगा और प्रभु ने उसे उसके चारों ओर के सब शत्रुओं से छुड़ा दिया, तो राजा ने नबी नातान से कहा “देखिए, मैं तो देवदार के महल में रहता हूँ, किन्तु ईश्वर की मंजूषा तम्बू में रखी रहती है"। नातान ने राजा को यह उत्तर दिया, “आप, जो करना चाहते हैं, कीजिए। प्रभु आपका साथ देगा।" उसी रात प्रभु की वाणी नातान को इस प्रकार सुनाई पड़ी, "मेरे सेवक दाऊद के पास जा कर यह संदेश देना - प्रभु यह कहता है : क्या तुम मेरे लिए मंदिर बनवाना चाहते हो? तुम भेड़ें चराया करते थे और मैंने तुम्हें चरागाह से बुला कर अपनी प्रजा इस्राएल का शासक बना दिया है। मैंने तुम्हारे सब कार्यों में तुम्हारा साथ दिया और तुम्हारे सामने तुम्हारे सब शत्रुओं का सर्वनाश कर दिया है। मैं तुम्हें संसार के सब से महान् पुरुषों की जैसी ख्याति प्रदान करूँगा। मैं अपनी प्रजा इस्राएल के लिए भूमि का प्रबन्ध करूँगा और उसे वहाँ बसाऊँगा। वह वहाँ सुरक्षित रहेगी। कुकर्मी उस पर अत्याचार नहीं कर पायेंगे। ऐसा पहले हुआ करता था, जब मैंने अपनी प्रजा इस्राएल पर शासन करने के लिए न्यायकर्त्ताओं को नियुक्त किया था। मैं उसे उसके सब शत्रुओं से छुड़ाऊँगा। प्रभु तुम्हें महान् बनायेगा। प्रभु तुम्हारा वंश सुरक्षित रखेगा। तुम्हारा वंश और तुम्हारा राज्य अनन्तकाल तक बना रहेगा।"

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 88:2-5,27,29

अनुवाक्य : हे प्रभु! मैं सदा ही तेरी कृपा का गीत गाता रहूँगा।

1. हे प्रभु! मैं सदा ही तेरी कृपा का गीत गाता रहूँगा। मैं पीढ़ी-दर-पीढ़ी तेरी सत्यप्रतिज्ञता घोषित करता रहूँगा। तूने कहा "मेरी कृपा सदा ही बनी रहेगी। मेरी सत्यप्रतिज्ञता स्वर्ग की तरह चिरस्थायी है।"

2. मैं अपने कृपापात्र को प्रतिज्ञा दे चुका हूँ। मैंने शपथ खा कर अपने सेवक दाऊद से कहा “मैं तुम्हारा वंश सदा-सर्वदा के लिए स्थापित करूँगा, तुम्हारा सिंहासन युग युगों तक सुदृढ़ बनाये रखूँगा।"

3. वह मुझ से कहेगा, "तू ही मेरा पिता, मेरा ईश्वर और मेरा उद्धारक है।" मेरी कृपा उस पर बनी रहेगी। मेरी प्रतिज्ञा उसके लिए चिरस्थायी है।

दूसरा पाठ

सन्त पौलुस बराबर यह दोहराते थे कि येसु मसीह का संदेश दुनिया भर के सब लोगों के लिए है। हम ईश्वर को धन्यवाद दें कि उसने हमें बुलाया हैं।

रोमियों के नाम सन्त पौलुस का पत्र 16:25-27

"शताब्दियों से गुप्त रखा हुआ रहस्य अब प्रकट किया गया है।"

भाइयो ! सभी राष्ट्र विश्वास की अधीनता स्वीकार करें - उसी उद्देश्य से शाश्वत ईश्वर ने चाहा कि शताब्दियों से गुप्त रखा हुआ रहस्य प्रकट किया जाये और उसने आदेश दिया कि वह रहस्य नबियों के लेखों द्वारा सबों को बता दिया जाये। उसके अनुसार मैं येसु मसीह का सुसमाचार सुनाता हूँ। ईश्वर ही आप लोगों को उस सुसमाचार में सुदृढ़ बना सकता है। उसी एकमात्र सर्वज्ञ ईश्वर की, अनन्तकाल तक, येसु मसीह द्वारा महिमा हो। आमेन।

प्रभु की वाणी।

जयघोष : लूकस 1:38

अल्लेलूया, अल्लेलूया ! मैं प्रभु की दासी हूँ। आपका कथन मुझ में पूरा हो जाये। अल्लेलूया !

सुसमाचार

दाऊद का राज्य स्वर्गराज्य का प्रतीक था। येसु मसीह, दाऊद के पुत्र, अनन्त काल तक ईश्वर की प्रजा पर राज्य करेंगे।

लूकस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 1:26-38

"देखिए; आप गर्भवती होंगी और पुत्र प्रसव करेंगी।"

छठे महीने स्वर्गदूत गाब्रिएल, ईश्वर की ओर से, गलीलिया के नाजरेत नामक नगर में एक कुँवारी के पास भेजा गया जिसकी मँगनी दाऊद के घराने के युसूफ नामक पुरुष से हुई थी, और उस कुँवारी का नाम था मरियम। स्वर्गदूत ने उसके यहाँ अन्दर आ कर उस से कहा, "प्रणाम, प्रभु की कृपापात्री ! प्रभु आपके साथ है।" वह इन शब्दों से घबरा गयी और मन में सोचने लगी कि इस प्रणाम का क्या अभिप्राय है। तब स्वर्गदूत ने कहा, "मरियम ! डरिए नहीं। आपको ईश्वर की कृपा प्राप्त के है। देखिए, आप गर्भवती होंगी, पुत्र प्रसव करेंगी और उनका नाम येसु रखेंगी। वह महान् होंगे और सर्वोच्च प्रभु पुत्र कहलायेंगे। प्रभु-ईश्वर उन्हें उनके पिता दाऊद का सिंहासन प्रदान करेगा; वह याकूब के घराने पर सदा-सर्वदा राज्य करेंगे और उनके राज्य का अंत नहीं होगा।" पर मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, "यह कैसे हो सकता है? मेरा तो पुरुष से संसर्ग नहीं है। "स्वर्गदूत ने उत्तर दिया, "पवित्र आत्मा आप पर उतरेगा और सर्वोच्च प्रभु की शक्ति की छाया आप पर पड़ेगी। इसलिए जो आप से उत्पन्न होंगे, वह पवित्र होंगे और ईश्वर के पुत्र कहलायेंगे। देखिए, बुढ़ापे में आपकी कुटुम्बिनी एलीजबेथ के भी पुत्र होने वाला है। अब उसका, जो बाँझ कहलाती थी, छठा महीना हो रहा है; क्योंकि ईश्वर के लिए कुछ भी असंभव नहीं है। "मरियम ने कहा, "देखिए, मैं प्रभु की दासी हूँ। आपका कथन मुझ में पूरा हो जाये।" और स्वर्गदूत उसके पास से चला गया।

प्रभु का सुसमाचार